मुस्कान और साहिल की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला

Jagruk youth news-मेरठ : सौरभ कुमार हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। इस सनसनीखेज मामले में अपर जिला जज पवन कुमार शुक्ला ने सौरभ की पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उनके प्रेमी साहिल शुक्ला की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। दोनों पर सौरभ की हत्या की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का गंभीर आरोप है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता और साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए यह सख्त फैसला सुनाया। इस लेख में हम इस मामले के हर पहलू, कोर्ट के फैसले, और इससे जुड़े तथ्यों को विस्तार से जानेंगे।

 

सौरभ कुमार हत्याकांड: एक अवलोकन

मेरठ के इंदिरानगर में 4 मार्च 2025 को हुए सौरभ कुमार राजपूत के हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया। 29 वर्षीय सौरभ, जो मर्चेंट नेवी में कार्यरत थे, की हत्या उनकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उनके प्रेमी साहिल शुक्ला ने मिलकर की। इस हत्याकांड की क्रूरता और साजिश ने इसे एक सनसनीखेज मामला बना दिया। दोनों आरोपियों ने सौरभ को नशे की दवा देकर बेहोश किया, फिर उनकी हत्या कर शव को टुकड़ों में काटकर एक ड्रम में सीमेंट के साथ छिपा दिया।

हाल ही में, मेरठ की एंटी करप्शन (सेकेंड) कोर्ट में अपर जिला जज पवन कुमार शुक्ला ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिससे इस मामले में न्याय की उम्मीदें और मजबूत हुई हैं।

सौरभ और मुस्कान की प्रेम कहानी

सौरभ और मुस्कान की शादी 2016 में प्रेम विवाह के रूप में हुई थी। सौरभ मर्चेंट नेवी में कार्यरत थे और लंदन में एक बेकरी में काम करते थे। उनकी पांच साल की बेटी भी थी। सौरभ ने अपनी पत्नी के लिए नौकरी छोड़कर मेरठ में अधिक समय बिताने का फैसला किया था। हालांकि, इस प्रेम कहानी में दरार तब आई जब सौरभ को मुस्कान के अवैध संबंधों का पता चला।

साहिल के साथ मुस्कान का अवैध संबंध

मुस्कान का साहिल शुक्ला (उर्फ मोहित) के साथ अवैध संबंध था, जो सौरभ का दोस्त भी था। जांच में पता चला कि साहिल ने मुस्कान को नशे की लत में डाला और दोनों ने मिलकर सौरभ की हत्या की साजिश रची। यह साजिश नवंबर 2023 से शुरू हो चुकी थी।

हत्याकांड की भयावह घटना

हत्या की योजना

पुलिस जांच के अनुसार, मुस्कान और साहिल ने सौरभ की हत्या की योजना कई महीनों पहले बनाई थी। सौरभ के मेरठ लौटने पर मुस्कान ने उनके खाने में नशे की दवा मिलाई। बेहोशी की हालत में साहिल को घर बुलाया गया, जहां दोनों ने मिलकर सौरभ की हत्या की।

अपराध का अंजाम

  • हत्या का तरीका: सौरभ को पहले नशे की दवा दी गई, फिर सीने पर कई बार चाकू से वार किए गए।

  • शव का निपटान: हत्या के बाद, दोनों ने सौरभ के शव को 15 टुकड़ों में काटा, सिर और हाथ अलग किए, और शव को एक नीले ड्रम में सीमेंट के साथ छिपा दिया।

  • फरार होने की कोशिश: हत्या के बाद मुस्कान और साहिल हिमाचल प्रदेश के शिमला भाग गए, लेकिन मुस्कान के परिवार को उसकी बातों पर शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

19 मार्च 2025 को दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और वे तब से चौधरी चरण सिंह जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

कोर्ट का ताजा फैसला

जमानत याचिका खारिज होने के कारण

3 मई 2025 को मेरठ की कोर्ट में अपर जिला जज पवन कुमार शुक्ला ने मुस्कान और साहिल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने निम्नलिखित कारणों से यह फैसला लिया:

  • मामले की गंभीरता: सौरभ की हत्या की क्रूरता और साजिश की गहराई को देखते हुए कोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया।

