मुस्कान-साहिल को सजा दिलाने के लिए मजबूत पैरवी करेगी पुलिस, 36 गवाहों के बयान दर्ज किए

मेरठ में 3 मार्च को हुए सौरभ हत्याकांड से जुड़ी नई जानकारी सामने आई है। सौरभ राजपूत की उसकी पत्नी मुस्कान और प्रेमी साहिल ने हत्या कर दी थी फिर उसके शव के टुकड़े नीले ड्रम में डालकर ऊपर सीमेंट भर दिया था। इसके बाद मुस्कान के परिजनों ने बेटी को पुलिस को सौंपा था। इस हत्याकांड को तंत्र-मंत्र से जोड़ा जा रहा है। हालांकि पुलिस जांच में तंत्र-मंत्र का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। साहिल और मुस्कान ने प्रेम-प्रसंग के चलते सौरभ को रास्ते से हटाया था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में यह बताया है कि हत्या के पीछे कोई काला जादू नहीं बल्कि अंधा प्यार है। फिलहाल हत्यारे साहिल और मुस्कान जेल में बंद है।

पुलिस ने क्या कहा?
वहीं, इस मामले में 54 दिन बाद आज थाना ब्रह्मपुरी थाना इंस्पेक्टर रमाकांत तिवारी ने कोर्ट नम्बर 4 में एडिशनल जज अनुज ठाकुर के सामने 1000 पन्नों से अधिक की चार्जशीट दाखिल की है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में पूरी तरह से इस बात को खारिज कर दिया है कि हत्या काला जादू के चलते की गई थी। ASP अंतरिक्ष जैन ने कहा, इस मामले का काले जादू या तांत्रिक गतिविधि से कोई संबंध नहीं है। पुलिस के अनुसार, मुस्कान और साहिल ने 8वीं कक्षा तक एक साथ पढ़ाई की थी। इसके बाद मुस्कान की शादी हो गई। वहीं जैसे ही सौरभ विदेश गया वैसे ही दोनों फिर एक-दूसरे मिलने लगे और उनकी दोस्ती अवैध संबंध में बदल गई। इसके बाद उन्होंने साथ रहने के लिए सौरभ को मारने का फैसला किया।

मुस्कान-साहिल को सजा दिलाने के लिए मजबूत पैरवी करेगी पुलिस
इस चार्जशीट के अंदर पुलिस ने 36 गवाहों के बयान दर्ज किए है, जिसमें ड्रम विक्रेता, चाकू-सीमेंट विक्रेता, मुस्कान के मकान मालिक, नींद की दवा खरीदने वाले स्टोर संचालक, मुस्कान के माता-पिता और सौरभ के परिजन है। पुलिस ने अपनी जांच में मुस्कान और साहिल को हिमाचल ले जाने वाले टैक्सी ड्राइवर, हिमाचल के होटल और उनके स्टाफ के बयान भी शामिल किये है। पुलिस को इस वारदात का कोई चश्मदीद गवाह नहीं मिला है।

मेरठ के एस पी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया है कि सौरभ मर्डर केस में थाना ब्रह्मपुरी पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है, जो 1000 से अधिक पन्नों की है। इस चार्जशीट में 36 गवाह सीडीआर, सीसीटीवी कैमरे और एस एफ एल शामिल किए गए हैं। पुलिस सौरभ के हत्यारे साहिल और मुस्कान को सजा दिलाने के लिए मजबूत परैवी करेगी।

मुस्कान और साहिल का रिश्ता

मुस्कान और साहिल का रिश्ता इस हत्याकांड का केंद्रीय बिंदु है। चार्जशीट के अनुसार, मुस्कान और साहिल लंबे समय से प्रेम संबंध में थे। सौरभ के लंदन में रहने के कारण मुस्कान मेरठ में अकेले रहती थीं, और इस दौरान साहिल के साथ उनकी नजदीकियां बढ़ीं। यह रिश्ता इतना गहरा था कि दोनों ने सौरभ को रास्ते से हटाने की साजिश रची।

  • प्रेम त्रिकोण: सौरभ, मुस्कान, और साहिल के बीच का प्रेम त्रिकोण इस हत्याकांड की जड़ था।

  • साजिश की शुरुआत: व्हाट्सएप चैट्स से पता चला कि मुस्कान और साहिल ने सौरभ की हत्या की योजना पहले से बनाई थी।

  • विश्वासघात: मुस्कान ने सौरभ के विश्वास का गलत फायदा उठाया, जो अपनी पत्नी के लिए लंदन से आए थे।

