इस बार सावन में बन रहा गजकेसरी योग, इन राशियों पर होगी शिव की विशेष कृपा

विशेष बात ये है कि मीन राशि के स्वामी गुरु यानि बृहस्पति ग्रह है. और उससे भी अच्छी बात यह है की गुरु मीन राशि में ही गोचर कर रहे हैं.
 
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डेस्क। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सावन के पहले सोमवार को यानी शिवजी के पसंदीदा दिन में यह योग मीन राशि में बन रहा है.ज्योतिष शास्त्र की मानें तो गजकेसरी योग का निर्माण तब होता है जब गुरू और चंद्रमा की युति होती है.बृहस्पति ग्रह और चंद्रमा ग्रह जब आपस में मिलते हैं तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है. विशेष बात ये है कि मीन राशि के स्वामी गुरु यानि बृहस्पति ग्रह है. और उससे भी अच्छी बात यह है की गुरु मीन राशि में ही गोचर कर रहे हैं.


गजकेसरी योग में शिवजी को करें प्रसन्न
गुरु को देवताओं का गुरु भी माना गया है इसी कारण इन्हें देव गुरु बृहस्पति के नाम से भी जाना जाता है. वहीं चंद्रमा को मन का कारक माना गया है यह शितलता प्रदान करता है.इस बार गजकेसरी योग कई राशियों में धनलाभ का योग बनाएगा. इस योग के बनने से कई राशियों को लाभ भी मिलेगा.बृहस्पति ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में शुभ ग्रह माना गया है. गजकेसरी योग को ज्योतिष शास्त्र में सबसे शुभ योग माना गया है.और सभी योगों का स्वामी भी माना जाता है. सावन के पहले सोमबार के दिन गजकेसरी योग मीन राशि में बन रहा है.ऐसी मान्यता है कि गजकेसरी योग में शिव जी की पूजा अर्चना करने से भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते है.

सावन सोमवार पूजा सामग्री
सावन का महीना शिवशंभु भोलेनाथ को बहुत प्रिय है. ऐसा मानना है कि जो भक्त भगवान शिवजी को उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करता है उसके जीवन में सदा सुख-सौभाग्य बना रहता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिव जी को पूजा के दौरान चंदन, अक्षत, इत्र, बेलपत्र, गंगाजल, दही, घी, केसर, गन्ना, भांग, धतूरा, आक का फूल, चमेली, जूही, अलसी या कनेर मदार का फूल और शहद जरूर चढ़ाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन पूजा में इन चीजों को अर्पित करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं

जानें सावन सोमवार पर कैसे करें शिव जी की पूजा
सावन के पहले सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें साफ वस्त्र पहनकर भगवान शिवजी को अक्षत, सफेद फूल, चंदन, भांग, धतूरा, गाय के दूध, धूप, दीप, पंचामृत, सुपारी और बेलपत्र आदि अर्पित करे पूजा करें.शिवजी को मदार पुष्प जरूर अर्पण करें. शिवलिंग पर दूध या जल से अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें.

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