केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना की शुरू, गरीब छात्रों मिलेगी आर्थिक मदद

कोई भी छात्र जो उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करता है और इन संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए शिक्षा ऋण लेना चाहता है, वह पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के माध्यम से ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। केंद्रीय सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ऐसे ऋण संपार्श्विक-मुक्त और गारंटर-मुक्त होंगे।

 

Jagruk Youth News Desk, Chandigarh, Written By: Bhoodev Bhagalia, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक नई योजना पीएम विद्यालक्ष्मी को मंजूरी दी है, जिसका लक्ष्य मध्यम वर्ग के ऐसे छात्र हैं जो उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेना चाहते हैं, लेकिन वित्तीय बाधाओं का सामना कर रहे हैं। कोई भी छात्र जो उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करता है और इन संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए शिक्षा ऋण लेना चाहता है, वह पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के माध्यम से ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। केंद्रीय सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ऐसे ऋण संपार्श्विक-मुक्त और गारंटर-मुक्त होंगे।

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष अधिकतम एक लाख छात्र शामिल किये जायेंगे। 8 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्र 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान पाने के पात्र होंगे। यह 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्रों को पहले से दी जा रही पूर्ण ब्याज सब्सिडी के अतिरिक्त है। सरकार ने कहा कि वित्तीय बाधाओं के कारण किसी भी मेधावी छात्र को उच्च शिक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा।

उच्च शिक्षा विभाग हर साल उच्च गुणवत्ता वाले संस्थानों की एक सूची तैयार करेगा, जिसमें एनआईआरएफ में समग्र / श्रेणी-विशिष्ट और / या डोमेन विशिष्ट रैंकिंग में शीर्ष 100 संस्थान शामिल होंगे; इसके अलावा एनआईआरएफ में राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकार के शीर्ष 200 रैंक वाले उच्च शिक्षा संस्थान; और भारत सरकार के सभी शेष उच्च शिक्षा संस्थान शामिल होंगे। ऋण आवेदनों को पीएम-विद्यालक्ष्मी पोर्टल के माध्यम से स्वीकृति, निगरानी और वितरण के लिए संसाधित किया जाएगा। 7.5 लाख रुपये तक के ऋण बकाया राशि के 75 प्रतिशत की ऋण गारंटी के लिए पात्र होंगे।


सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने की बुधवार को मंजूरी दे दी। भारतीय खाद्य निगम खाद्यान्नों की खरीद व वितरण के लिए सरकार की ‘नोडल एजेंसीश् है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में एफसीआई में 2024-25 के लिए कार्यशील पूंजी की जरूरत को पूरा करने के लिए 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डालने की मंजूरी दी गई। इस निर्णय का मकसद कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना तथा देशभर के किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है।


 
बयान के अनुसार, ‘‘यह रणनीतिक कदम किसानों को समर्थन देने और भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।श्श् एफसीआई ने 1964 में 100 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी और चार करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी। एफसीआई के परिचालन में अब कई गुना वृद्धि हो चुकी है। फरवरी, 2023 में एफसीआई की अधिकृत पूंजी 11,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गई।

Published By: Bhoodev Bhagalia