टेलिकॉम कंपनियां 5G नीलामी में एक-टूसरे को टक्कर देने के लिए उतरी, क्या 4G से सस्ता मिलेगा 5G

महंगाई के मोर्चे पर जूझ रही सरकार के खजाने के लिए यह अच्छी खबर होगी।
 
5g

टेलिकॉम कंपनियां भारतीय इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी में एक-टूसरे को टक्कर देने के लिए उतर चुकी है। सीधा मुकाबला मुकेश अंबानी के रिलायंस जियो, सुनील भारती मित्त के एयरटेल, ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह के वोडाफोन आइडिया में है। लेकिन इस मुकाबले को हाल ही में दुनिया के चौथे सबसे अमीर बने गौतम अडाणी ने रोचक बना दिया है। उनकी कंपनी अडाणी डाटा नेटवर्क्स भी प्राइवेट नेटवर्क के लिए 5जी की नीलामी में उतर गई है। 

देश के दिग्गजों के मैदान में उतरने से सरकार भी मोटी कमाई की उम्मीद कर रही है। और उसे उम्मीद है कि वह केवल 5जी नीलामी से 70,000 से 1 लाख करोड़ रुपये की कमाई कर लेगी। अगर ऐसा होता है तो महंगाई के मोर्चे पर जूझ रही सरकार के खजाने के लिए यह अच्छी खबर होगी। कंपनियों और सरकार के साथ-साथ 5G की नीलामी इंटरनेट और टेलकॉम यूजर्स के लिए नए अनुभव लेकर आएगी।  यूजर्स को न केवल 4 G की तुलना में 10 गुना ज्यादा स्पीड मिलेगी, वहीं इंटरनेट कनेक्टिविटी देश के सुदूर कोने में बैठे व्यक्ति तक पहुंचना आसान हो जाएगी। जिसका असर हेल्थ, एजुकेशन से लेकर दूसरी अन्य सेवाओं पर दिखेगा। यानी 5G की नई दुनिया बहुत कुछ बदलने वाली है।

यूजर्स को क्या फायदा

 जिस तरह 4G ने एक झटके में यूजर्स की दुनिया बदली थी। उसी तरह 5G आने  के बाद बहुत कुछ बदलने वाला है। सबसे बड़ा फायदा करीब 10 गुना तक इंटरनेट स्पीड बढ़ने का मिलेगा। इसका फायदा यह होगा कि बफरिंग से निजात मिल जाएगी। इसके अलावा वाट्स ऐप कॉल में बाधा खत्म हो जाएगी। हैवी फाइल वाली मूवी भी 20-25 सेकंड में डाउनलोड हो जाएगी। वर्चुअल रियल्टी कई क्षेत्रों में अपनी धमक बनाएगी। गेमिंग की दुनिया बदलेगी। साथ ही सुदूर क्षेत्रों में शैक्षणिक सेवाएं और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना आसान होगा। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में ड्रोन आदि का इस्तेमाल आसान हो जाएगा। इसी तरह मेटावर्स जैसी तकनीकी के इस्तेमाल रियल्टी बनेगा।

क्या अडाणी-अंबानी में सीधी टक्कर

तो इसका साधी जवाब है कि नहीं, क्योंकि भले ही अडाणी  ग्रुप की कंपनी डाटा नेटवर्क्स 5G की नीलामी में उतर रही है, लेकिन उसने साफ कर दिया है कि वह कंज्यूमर सर्विस में नहीं उतरेगी। असल में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सरकार ने प्राइवेट नेटवर्क स्थापित करने के लिए कंपनियों को स्पेक्ट्रम की नीलामी में भाग लेने का मौका दिया है। और अडाणी समूह इसीलिए 5जी स्पेक्ट्रम खरीद रहा है। जिसका वह इस्तेमाल अपने एयरपोर्ट, पॉवर और डाटा सेंटर के लिए करेगा। और यह अडाणी ग्रुप द्वारा नीलामी के लिए जमा की गई EMD (Earnest Money Deposit)राशि से भी पता चलता है। कंपनी ने 100 करोड़ रुपये की जमा किए है। वहीं रिलायंस जियो ने 14000 करोड़ रुपए,भारती एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपए,वोडाफोन आइडिया ने 2,200 करोड़ रुपए  जमा किए हैं। 


 नीलामी के लिए 4.3 लाख करोड़ रुपए के कुल 72 GHz स्पेक्ट्रम को ब्लॉक रखे जाएंगे। लाइसेंस की वैलिडिटी 20 साल होगी। नीलामी लो फ्रीक्वेंसी बैंड, मीडियम और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड रेडियो वेव्स के लिए होगी। ऐसा अनुमान है कि कंपनियां 5G सेवाओं के लिए मीडियम और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड पर ज्यादा दांव लगाएंगी। इसके तहत कंपनियां लो फ्रीक्वेंसी बैंड ( 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz), मीडियम (3300 MHz) और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड (26GHz) में नीलामी करेंगी।

इन देशों में पहले से मौजूद 5G

अभी तक अमेरिका, दक्षिण कोरिया, चीन, फिलिपीन्स, कनाडा, स्पेन, इटली, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, सउदी अरब के कई शहरों में 5 जी सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं।

इन 13 शहरों में सबसे पहले 

टेलीकॉम डिपॉर्टमेंट के अनुसार 5G सेवाओं को पहले चरण के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, लखनऊ, बैंगलोर, कोलकाता, मुंबई, चंडीगढ़, जामनगर, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद,  पुणे, गांधी नगर में शुरू किया जाएगा। 

क्या है 5G

5G, टेलीकॉम क्षेत्र की पांचवी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी है। जो कि  वायरलैस वर्ल्ड वाइड वेव को ध्यान में रखकर लांच की गई है। यह पूरी तरह वायरलैस कम्युनिकेशन है। इसके जरिए बड़े पैमाने पर डाटा का आदान-प्रदान होता है।  जो तरंगों (Waves) के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस उप्लब्ध कराती है। यह 4G की तुलना में बेहद कम एरिया कवरेज में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस प्रदान करती है। Qualcom की एक रिपोर्ट के अनुसार वह अधिकतम 20 गीगा बाइट्स प्रति सेकंड की स्पीड दे सकती है। जबकि औसत रुप से 100 प्लस मेगा बाइट्स स्पीड मिलती है। और 5G में 4G की तुलना में 100 गुना अधिक ट्रैफिक और नेटवर्क मैनेज करने की क्षमता है।

From Around the web