10 महीने की बच्ची को रेलवे में मिली नौकरी, जानकर सब कोई है हैरान

भारत सरकार द्वारा मृतक के आश्रित परिवार के सदस्य को नौकरी प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक योजना है.
 
indian railway

Photo Credit:

नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा मृतक के आश्रित परिवार के सदस्य को नौकरी प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक योजना है. माता या पिता की मृत्यु के मामले में अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है. नियुक्ति इस शर्त के अधीन है कि पति या पत्नी की मृत्यु पर, जो भी पहले हो, केवल एक अनुकंपा नियुक्ति उपलब्ध होगी.


भारतीय रेलवे की बात करें तो, अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों की पेशकश उन नियमित रेल कर्मचारियों के आश्रितों को की जाती है जिनकी ड्यूटी के दौरान या सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है. साथ ही, नौकरी उन लोगों को दी जाती है जिनके परिवार के सदस्य मेडिकल बेस पर रिटायर हुए हैं या मेडिकली अक्षम/विवर्गीकृत हैं. इसका उद्देश्य आश्रित को आर्थिक सहायता प्रदान करना है.

सामान्य तौर पर, अनुकंपा के आधार पर लोगों की नियुक्ति घटना की तारीख से पांच साल की अवधि के भीतर की जानी चाहिए. हालांकि, पांच साल की इस अवधि में कुछ शर्तों के तहत महानिदेशक, आरडीएसओ द्वारा छूट दी जा सकती है.

04 जुलाई 2022 को पहली बार किसी 10 महीने की बच्ची को राष्ट्रीय वाहक द्वारा भारतीय रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति दी गई है. छत्तीसगढ़ में एक सड़क हादसे में बच्ची ने अपने माता-पिता को खो दिया. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कीम के तहत लड़की 18 साल की उम्र में नौकरी शुरू कर सकती है. एसईसीआर के कार्मिक विभाग, रायपुर रेलवे डिवीजन ने रेलवे रिकॉर्ड में आधिकारिक रजिस्ट्रेशन को चिह्नित करने के लिए बच्ची के फिंगरप्रिंट ले लिए हैं. बच्चे के पिता राजेंद्र कुमार भिलाई के एक रेलवे यार्ड में सहायक के रूप में कार्यरत थे.

From Around the web