EDITORIAL: भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा, कंटेंट इंडस्ट्री से बढ़ेगा रोजगार

 
Bhoodev Bhagalia,  Editor

भारत की आधी से ज्यादा आबादी में इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश में शहरों से ज्यादा गांवों में इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है। युवा भारत में कंटेंट इंडस्ट्री में रोजगार बढ़ने का अनुमान जताया गया है। 

भारत में डिजिटल कंटेंट की डिमांड खूब बढ़ रही है। वहीं आने वाले तीन साल में इससे लगभग 10 लाख डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स हर महीने कम से कम 40, 000 रुपये महीने (करीब 500 डॉलर) की कमाई करेंगे। सोशल मीडिया मार्केट पर नजर रखने वाले स्टार्टअप एनिमेटा की रिपोर्ट कहती है कि आने वाले 3 साल में करीब 10 लाख कंटेंट क्रिएटर्स ऐसे होंगे जिनके फॉलोअर्स और सब्सक्राइबर्स की संख्या 1 लाख से ज्यादा होगी। फॉलोअर्स की ये ग्रोथ हर साल 37 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। ऐसे डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स सोशल मीडिया से हर महीने करीब 500 डॉलर तक कमाएंगे।

 भारत में इनकी सालाना ग्रोथ 115 प्रतिशत है। आज भारत में 3500 से ज्यादा ब्रांड 5000 से ज्यादा कंटेंट पार्टनर्स के साथ एक्टिवली काम कर रहे हैं। ये सभी ब्रांडेड कंटेंट बना रहे हैं। वहीं 20000 से ज्यादा ब्रांडेड कंटेंट पर 50 करोड़ से ज्यादा एंगेजमेंट आ चुकी है।


52 प्रतिशत भारतीय यानी तकरीबन 76 करोड़ लोग इस समय एक्टिवली इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आंकलन के मुताबिक 2025 तक 90 करोड़ भारतीय इंटरनेट का एक्टिव इस्तेमाल कर रहे होंगे। एक्टिव यूज़र से मतलब ऐसे लोग जो महीने में कम से कम एक बार इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। भारत में पहली बार इतनी ग्रोथ देखी गई है।

इंटरनेट इन इंडिया रिपोर्ट के अनुसार  76 करोड़ इंटरनेट यूज़र में से 40 करोड़ ग्रामीण लोग हैं और 36 करोड़ लोग शहरों में रहने वाले हैं। यानी गांवों में इंटरनेट का प्रयोग शहरों से ज्यादा है। पिछले एक साल में शहरी भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल 6 प्रतिशत बढ़ा है जबकि गांवों में ये ग्रोथ 14 प्रतिशत है। 2025 तक नए इंटरनेट यूज़र्स में से 56 प्रतिशत गांवों से होंगे। कुल भारतीयों में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले 54 प्रतिशत पुरुष हैं।


लेकिन नए यूजर्स में जुड़ने वालों में 57 प्रतिशत महिलाएं हैं। माना जा रहा है कि 2025 तक नए यूजर्स में से 65 प्रतिशत महिलाएं होंगी। मोबाइल के अलावा टैबलेट या स्ट्रीमिंग डिवाइस जैसे स्मार्ट टीवी पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या एक साल में 8 प्रतिशत से बढ़कर 13 प्रतिशत हो गई है वहीं भारत में डिजीटल पेमेंट एक साल में 13 प्रतिशत बढ़ी है।

विज्ञापन में भारत सोशल मीडिया की ओर बढ़ रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स अपनी बड़ी फैन फॉलोइंग का फायदा ‘सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर’ बनकर उठा रहे हैं, जो विज्ञापन के नए माध्यम के रूप में तेजी से पसंद भी किया जा रहा है। मूल्यांकन सलाहकार फर्म क्रोल की ताजा रिपोर्ट बताती है कि पिछले एक साल में एक तिहाई से भी अधिक भारतीय ब्रैंड्स ने इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग पर अपना खर्च दोगुना कर दिया है।

 सोशल मीडिया के किसी प्लैटफॉर्म (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम) के जरिए किसी भी नेट कनेक्टेड व्यक्ति तक पहुंच बना सकता है और उसे प्रभावित कर सकता है। भारत में सोशल मीडिया की कंटेंट क्रिएटर इंडस्ट्री 25 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है, जिसके साल 2025 में 290.3 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

सोशल मीडिया इंफ्लुएंसिंग अब कम खर्च में व्यक्ति या ब्रैंड को एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचाने का एक सुलभ तरीका बन रही है। आज भारत में लगभग 80 मिलियन कंटेंट क्रिएटर हैं, जिनमें विडियो स्ट्रीमर्स, ब्लॉगर्स, वॉइस ओवर आर्टिस्ट के साथ-साथ बड़ी संख्या में आम लोग भी शामिल हैं।
डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी ‘आई क्यूब्स वायर’ के एक शोध से पता चलता है कि लगभग 35 फीसदी ग्राहकों के खरीदारी निर्णय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की पोस्ट, रील्स और विडियो देखकर लिए जा रहे हैं।


सोशल मीडिया विज्ञापन का एक अपरंपरागत माध्यम है, जो बाकी सारे मीडिया (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और मेनस्ट्रीम मीडिया) से अलग है। दूसरे विज्ञापन माध्यमों के मुकाबले इसमें रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट अधिक है। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर आमतौर पर साधारण लोग ही होते हैं, जिनके विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर काफी सारे फॉलोअर्स होते हैं। ऐसे इन्फ्लुएंसर अपनी इस लोकप्रियता का इस्तेमाल तरह-तरह के उत्पादों का विज्ञापन करने में करते हैं।

देश के लाखों युवा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को एक करियर के अच्छे विकल्प के रूप में देख रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर विज्ञापनों की दुनिया में एक नया आयाम गढ़ने के साथ ही इस दुनिया में सिलेब्रेटी स्टेट्स को भी खत्म भी कर रहा है। यहां हमारे-आपके बीच के लोग ही स्टार बन रहे हैं।भारत में अभी इंटरनेट बाजार में पर्याप्त संभावनाएं हैं इसलिए सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर का यह दौर अभी चलेगा। जरूरत है कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर खुद को आत्म-नियंत्रित करें, ताकि इस उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।

(लेखक जागरूक यूथ न्यूज अखबार के संपादक है )

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