Raksha Bandhan 2023 : रक्षाबंधन आज या कल? जानें राखी बांधना कब रहेगा शुभ

Raksha Bandhan 2023 : आज रक्षाबंधन का पवित्र पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
 

Raksha Bandhan 2023 : आज रक्षाबंधन का पवित्र पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि और रक्षाबंधन पर भद्रा के साया रहने के कारण राखी का त्योहार 30 और 31 अगस्त दोनों ही दिन मनाया जा रहा है।  


रक्षाबंधन पर सूर्य और शनि हुए आमने-सामने


इस वर्ष रक्षाबंधन पर ग्रहों के गोचर का एक खास संयोग बना रहा है। इस बार ज्योतिषीय गणना के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन शनि ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ की यात्रा पर हैं। कुंभ शनि की स्वंय की राशि है और 30 वर्षों के बाद शनि अपनी ही राशि में दोबारा से आए हैं। वहीं सूर्य जो की शनिदेव के पिता है वे एक दूसरे के आमने-सामने लगभग 180 डिग्री पर स्थिति होंगे। सूर्य भी अपनी खुद की राशि और शनि देव भी अपनी राशि में हैं। इस तरह से दोनों ही एक दूसरे के आमने-समाने हैं। 

क्यों नहीं बांधते भद्रा काल में राखी


भद्राकाल में राखी बांधना वर्जित होता है। इसके पीछे कई कथा प्रचलित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण की बहन ने भद्राकाल के दौरान राखी बांधी थी जिस कारण रावण और उसके समस्त साम्राज्य का अंत हो गया है। इस कारण से जिस वर्ष भी रक्षाबंधन पर पूर्णिमा तिथि पर भद्राकाल रहता है उसमें राखी नहीं बांधी जाती है। वहीं एक अन्य कथा के अनुसार भोलेनाथ भद्रा के समय तांडव करते है। इसलिए भी भद्रा काल का समय शुभ नहीं होता है।  वहीं भद्रा को सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन हैं। भद्रा स्वभाव से बहुत ही उग्र होती है। इस कारण से भी भद्रा को अशुभ माना जाता है। 


 रक्षाबंधन 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त


आज श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि है और आज ही सावन का आखिरी दिन भी है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इस बार रक्षाबंधन 30 और 31 अगस्त दोनों ही दिन मनाया जाएगा। दरअसल आज पूर्णिमा तिथि के आरंभ के साथ ही भद्रा लग जाएगी और यह भद्राकाल पूरे दिन तक चलेगी। भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ होता है ऐसे में आज श्रावणी पूर्णिमा होने के बावजूद राखी नहीं बांधी जा सकेगी। भद्रा रात के 09 बजकर 01 पर समाप्त होगी फिर राखी बांधी जा सकती है। 

पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 30 अगस्त 2023 की सुबह 10 बजकर 58 बजे से
पूर्णिमा तिथि का समापन: 31 अगस्त की सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक

भद्रा की शुरुआत: 30 अगस्त की सुबह 10 बजकर 59 मिनट बजे से 

भद्रा की समाप्ति: 30 अगस्त की रात 09 बजकर 01 मिनट पर

राखी बांधने का मुहूर्त: 30 अगस्त की रात 09 बजकर 03 मिनट से 31 अगस्त 2023 की सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।

रक्षाबंधन भद्रा पूंछ: 30 अगस्त की शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक
रक्षाबंधन भद्रा मुख: 30 अगस्त की शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक

आज रक्षाबंधन पर इतने बजे तक रहेगी भद्रा


शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन के त्योहार पर जब भद्राकाल न रहे तब राखी बांधनी चाहिए। इस बार श्रावण पूर्णिमा तिथि के शुरू होने के साथ ही भद्रा लग जाएगी जो पूरे दिन चलेगी। आज भद्राकाल का समय सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और रात 9 बजकर 01 मिनट पर खत्म होगा। ऐसे में भद्राकाल के खत्म होने के बाद ही राखी बांधना शुभ रहेगा। 

इस वर्ष रक्षाबंधन पर कई दशकों के बाद पंच महायोग बना हुआ है। ज्योतिष गणना के मुताबिक इस वर्ष रक्षाबंधन पर सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह मिलकर पंच महायोग का निर्माण किया। ऐसे में सभी के लिए राखी का त्योहार बहुत ही शुभ रहने वाला होगा।