Bada Mangal 2025: बड़ा मंगल, जिसे बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाने वाला एक विशेष धार्मिक पर्व है। यह पर्व खासकर उत्तर भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान हनुमान को समर्पित है, जिन्हें संकटमोचन और श्रीराम के परम भक्त के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ज्येष्ठ माह और बड़ा मंगल का महत्व
ज्येष्ठ माह हिंदू पंचांग का तीसरा महीना है, जो आमतौर पर मई और जून के बीच आता है। इस महीने के सभी मंगलवारों को बड़ा मंगल कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में ज्येष्ठ माह के मंगलवार को ही भगवान श्रीराम और हनुमान जी की पहली भेंट हुई थी। इस मुलाकात को उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी बड़े मंगल के रूप में जीवित है।
बड़ा मंगल 2025 की तिथियां
पहला बड़ा मंगल: 13 मई 2025
दूसरा बड़ा मंगल: 20 मई 2025
तीसरा बड़ा मंगल: 27 मई 2025
चौथा बड़ा मंगल: 3 जून 2025
पांचवां बड़ा मंगल: 10 जून 2025
चौथा बड़ा मंगल 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
चौथा बड़ा मंगल 3 जून 2025 को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि होगी, जो 2 जून को रात 8:35 बजे शुरू होकर 3 जून को रात 9:56 बजे समाप्त होगी। इस दिन धूमावती जयंती और मासिक दुर्गाष्टमी भी मनाई जाएगी, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है।
शुभ मुहूर्त
सूर्योदय: सुबह 5:28 बजे
द्विपुष्कर योग: सुबह 5:28 बजे से शुरू
पूजा का समय: सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
हनुमान जी की पूजा का महत्व
हनुमान जी को कलियुग का जीवित देवता माना जाता है, जो अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं और उनके संकटों को दूर करते हैं। बड़ा मंगल के दिन उनकी पूजा करने से निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
संकटों से मुक्ति: हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है, जो भक्तों को हर प्रकार की परेशानियों से बचाते हैं।
मंगल और शनि दोष से राहत: ज्योतिष के अनुसार, इस दिन पूजा करने से मंगल और शनि के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
मनोकामना पूर्ति: सच्चे मन से की गई पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आध्यात्मिक उन्नति: हनुमान जी की भक्ति से मानसिक शांति और साहस प्राप्त होता है।
मां दुर्गा और हनुमान जी का संबंध
हनुमान जी को मां दुर्गा का परम भक्त माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी ने मां दुर्गा की उपासना करके अपनी शक्तियां प्राप्त की थीं। चौथा बड़ा मंगल मासिक दुर्गाष्टमी के साथ पड़ने के कारण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन हनुमान जी के साथ मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों पर दोनों की कृपा बरसती है। यह संयोग भक्तों को शक्ति, साहस, और समृद्धि प्रदान करता है।
चौथा बड़ा मंगल: 5 खास उपाय
चौथा बड़ा मंगल के दिन निम्नलिखित उपाय करने से हनुमान जी और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है:
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ: सुबह स्नान के बाद हनुमान जी के समक्ष घी या चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। यह उपाय मनोकामनाओं को पूरा करने में सहायक है।
चोला चढ़ाएं: हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल, और घी से बना चोला चढ़ाएं। चोला हमेशा पैर से सिर की ओर चढ़ाएं और 5, 11, या 21 बार चढ़ाने का संकल्प लें।
गुड़ और चने का भोग: हनुमान जी को गुड़ और भुने चने का भोग लगाएं। यह भोग स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करता है।
लाल वस्त्र और पान का बीड़ा: हनुमान जी को लाल वस्त्र और पान का बीड़ा अर्पित करें। यह उपाय नौकरी और व्यापार में सफलता दिलाता है।
भंडारा और दान: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और गुड़, लाल वस्त्र, या लाल मसूर की दाल का दान करें। यह पुण्य कार्य हनुमान जी और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में सहायक है।
बड़ा मंगल के दिन क्या करें और क्या न करें
क्या करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल, भगवा, या पीले वस्त्र पहनें।
हनुमान मंदिर में जाकर पूजा करें और भंडारे में भाग लें।
हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, या बजरंग बाण का पाठ करें।
सात्विक भोजन करें और जरूरतमंदों को दान दें।
क्या न करें
काले या सफेद वस्त्र न पहनें।
मांस, मदिरा, लहसुन, या प्याज जैसे तामसिक भोजन का सेवन न करें।
किसी के साथ कठोर या अपमानजनक भाषा का उपयोग न करें।
ब्रह्मचर्य का पालन करें और नकारात्मक विचारों से बचें।
बड़ा मंगल से जुड़ी पौराणिक कथाएं
बड़ा मंगल से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जो इस पर्व का महत्व बढ़ाती हैं:
राम-हनुमान की पहली भेंट: रामायण के अनुसार, ज्येष्ठ माह के मंगलवार को ही हनुमान जी ने भगवान श्रीराम से पहली मुलाकात की थी। इस दिन हनुमान जी ने पुरोहित के रूप में श्रीराम और लक्ष्मण की सच्चाई जानी और उन्हें प्रणाम किया।
भीम का अहंकार टूटना: महाभारत की कथा के अनुसार, हनुमान जी ने ज्येष्ठ माह के मंगलवार को वृद्ध वानर का रूप धारण कर भीम के अहंकार को तोड़ा। जब भीम उनकी पूंछ हटाने में असमर्थ रहे, तब उन्हें हनुमान जी की शक्ति का आभास हुआ।
अमरत्व का वरदान: एक अन्य कथा के अनुसार, ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हनुमान जी को अमरत्व का वरदान प्राप्त हुआ, जिसके कारण वे चिरंजीवी कहलाए।
लखनऊ और बड़ा मंगल का ऐतिहासिक महत्व
बड़ा मंगल का लखनऊ से गहरा संबंध है। एक ऐतिहासिक कथा के अनुसार, अवध के नवाब वाजिद अली शाह के बेटे की तबीयत खराब थी। जब कोई इलाज काम नहीं आया, तब नवाब और उनकी बेगम ने अलीगंज के प्राचीन हनुमान मंदिर में ज्येष्ठ माह के मंगलवार को प्रार्थना की। हनुमान जी की कृपा से उनके बेटे की तबीयत में सुधार हुआ। इसके बाद नवाब ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और भंडारे की परंपरा शुरू की, जो आज भी लखनऊ में बड़े मंगल का मुख्य आकर्षण है।
हनुमान जी की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि
चौथा बड़ा मंगल 2025 एक विशेष अवसर है, जब हनुमान जी और मां दुर्गा की कृपा एक साथ प्राप्त की जा सकती है। इस दिन सच्चे मन से पूजा, उपाय, और दान करने से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। हनुमान जी की भक्ति न केवल संकटों से मुक्ति दिलाती है, बल्कि आध्यात्मिक और भौतिक उन्नति भी प्रदान करती है। इस पवित्र दिन पर भंडारे में भाग लें, जरूरतमंदों की मदद करें, और हनुमान चालीसा का पाठ करें ताकि आपका जीवन मंगलमय हो।