जीवन की परेशानियों को दूर करता है ॐ नमः शिवाय मंत्र, जानें उसकी विधि
 

 

 सनातन धर्म में पूजा-पाठ का खास महत्व होता है. जीवन में जब भी व्यक्ति किसी भी परेशानी में घिरता है, तो सबसे पहले भगवान की ही शरण में जाता है. आज के समय में चिंता और परेशानी में डूबा इंसान अध्यातम का खूब सहारा ले रहे है. ऐसे में हिन्दू शास्त्रों में एक ऐसे मंत्र (manta) के बारे में बताया गया है, जो जीवन की परेशानियों को दूर करता है. जी हां “ॐ नमः शिवाय” (Om Namah Shivay) मंत्र के जाप से आत्मा की शुद्धि, तनाव आदि से मुक्ति मिलती है. हिन्दू धर्म में हर एक मंत्र अपना का एक विशेष महत्त्व होता है. मंत्रों के जाप से जीवन में सकारात्मक का उत्थान होता है.तो आइए जानते हैं “ॐ नमः शिवाय”  मंत्र के शक्तिशाली प्रभाव और इसके महत्व के बारे में-

पंच तत्वों का प्रतीक
सनातन धर्म के अनुसार ॐ नमः शिवाय ये पंचाक्षर कहलाता है, जो पंच तत्वों का प्रतीक माना जाता है. ये पांच तत्व मनुष्य के शरीर के साथ ही पूरी सृष्टि की हर वस्तु के निर्माण में सहयोगी है. इन पांच तत्वों के स्वामी खुद भगवान शिव हैं. “ॐ” ब्रम्हांड की ध्वनि है. “ॐ” का अर्थात शांति और प्रेम से है , यही कारण है कि पंचतत्वों के सामंजस्य के लिए “ॐ नमः शिवाय” का जप किया जाता है. ॐ नमः शिवाय: एक तरंग की तरह से है जो शांति को ऊर्जा को प्रदान करता है.


पंच तत्व नियंत्रित करना
ॐ नमः शिवाय का जप जो व्यक्ति को करता है वह अपने पांच तत्वों को नियंत्रित कर पाता है.  इस मंत्र के प्रभाव से भक्त शिव की ओर आकर्षित होते है. इसके  प्रभाव से हमेशा ही मन को शांति मिलती है और इसलिए यह ध्यान  की तरह से योगदार देना है. युगों से ऋषि और मुनि भी इस प्रभावी मंत्र का जाप करते रहे हैं.

इस मंत्र के आध्यात्मिक फायदे
1-अगर भक्त सभी मंत्रों से पहले केवल इस मंत्र का उच्चारण करते हैं तो सभी तरह की बाधाएं दूर होती हैं 2-ये मंत्र काम, क्रोध, घृणा, मोह, लोभ, भय, विषाद खत्म करता है. 3-ये मंत्र साहस और उत्साह को खूब भरता है, ये जीवन के हर तरह के अनजाने भय को दूर करता है. 4-इस मंत्र से मनुष्य जीवन चक्र का रहस्य समझता है. यह मंत्र मोक्ष प्राप्ति का साधन है. ॐ शब्द में त्रिदेवों का वास माना गया है.

ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कैसे और कब करें?

इस मंत्र जाप से पहले सुबह स्नान करना चाहिए.  हालांकि, आप मंत्र का जाप पूरे दिन मन में कर सकते हैं.  लेकिन भगवान शिव के इस प्रभावी मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय और सूर्यास्त का माना जाता है. इस मंत्र का जाप मन में चुपचाप करना चाहिए. मंत्र का जापकम से कम 108 बार जाप करना चाहिए. रात में सोने से पहले और सुबह उठकर बिस्तर पर ही इसका जाप करने से जीवन में सफलता मिलती है.