  • ठोस साक्ष्य: पुलिस और फॉरेंसिक जांच में मिले साक्ष्य, जैसे ड्रम में मिला शव और हत्या में प्रयुक्त हथियार, आरोपियों के खिलाफ मजबूत सबूत हैं।

  • सामाजिक प्रभाव: कोर्ट ने माना कि जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।

अपर जिला जज पवन कुमार शुक्ला की टिप्पणी

जज पवन कुमार शुक्ला ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में साक्ष्यों की गंभीरता और आरोपियों की आपराधिक मानसिकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जमानत देने से जांच प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

मामले से जुड़े प्रमुख तथ्य

  • हत्याकांड की तारीख: 4 मार्च 2025

  • आरोपियों की गिरफ्तारी: 19 मार्च 2025

  • मुख्य साक्ष्य: ड्रम में सीमेंट के साथ छिपाया गया शव, हत्या में प्रयुक्त चाकू, और व्हाट्सएप चैट्स जो साजिश को दर्शाते हैं।

  • मुस्कान की गर्भावस्था: मुस्कान 5-7 सप्ताह की गर्भवती है, जिसकी पुष्टि जेल में मेडिकल जांच के दौरान हुई।

  • कानूनी स्थिति: दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं, और मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।

मुस्कान की गर्भावस्था और कानूनी प्रभाव

मुस्कान की गर्भावस्था इस मामले में एक नया मोड़ लाई है। अप्रैल 2025 में जेल में उनकी मेडिकल जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि वह गर्भवती हैं। इसके बाद, जेल प्रशासन ने उनकी विशेष देखभाल के लिए अलग बैरक में स्थानांतरित करने की तैयारी की।

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था के आधार पर मुस्कान को अंतरिम जमानत या बेहतर हिरासत शर्तें मिल सकती हैं, लेकिन यह हत्या के गंभीर आरोपों को कम नहीं करेगा। सौरभ के भाई बबलू राजपूत ने कहा कि अगर बच्चा सौरभ का है, तो वह उसकी परवरिश करने को तैयार हैं।

सामाजिक और पारिवारिक प्रभाव

सौरभ और मुस्कान की बेटी की कस्टडी का विवाद

सौरभ और मुस्कान की छह साल की बेटी, पीहू, वर्तमान में मुस्कान के माता-पिता के पास है। सौरभ के परिवार ने उसकी कस्टडी के लिए कानूनी लड़ाई शुरू करने की बात कही है। सौरभ की मां रेनू राजपूत ने कहा, “हमारी पोती को हमसे कोई नहीं छीन सकता। हम सौरभ के हत्यारों को सजा दिलवाएंगे।”

परिवारों का दर्द

  • सौरभ का परिवार: सौरभ के परिवार को इस हत्याकांड ने गहरे सदमे में डाल दिया है। उनकी मां और भाई ने न्याय की मांग की है।

  • मुस्कान का परिवार: मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी ने अपनी बेटी के कृत्य की निंदा की और कहा कि उसे अपने कर्मों की सजा भुगतनी चाहिए।

मेरठ में बढ़ते अपराध और समाज पर प्रभाव

मेरठ में हाल के वर्षों में इस तरह के सनसनीखेज अपराधों की संख्या बढ़ी है। सौरभ हत्याकांड के अलावा, अन्य मामले जैसे अमित कश्यप हत्याकांड ने भी शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। समाज में अवैध संबंधों और नशे की लत से जुड़े अपराधों ने लोगों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा की है।

समाज पर प्रभाव

  • विश्वास का संकट: प्रेम विवाह और रिश्तों में विश्वास की कमी।

  • नशे की लत: साहिल द्वारा मुस्कान को नशे की लत में डालने की बात ने युवाओं में नशे के दुष्प्रभावों पर चर्चा को बढ़ावा दिया।

  • कानूनी जागरूकता: इस मामले ने लोगों को कानूनी प्रक्रियाओं और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया।

सौरभ कुमार हत्याकांड मेरठ के इतिहास में एक काला अध्याय है। मुस्कान और साहिल की जमानत याचिका खारिज होने से यह साफ है कि कोर्ट इस मामले को गंभीरता से ले रही है। सौरभ के परिवार और समाज को न्याय की उम्मीद है, और यह मामला हमें रिश्तों में विश्वास, नशे के दुष्प्रभाव, और कानून के महत्व को समझाता है।

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