Jagruk youth news- पुणे । महाराष्ट्र के जलगांव में रेलवे स्टेशन पर भारत माता की जय गूंज रही थी। सेना की वर्दी पहले एक शख्स को स्टेशन पर परिवार और रिश्तेदार छोड़ने आए थे। इनके बीच एक नई नवेली दुलहन भी नजर आ रहा थी। उसके हाथों पर मेहंदी लगी थी। मांग में फेरों के समय भरा गया सिंदूर था। उसकी आंखों में आंसू थे लेकिन चेहरे पर गर्व छलक रहा था। यह वह नवविवाहित थी जिसकी शादी तीन दिन पहले हुई थी। घर के रिश्तेदार वापस नहीं हो सके और पति को देश की रक्षा के लिए निकलना पड़ा। स्टेशन पर आई दुलहन ने कहा कि वह अपने देश को अपना सिंदूर भेज रही है।
सेना के यह जवान हैं मनोज ज्ञानेश्वर पाटील। मनोज की शादी 5 मई को यामिनी पाटील से हुई थी। शादी के बाद खुशियां मनाने का समय भी नहीं मिला। उन्हें हनीमून पर जाना था लेकिन उससे पहले ही मनोज को बॉर्डर पर जाना पड़ा।
छुट्टी रद्द हुई
पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के कारण उनकी छुट्टी रद्द कर दी गई। मनोज ने देश को सबसे ऊपर रखते हुए 8 मई को ड्यूटी जॉइन कर ली। यामिनी ने नम आंखों से उन्हें विदा किया और देश के प्रति उनके समर्पण पर गर्व महसूस किया।
पूजा करके निकले
यामिनी ने बताया कि घर में शादी के बाद रीति है कि सत्यनारायण भगवान की कथा होती है। मनोज ने सत्यनारायण भगवान की पूजा की और फिर सीधे स्टेशन निकले।
पति के साथ आईं स्टेशन
जलगांव जिले के पाचोरा के रहने वाले मनोज के ड्यूटी पर लौटने के समय यामिनी भावुक हो गईं। उन्होंने देश को सबसे ऊपर माना। मनोज की पत्नी यामिनी ने भी इस मुश्किल समय में देश सेवा को प्राथमिकता दी। उन्होंने भावुक होकर अपने पति को विदा किया। मनोज को छोड़ने के लिए यामिनी रेलवे स्टेशन तक गईं।
देश से बड़ा कुछ नहीं
यामिनी की आंखों में आंसू थे। लेकिन उन्होंने खुद को संभाला। यामिनी ने कहा, श्मुझे गर्व है कि मेरे पति देश की रक्षा के लिए सीमा पर जा रहे हैं, देश से बड़ा कुछ नहीं है। मैं अपना सिंदूर भेज रही हूं। मुझे गर्व है कि मेरे पति सीमा पर देश की रक्षा के लिए जा रहे हैं।श् यामिनी का यह जज्बा पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। यह हर भारतीय के दिल को गर्व से भर देता है।