क्या अब बुखार में खाये Paracetamol, एक्सपर्ट्स ने दी ये सलाह
Jagruk Youth News, New delhi, 27 September 2024, Paracetamol Alternatives : हाल ही में आई देश के ड्रग रेगुलेटर की रिपोर्ट ने इस दवा को लेकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है जिसमें इसे क्वालिटी टेस्ट में फेल बताया गया है। यानी भरोसे की गोली अब भरोसे वाली नहीं रही। अगर आप भी पेरासिटामोल पर भरोसा जताते आ रहे हैं तो अब आपको अपना रुख बदलने की जरूरत है।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने पेरासिटामोल समेत 53 दवाओं को ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’ बताया है। यानी कि ये दवाएं क्वालिटी टेस्ट में खरी नहीं उतरी हैं। यह रिपोर्ट साफ बताती है कि पेरासिटमोल खाना सेफ नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर पेरासिटामोल नहीं तो फिर जुकाम-बुखार या दर्द जैसी दिक्कतों में क्या किया जा सकता है? इस रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स से जानिए पेरासिटामोल की जगह कौन सी दवाएं खाई जा सकती हैं और अगर दवा नहीं खाना चाहते तो आराम पाने के लिए क्या विकल्प अपना सकते हैं।
Paracetamol Alternatives : पेरासिटामोल नहीं तो फिर क्या?
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अुसार अहमदाबाद के शैल्बी अस्पताल में कंसल्टेंट इंटेंसिव एंड क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ, मिनेश मेहता बताते हैं कि पेरासिटामोल की जगह आइबूप्रोफेन, मेप्रोसीन, मेफ्टाल, डाइक्लोफेनेक और निमेस्युलाइड जैसी दवाएं खाई जा सकती हैं। वहीं, अगर आप दवाई नहीं खाना चाहते हैं तो राहत पाने के लिए कुछ प्राकृतिक तरीके भी अपना सकते हैं। दिल्ली के रेनबो अस्पताल में पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजिस्ट और एलर्जी स्पेशलिस्ट डॉ. विभू कवात्रा कहते हैं कि प्राकृतिक तरीकों से भी बीमारी से जल्द राहत पाई जा सकती है।
Paracetamol Alternatives : प्राकृति निदान भी देते हैं आराम
डॉ. विभु के मुताबिक अभी तक जिन समस्याओं के लिए पेरासिटामोल या ऐसी दवाएं खाने का चलन है, उनसे बिना दवा भी राहत मिल सकती है। पर्याप्त मात्रा में पानी, हर्बल चाय जैसे ड्रिंक पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है। अदरक या पेपरमिंट की चाय पीने से भी काफी आराम मिलता है। बुखार आने पर माथे, कलाई और गर्दन पर ठंडा गीला कपड़ा रखने से आराम मिलता है और शरीर का टेंपरेचर भी कम होता है। गुनगुने पानी से नहाना भी आराम देता है। इसके अलावा आराम भी बहुत जरूरी है क्योंकि इस दौरान शरीर को इंफेक्शंस से लड़ने में मदद मिलती है।
With input from agencies
Edited By Sunil Kumar