UP में डिजिटल अटेंडेंस लागू होने पर विरोध कर रहे है टीचर, सरकार ने 11 हजार शिक्षकों पर लिया एक्शन 
 

UP News : डिजिटल हाज़िरी न देने पर सरकार ने एक्शन शुरू कर दिया है। बाराबंकी और उन्नाव में डिजिटल हाज़िरी न लगाने वाले टीचर्स के ख़िलाफ कारवाई हुई है। बाराबंकी  में 11000 शिक्षकों की सैलरी काट दी गई है और उन्नाव में 12229 टीचर्स की सैलरी काटने के आदेश हुए है साथ में  विभागीय कारवाई की चेतावनी दी गई है।

 

UP News : यूपी के प्राइमरी स्कूलों के टीचर्स की डिजिटल अटेंडेंस (हाजरी) को लेकर भारी विवाद चल रहा है। टीचर फेस रिकग्निशन सिस्टम यानि चेहरा दिखाकर हाज़िरी लगाने का विरोध कर रहे हैं। सरकार के आदेश के बाद भी पूरे यूपी में टीचर डिजिटल हाजरी नहीं लगा रहे हैं और काली पट्टी बांधकर स्कूल में पढा रहे हैं।

डिजिटल हाज़िरी न देने पर सरकार ने एक्शन शुरू कर दिया है। बाराबंकी और उन्नाव में डिजिटल हाज़िरी न लगाने वाले टीचर्स के ख़िलाफ कारवाई हुई है। बाराबंकी  में 11000 शिक्षकों की सैलरी काट दी गई है और उन्नाव में 12229 टीचर्स की सैलरी काटने के आदेश हुए है साथ में  विभागीय कारवाई की चेतावनी दी गई है।

कैसे और कितने स्कूलों में कितने टीचर लगाएंगे डिजिटल अटेंडेंस?


यूपी सरकार ने स्कूलों को डिजिटल अटेंडेंस के लिए 2,09,863 टैबलेट दिए हैं, जिससे राज्य के 6 लाख 9 हज़ार टीचरों को डिजिटल हाज़िरी लगानी होगी या ऐसे कहें कि 1 लाख 32 हज़ार स्कूलों में हाजिरी लगेगी। अभी 1 करोड़ 80 लाख बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं। डिजिटल हाज़िरी क्लास 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों में लगनी है। अभी सरकार ने क्लास 1 से 5 तक के स्कूलों को टैबलेट और कुछ स्कूलों में सिम दिए है। जिससे टीचरों को 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह 7:45 से 8 बजे तक स्कूल आने पर और दोपहर 2:15 से 2:30 तक छुट्टी पर डिजिटल हाज़िरी देनी होगी। 1 अक्टूबर से सरकारी स्कूल का टाइम बदल जाएगा और तब  8:45 से 9 बजे तक सुबह और दोपहर 3:15 से 3:30 तक छुट्टी पर डिजिटल हाज़िरी लगानी होगी। अगर टीचर की डिजिटल हाज़िरी समय पर नहीं होगी तो टीचर एब्सेंट माना जाएगा। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग ने विरोध को देखते हुए सुबह 7:45 से 8 बजे वाले समय में आधे घंटे की छूट दी थी।

क्यों कर रहे हैं टीचर विरोध?


सरकार का ये आदेश 8 जुलाई से लागू हो गया है लेकिन पूरे यूपी के में टीचर डिजिटल हाज़िरी नहीं लगा रहे, काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे है। टीचर्स का कहना है कि सरकार पहले ये आदेश बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर लागू करें। टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि कई स्कूल में जाने की सड़क नहीं, करीब 30 फीसदी स्कूल में जाने की सड़क ठीक है और 60 फीसदी स्कूल में जाने के लिए सरकारी ट्रांसपोर्ट नहीं है। इसकी वजह से कई बार टीचर देर से स्कूल पहुंचते हैं। टीचर्स की छुट्टी कम है, सिर्फ 14 सीएल है जबकि अधिकारियों को 14 CL, 31 EL,12 सेकेंड सैटरडे की छुट्टी मिलती है।

इसके अलावा, स्कूलों की व्यवस्था ठीक नहीं है, सफाई करने वाला नहीं है, टीचरों को खुद स्कूल की सफाई करनी होती है, स्कूल में दिन दिन भर बिजली नहीं आती। ऐसे में पहले स्कूलों को बुनियादी सुविधा देने चाहिए तब डिजिटल हाज़िरी हो। वहीं, स्कूलों में दिन भर लाइट नहीं आती, नेटवर्क की समस्या रहती है ऐसे में डिजिटल हाज़िरी कैसे होगी? बच्चों की डिजिटल हाज़िरी में ही बहुत टाइम लगेगा।

इस पर सरकार ने भी अपना तर्क दिया है। सरकार ने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कदम उठाया गया है। टीचरों को टाइम से स्कूल पहुंचना चाहिए। इससे टीचर्स के साथ साथ स्कूल में चल रही बाकी योजनाओं पर भी नज़र रखी जाएगी। स्कूल में 12 रजिस्टर होते है जिनमें बच्चों का डिटेल, बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील,ड्रेस,कापी किताब सब का डीटेल होते है। अब ये सब डिजिटल फीड करना होगा। जब बच्चों का एडमिशन स्कूल में होगा तब उनका पूरा ब्यौरा डिजिटल दर्ज करना होगा।

कैसे लगेगी हाज़िरी?


अभी टीचर रजिस्टर में हाजिरी (अटेंडेंस) लगाते हैं, आने जाने का टाइम लिखते हैं। महीने के आखिर में पूरा डिटेल बेसिक शिक्षा विभाग भेजता है। अब टैबलेट के सामने टीचर को अपना चेहरा लाना होगा तब अटेंडेंस होगी। टेबलेट और स्मार्टफोन को ज़ियोफेसिंग से पहचाना जाएगा तब हाज़िरी लगेगी।