जब इस दर्द से परेशान थे सचिन तेंदुलकर उस समय पत्नी अंजलि दिया था साथ

 
Sachin Tendulkar and Anjali Tendulkar

Sachin Tendulkar : क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने वनडे और टेस्ट में अब तक नंबर-1 बल्लेबाज हैं। उनके आंकड़ों के आसपास अब तक कोई क्रिकेटर नहीं पहुंच सका है। बल्लेबाजी के दिग्गज ने याद किया कि कैसे 2011-12 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दूसरे भाग में चोट ने उन्हें बुरी तरह प्रभावित किया। इस श्रंखला में टीम इंडिया को 0-4 से हार का सामना करना पड़ा। अप्रैल में 50 ओवर का विश्व कप जीतने के बाद भारतीय टेस्ट टीम अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही थी, उसी वर्ष टीम इंग्लैंड में 0-4 से हार गई थी। तेंदुलकर ने ‘स्किन्टिलेटिंग सचिन’ बुक के विमोचन के दौरान कहा- साल 2000 में मुझे दक्षिण अफ्रीका में पैर की अंगुली में चोट लगी थी, जिसके बाद मैंने इंजेक्शन भी लिया था। वही चोट 2011 विश्व कप के बाद फिर से उभरी।


मैं छुट्टी के लिए लंदन में था और वहां भारतीय टीम में शामिल होने जा रहा था। तेंदुलकर ने मराठी में बात करते हुए बताया कि वह इतने दर्द और हताशा में थे कि उन्हें संभालना बहुत मुश्किल हो गया। स्थानीय डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि उन्हें सर्जरी करानी चाहिए।

Sachin Tendulkar And Ajalia


सचिन ने कहा- मैंने पट्टियों का इस्तेमाल किया था, दो बार अपने इनसोल को बदला। मैं बस किसी तरह खेलना चाहता था। अधिकांश दौरा समाप्त हो गया था, लेकिन मेरी हताशा बढ़ती ही जा रही थी। ऑस्ट्रेलियाई मैदान कठिन हैं, जो इसे और भी कठिन बना रहा था। डॉक्टर ने मुझे सर्जरी करने का सुझाव दिया। इसके बाद वाइफ अंजलि ने 48 घंटे के भीतर भारत से ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरी और सही निर्णय लेने में मदद की।


तेंदुलकर ने कहा- मैंने वाइफ से कहा कि मैं टीम को बताने जा रहा हूं कि मैं अब नहीं खेल सकता। मैं दर्द में हूं और यह मुश्किल है। यह सुनने के बाद अंजलि 48 घंटे में ब्रिसबेन आ गईं। उन्होंने मुझे सर्जरी कराने से रोक लिया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने कहा कि अगर सर्जरी असफल रही, तो इससे उनके करियर पर असर पड़ेगा, जिससे उन्हें कम से कम छह सप्ताह तक व्हीलचेयर पर रहना पड़ सकता है। भारत के पूर्व क्रिकेटरों किरण मोरे, जहीर खान, प्रवीन आमरे और पूर्व कोच अंशुमान गायकवाड़ ने भी लॉन्च के मौके पर तेंदुलकर के साथ अपनी यादों के बारे में विस्तार से बात की।


तेंदुलकर ने अपने सबसे यादगार शतकों में से एक को भी याद किया। 2003-04 के दौरे के दौरान सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 436 गेंदों में 613 मिनट खेलते हुए उन्हेांने 241 रन बनाए। इसमें उन्होंने एक भी कवर ड्राइव नहीं लगाई। उन्होंने कहा कि उनके भाई अजीत तेंदुलकर ने खास सलाह दी थी।

Sachin Tendulkar And Ajalia
तेंदुलकर ने कहा- ऑस्ट्रेलिया में मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था, लेकिन बड़े रन नहीं बना रहा था। इसलिए सिडनी टेस्ट से पहले मेरी अजित से बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा कि दोष आपके शॉट चयन में है। उन्होंने कहा कि मुझे शॉट खेलते समय अधिक अनुशासित रहने की जरूरत है। उन्होंने एक और बात कही- मुझे नहीं लगता कि एक गेंदबाज आपको आउट कर रहा है। आपने गलत शॉट खेला और इसलिए आप आउट हो गए। इसलिए चुनौती लें कि इस टेस्ट में कोई आपको आउट नहीं करेगा। सौभाग्य से मैंने दोनों पारियों में स्कोर किया और पूरे टेस्ट में नाबाद रहा। इसलिए उन्होंने समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और मैं सिर्फ उनकी वजह से आपके सामने बैठा हूं।

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