Business News:  दूध का करें बिजेनस, हर माह होगी जमकर कमाई
 

विशेषज्ञों का कहना है कि सूखे और दानेदार चारे के साथ-साथ हरा चारा भी बकरियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि हरा चारा कम छोड़ा जाए, बहुत अधिक दिया जाए या बिल्कुल न दिया जाए तो इससे बकरी के साथ-साथ उसके बच्चे को भी परेशानी होगी।
 

New Business News:  केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर बकरियों को हरा चारा विशेष तरीके से खिलाया जाए तो इससे बकरियों को दोगुना फायदा होता है


यदि बकरी को उसकी आदत के अनुसार हरा चारा खिलाया जाए तो यह औषधि के रूप में भी काम करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सूखे और दानेदार चारे के साथ-साथ हरा चारा भी बकरियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि हरा चारा कम छोड़ा जाए, बहुत अधिक दिया जाए या बिल्कुल न दिया जाए तो इससे बकरी के साथ-साथ उसके बच्चे को भी परेशानी होगी।

इस प्रकार चारा खिलाने से बकरी अधिक दूध देगी


सीआईआरजी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार ने किसानों को भी बताया कि गाय, भैंस और भेड़ की तुलना में बकरियां हरा चारा थोड़ा अलग तरीके से खाती हैं। आमतौर पर जब भी आप किसी बकरी को हरा चारा खाते हुए देखेंगे तो पाएंगे कि बकरी ऊपर की ओर मुंह करके बड़े चाव से हरा चारा खाती है। बकरी को ऐसा करना जरूर पसंद है, लेकिन जब किसी भी चीज को चाव से खाया जाए तो वह शरीर को ज्यादा फायदा पहुंचाती है।


इसलिए बकरियों और बकरियों को हरा चारा खिलाते समय उन्हें खुले मैदान, जंगल या मैदान में ले जाने का प्रयास करें। यदि यह सब संभव न हो तो हरे चारे का बंडल बनाकर बकरी के सामने थोड़ी ऊंचाई पर लटका दें या बकरी की ऊंचाई से थोड़ा ऊपर रखें। इसका मतलब यह है कि चारे को जमीन पर न रखें। बकरियों को गर्दन झुकाकर हरा चारा खाने में मजा नहीं आता।


हरा चाराविशेष तरीके से खिलाने से यह लाभ होता है

डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि हरे चारे में प्रोटीन, खनिज और विटामिन ए होता है। सभी प्रकार के पशुओं, खासकर बकरियों को इन सबकी बहुत जरूरत होती है। हरे चारे में मौजूद विटामिन ए न केवल बकरी के लिए आवश्यक है, बल्कि अगर बच्चे में इसकी कमी हो तो उसका विकास रुक जाएगा, सिर बड़ा हो जाएगा और आंखों की समस्याएं भी बढ़ जाएंगी। लेकिन यदि यह हरा चारा अधिक मात्रा में खा लिया जाए तो बकरी को दस्त लग जाती है और वह पोषण की कमी से पीड़ित होने लगती है।