पत्नी से झगड़े के बाद दामाद ने सास से किया था रेप, अब कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
 

जस्टिस जीए सनप की पीठ ने फैसले में कहा कि दोषी ने नारीत्व का अपमान किया है। महिला ने शायद ही अपने साथ हुई ऐसी वारदात के बारे में सोचा होगा। दोषी ने अपनी मां के समान महिला के साथ शर्मनाक कृत्य किया। इस निंदनीय कृत्य के साथ महिला कैसे अपनी जिंदगी कलंक के साथ लेकर काटेगी?
 

Jagruk Youth News Desk, New Delhi, Written By : Sunil Singh-Bombay High Court Hearing, नागपुर पीठ ने दोषी को सजा सुनाते हुए कहा कि पीड़िता उसके लिए मां जैसी थी। दोषी ने शर्मनाक कृत्य करने से पहले एक मिनट भी नहीं सोचा।

जस्टिस जीए सनप की पीठ ने फैसले में कहा कि दोषी ने नारीत्व का अपमान किया है। महिला ने शायद ही अपने साथ हुई ऐसी वारदात के बारे में सोचा होगा। दोषी ने अपनी मां के समान महिला के साथ शर्मनाक कृत्य किया। इस निंदनीय कृत्य के साथ महिला कैसे अपनी जिंदगी कलंक के साथ लेकर काटेगी?


कोर्ट ने कहा कि ध्यान देने वाली बात है कि दोषी शिकायतकर्ता महिला का दामाद है। अपराध गंभीर है। याची ने पीड़िता के साथ संबंधों का गलत फायदा उठाया। कोर्ट ने माना कि दोषी के खिलाफ दुष्कर्म मामले में पेश किए सबूत काफी थे। दोषी को अपराध के अनुरूप ही सजा मिली।

इससे पहले याची को सत्र न्यायालय ने भी मार्च 2022 में दोषी करार दिया था। दोषी शख्स ने दिसंबर 2018 में अपनी ही सास के साथ रेप किया था। उसे निचली अदालत ने 14 साल जेल की सजा सुनाई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी और दामाद अलग हो गए थे। आरोपी 2 बच्चों का पिता था, जो अपने दादा के साथ रह रहे थे। वारदात के दिन आरोपी उससे मिलने आया था। वह अपनी पत्नी से भी झगड़ा कर चुका था।

शराब पीकर किया 3 बार रेप


आरोपी ने उस पर दबाव बनाया कि बेटी को फिर से उसके साथ रहने को मजबूर करे। इसके बाद वह सास को लेकर बेटी के पास जाने की बात कहकर निकला था। रास्ते में आरोपी ने शराब पीकर 3 बार उसके साथ रेप किया। बेटी को बताने के बाद उन लोगों ने पुलिस को शिकायत दी थी। वहीं, आरोपी ने अपने बचाव में कहा था कि दोनों के बीच सहमति से संबंध बने हैं। उसे गलत ढंग से फंसाया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि वारदात के समय पीड़िता 55 साल की थी। कोई कैसे अपने चरित्र पर ऐसे छूठे आरोप लगवा सकता है? अगर सहमति होती तो पीड़िता पुलिस के पास क्यों जाती? अपनी बेटी को भी इस बारे में नहीं बताती।


Published By: Sunil Singh