jagruk youth news-Gold-silver price 26 june 2025 : सोने की कीमत बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में और कम हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 300 रुपये गिरकर 98,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली कीमती धातु मंगलवार को 98,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, लगातार पांचवें सत्र में गिरावट को जारी रखते हुए 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 250 रुपये गिरकर 98,050 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई।
कमजोर वैश्विक रुझानों के मुताबिक, स्टॉकिस्टों की लगातार बिकवाली के चलते सोने के दाम में गिरावट देखी गई। इस बीच, बुधवार को चांदी की कीमतें भी 1,100 रुपये गिरकर 1,03,100 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गईं। पिछले बाजार सत्र में सफेद धातु 1,04,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
Gold-silver price 26 june 2025 :वायदा बाजार में सोना आज
वायदा कारोबार में बुधवार को सोना 274 रुपये बढ़कर 97,297 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अगस्त डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध 274 रुपये या 0.28 प्रतिशत बढ़कर 97,297 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए। इसमें 13,447 लॉट के लिए कारोबार हुआ। विश्लेषकों ने कहा कि प्रतिभागियों द्वारा ताजा सौदे किए जाने से सोने की कीमतों में तेजी आई। ग्लोबल लेवल पर न्यूयॉर्क में सोना वायदा 0.26 प्रतिशत बढ़कर 3,332 डॉलर प्रति औंस हो गया।
Gold-silver price 26 june 2025 :क्या कहते हैं एक्सपर्ट
खबर के मुताबिक, एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा कि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा के बाद भू-राजनीतिक चिंताओं में कमी आई, जिससे सुरक्षित-पनाहगाह की मांग कम हुई और सोने की कीमतें दो सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गईं। ग्लोबल मार्केट में हाजिर सोना मामूली रूप से गिरकर 3,322.56 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। जानकार का कहना है कि निवेशक अगले प्रमुख ट्रिगर्स का इंतजार करेंगे, जिसमें फेड चेयर जेरोम पॉवेल की गवाही, साथ ही यूएस जीडीपी डेटा और कोर पीसीई मूल्य सूचकांक शामिल हैं, जो फेड की ब्याज दर के दृष्टिकोण के लिए महत्वपूर्ण संकेतक हैं।
Gold-silver price 26 june 2025 :बाजार इन बातों पर केंद्रित रहेगा
अबंस फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता का कहना है कि आने वाले दिनों में बाजार बढ़ते व्यापार तनाव और बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों पर केंद्रित रहेगा, क्योंकि ये कारक न सिर्फ सुरक्षित-पनाह मांग को बढ़ाते हैं, बल्कि कच्चे तेल की कीमतों पर भी दबाव बनाए रखते हैं। मेहता ने कहा कि आगे कोई भी बढ़ोतरी कमोडिटी और वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता को बढ़ावा दे सकती है।