हत्याकांड की घटना

हत्याकांड की रात, मुस्कान ने सौरभ को बेहोशी की दवा दी, जिसके बाद साहिल को घर बुलाया गया। इसके बाद दोनों ने मिलकर सौरभ की हत्या की। हत्या इतनी निर्मम थी कि चार्जशीट के अनुसार, सौरभ का गला 10-12 बार काटा गया। शव को छिपाने के लिए पहले सूटकेस में रखने की कोशिश की गई, लेकिन सूटकेस छोटा पड़ने पर उसे ड्रम में भरा गया।

  • योजनाबद्ध हत्या: हत्या पूरी तरह से पहले से नियोजित थी।

  • निर्ममता: शव को ड्रम में छिपाने का प्रयास अपराध की क्रूरता को दर्शाता है।

  • सबूत छिपाने की कोशिश: व्हाट्सएप चैट्स में सौरभ के नंबर से उनकी बहन को भेजे गए फर्जी मैसेज इस बात का सबूत हैं कि मुस्कान और साहिल शक से बचना चाहते थे।

पुलिस जांच और चार्जशीट

मेरठ पुलिस ने इस मामले की जांच को प्राथमिकता दी। 54 दिनों की गहन जांच के बाद, पुलिस ने 1000 पन्नों की चार्जशीट तैयार की, जिसे पिंक फाइल में कोर्ट में दाखिल किया गया। चार्जशीट में हत्या के पीछे की वजह, सबूत, और गवाहों के बयान शामिल हैं। पुलिस ने वैज्ञानिक और डिजिटल सबूतों का भी सहारा लिया, जिसमें व्हाट्सएप चैट्स और फोरेंसिक रिपोर्ट्स शामिल हैं।

  • जांच की गति: 54 दिनों में इतनी व्यापक चार्जशीट तैयार करना पुलिस की दक्षता को दर्शाता है।

  • सबूतों का संग्रह: फोरेंसिक, डिजिटल, और प्रत्यक्षदर्शी सबूतों ने जांच को मजबूत किया।

  • चार्जशीट का महत्व: यह दस्तावेज मामले को कानूनी रूप से मजबूत बनाने में अहम है।

चार्जशीट के प्रमुख खुलासे

चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जो इस हत्याकांड की गहराई को उजागर करते हैं।

  • हत्याकांड की वजह: मुस्कान और साहिल का प्रेम संबंध और सौरभ को रास्ते से हटाने की इच्छा।

  • व्हाट्सएप चैट्स: सौरभ की बहन चिंकी को भेजे गए फर्जी मैसेज, जो सौरभ के नंबर से भेजे गए थे।

  • फोरेंसिक सबूत: हत्या में प्रयुक्त हथियार और शव को छिपाने के लिए उपयोग किए गए ड्रम की जांच।

  • सह-अभियुक्त: कुछ अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच भी की जा रही है।

कानूनी प्रक्रिया और गवाह

चार्जशीट में 36 गवाहों के बयान शामिल हैं, जो इस मामले में महत्वपूर्ण हैं। कोर्ट ने पहले ही मुस्कान और साहिल की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। कानूनी प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ रही है, और चार्जशीट के आधार पर अभियोजन पक्ष मजबूत स्थिति में है।

  • गवाहों की भूमिका: 36 गवाहों के बयान मामले को मजबूत बनाते हैं।

  • जमानत याचिका खारिज: कोर्ट का यह फैसला अभियुक्तों के खिलाफ सख्त रुख दर्शाता है।

  • आगे की प्रक्रिया: सुनवाई के दौरान चार्जशीट के सबूत निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

सामाजिक और नैतिक पहलू

यह हत्याकांड केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि यह समाज में रिश्तों, विश्वास, और नैतिकता पर सवाल उठाता है। सौरभ और मुस्कान की लव मैरिज, जो एक समय प्रेम का प्रतीक थी, विश्वासघात और हत्या में बदल गई। इस घटना ने कई सामाजिक मुद्दों को उजागर किया।

  • विश्वासघात का प्रभाव: वैवाहिक रिश्तों में विश्वास की कमी समाज के लिए चिंता का विषय है।

  • प्रेम त्रिकोण: ऐसी घटनाएं प्रेम त्रिकोणों के खतरनाक परिणामों को दर्शाती हैं।

  • नैतिक पतन: व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए हत्या जैसा कृत्य नैतिक पतन का संकेत है।

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