अगले 25 वर्ष में भारत को विकसित भारत बनाने का लिया संकल्प : PM मोदी

 

Rozgar Mela: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार मेले के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त 70,000 से अधिक भर्तियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में जब देश विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है.

आपका सरकारी नौकरी में आना बहुत बड़ा अवसर है. ये आपके परिश्रम का परिणाम है। मैं नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी युवाओं को बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं उनके लिए यह यादगार दिन है लेकिन साथ-साथ देश के लिए भी यह बहुत ऐतिहासिक दिवस है. 1947 में आज के ही दिन(22 जुलाई) तिरंगे को संविधान सभा द्वारा वर्तमान स्वरूप में स्वीकार किया गया था.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में सभी देशवासियों ने अगले 25 वर्ष में भारत को विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है. जैसे आपके जीवन में अगले 25 साल महत्वपूर्ण हैं वैसे ही भारत के लिए अगले 25 साल बहुत ही अहम हैं. आज दुनिया में भारत के प्रति जो विश्वास बना है, आकर्षण बना है, आज भारत की महत्वता बनी है, हम सबको मिलकर इसका पूरा लाभ उठाना है.

भारत सिर्फ 9 वर्षों में दुनिया की 10वीं अर्थव्यवस्था से 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बना गया है। आज हर विशेषज्ञ ये कह रहा है कि कुछ ही वर्षों में भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्था में शामिल हो जाएगा। ये भारत के लिए असामान्य सिद्धि बनने वाला है. इसका मतलब हर सेक्टर में रोजगार बढ़ने वाला है और हर व्यक्ति की आय भी बढ़ने वाली है.


मोदी ने कहा कि उस समय(9 साल पहले) ये फोन बैंकिंग मेरे और आपके जैसे सामान्य नागिरकों के लिए नहीं था। उस समय एक खास परिवार के करीबी, कुछ ताकतवर नेता बैंक को फोन कर अपने चहेतों को हजारों करोड़ रुपए का लोन दिलवाया करते थे. ये लोन कभी चुकाया नहीं जाता था...ये फोन बैंकिंग घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था.अर्थव्यवस्था के विस्तार में हमारे बैंकिंग सेक्टर की भी अहम भूमिका होती है। आज भारत उन देशों में से एक है, जहां का बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत माना जाता है. मगर 9 वर्ष पहले ऐसी स्थिति नहीं थी. जब सत्ता का स्वार्थ राष्ट्रहित पर हावी होता है तब कैसी बर्बादी होती है, देश में कई उदाहरण हैं. हमारी बैंकिंग सेक्टर ने तो पिछली सरकार के दौरान इस बर्बादी को महसूस किया है.