इस दिन भूलकर भी न करें पैसों का निवेश, होता है नुकसान

लोग निवेश करके रातोरात करोड़पति बन जाते हैं, जबकि कुछ लोगों को अच्छा रिटर्न नहीं मिल पाता है
 
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डेस्क। नेटवर्क 


अपने जीवन की गाढ़ी कमाई कहीं निवेश करने जा रहे हैं, तो सबसे पहले ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को जरूर समझ लें। इसके बाद ही पैसा कहीं प्दअमेज करने के बारे में सोचें, तभी आपके लिए यह सही रहेगा। यदि आपकी कुंडली में ग्रह.नक्षत्रों की स्थिति अनुकूल नहीं है तो निवेश में डाला पैसा बर्बाद हो सकता है।


आइए आपको इस विषय पर विस्तार से जानकारी देते हैं। इसके अनुसार प्दअमेज करेंगे तो आपके लिए फायदा रहेगा।

अपने सुरक्षित भविष्य के लिए आजकल हर आदमी पैसों का प्दअमेज करता है। निवेश के लिए शेयर मार्केटए म्यूचुअल फंडए लाइफ इंश्योरेंस गोल्डए सिल्वर या प्रॉपर्टी जैसे अनेक विकल्प मौजूद हैं।

यहां लोग लंबे समय के लिए पैसों का निवेश कर सकते हैं। लोग इस उम्मीद में पैसा प्दअमेज करते हैं कि भविष्य में उन्हें इसका अच्छा रिटर्न मिलेगा। लेकिन हर इंसान को इच्छानुसार रिटर्न मिल जाए, ऐसा संभव नहीं है।

कई लोग निवेश करके रातोरात करोड़पति बन जाते हैं, जबकि कुछ लोगों को अच्छा रिटर्न नहीं मिल पाता है। कुछ लोगों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है।

ऐसी स्थिति में इंसान सोचता है कि आखिर उससे कहां चूक हो गई। ऐसे कई सवालों को जवाब हमारे ज्योतिष शास्त्र में छिपे हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिकए निवेश, कर्ज लेने या चुकाने का एक निश्चित समय होता है। यह समय नक्षत्र और सूर्य संक्रांति के आधार पर तय होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्वातिए पुनर्वसु, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, विशाखा, पुष्य, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा और अश्विनी जैसे 12 नक्षत्रों में चर संज्ञक लग्न मेष, कर्क, तुला और मकर में लग्न से 9, 5 और 8 स्थान शुद्ध हो तो रुपयों का आदान-प्रदान, निवेश, बैंक में जमा या बीमा करना लाभदायक होता है।

यदि दिन बुधवार हो तो पैसों के लेन-देन से बचें। इस दिन धन संग्रह या पैसों की बचत करना उत्तम माना गया है।

आपको बता दें कि सूर्य संक्रांति के दिन हस्त नक्षत्र और वृद्धि योग में जो कर्ज लिया जाता हैए उस कर्ज को चुकाना पाना इंसान के लिए कभी संभव नहीं हो पाता है।

इस घड़ी में लिए गए कर्ज का भार पीढ़ियों तक चढ़ा रहता है। मंगलवार को किसी भी शर्त पर कर्ज न लें। मंगलवार को लिए कर्ज का भार लंबे समय तक रहता है। पीढ़ियां तक इसको चुका पाने में नाकाम रहती हैं।

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