Krishna Janmashtami: जन्माष्टमी तिथि लेकर दूर कर लें कन्फ्यूजन, इस बार 18 या 19 में बन रहा है मुहूर्त

 
Krishna Janmashtami:

Krishna Janmashtami:इस साल जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी. ऐसे में उपवास रखने वालों से लेकर पूजा करने वालों को अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. पूजा में लगने वाली हर सामग्री रख लेनी चाहिए. जो नहीं है, उसको इंतजाम कर लेना चाहिए. इस दौरान किसी भी सामग्री के न होने से पूजा अधूरी रह सकती है. ऐसे में आज आपको बताएंगे कि पूजा के दौरान कौन-कौन सी सामग्री चाहिए. 

जन्माष्टमी पूजा सामग्री

धूप बत्ती, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन,सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे,  तुलसीमाला, खड़ा धनिया, यज्ञोपवीत 5, कुमकुम, अक्षत, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सप्तमृत्तिका, सप्तधान, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी दल, शुद्ध घी, दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, छोटी इलायची, लौंग मौली, इत्र की शीशी, सिंहासन, बाजोट या झूला (चौकी, आसन), पंच पल्लव, पंचामृत, केले के पत्ते, औषधि, श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर, गणेशजी की तस्वीर, अम्बिका जी की तस्वीर, भगवान के वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने के लिए वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने के लिए वस्त्र, जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, पंच रत्न, दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, बन्दनवार, ताम्बूल, नारियल, चावल, गेहूं, गुलाब और लाल कमल के फूल, दूर्वा, अर्घ्य पात्र. 

भगवान का भोग  

कुट्टू के आटे की पूरी, मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवा और धनिया की पंजीरी तैयार करें. इसके साथ दूध-दही, मक्‍खन का भोग भी जरूर रखें, क्योंकि कन्हैया को दूध-दही, माखन काफी पसंद है. पंचामृत जरूर बनाएं और सभी तरह के फल भी रखें.

जन्माष्टमी तिथि

अष्टमी तिथि प्रारंभ- 18 अगस्त शाम 9 बजकर 21 मिनट से शुरू
अष्टमी तिथि समाप्त- 19 अगस्त रात 10 बजकर 59 मिनट तक 

इस तरह करें पूजा

जन्माष्टमी के दिन देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और मां लक्ष्मी का नाम लेते हुए पूजा शुरू करें. इस दिन विष्णु पुराण और भगवत गीता जरूर पढ़ना चाहिए. पूजा करने के बाद प्रसाद वितरण करें. 

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