गुलज़ार की राह पर चले भोजपुरी लोक गायक, निर्देशक प्रेम सागर की जल्द रिलीज़ होंगी दो फ़िल्में

 
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एक उम्दा किस्म‌ का शायर होने के अलावा गुलज़ार की पहचान हिंदी सिनेमा के एक बेहतरीन  गीतकार, एक उम्दा फ़िल्म लेखक और एक सशक्त फ़िल्म निर्देशक के तौर पर होती है. हर विधा में गुलज़ार ने ना सिर्फ़ ख़ुद को बार-बार साबित किया है, बल्कि अपनी रचनाओं के माध्यम से उन्होंने अपनी एक अनूठी पहचान भी बनाई है. ऐसे में गुलज़ार देश के अनगिनत रचनाशील लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी रहे हैं और गुलज़ार से प्रेरणा लेनेवाले लोगों में शुमार है भोजपुरी लोक गायक प्रेम सागर का नाम भी.

प्रेम सागर ने अपने करियर की शुरुआत भोजपुरी में लोक गायक के तौर पर की थी और देश की बड़ी से बड़ी रिकॉर्डिंग कंपनियों के लिए लोक गीत गाकर प्रेम सागर ने लोक गायन की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफलता पाई. 

एक सांस्कृतिक यात्रा की तरह अपना जीवन गुज़ारनेवाले प्रेम सागर लोक गायन के बाद भोजपुरी सिनेमा के लेखन और निर्देशन से जुड़ गये. ठीक उसी तरह से जैसे गुलज़ार ने फ़िल्मी गीत लिखते हुए फ़िल्मों के लिए कहानियां लिखने की शुरुआत की थी और बाद में उन्होंने क‌ई फ़िल्मों का निर्देशन भी किया. अब प्रेम सागर भी लोक गायन के बाद लेखन और निर्देशन के मैदान में कूद कर गुलज़ार की राह पर चल पड़े हैं.

इस संबंध में प्रेम सागर कहते हैं, "अगर इंसान ठान ले कि उसे कुछ करना है, तो फिर उसके‌ के लिए उस लक्ष्य को पाना मुश्क़िल नहीं रह जाता है. मेरे गीतों के लिए मुझे भोजपुरी और हिंदी दोनों ही तरह के श्रोताओं का बहुत प्यार मिला. मगर कम ही लोगों को पता होगा कि मैं लम्बे समय तक रंगमंच से एक लेखक और निर्देशक के तौर पर जुड़ा रहा हूं. यहां पर तमाम तरह की कुशलता हासिल करने के बाद मैंने सिनेमा में हाथ आज़माने का फ़ैसला किया."

अपनी मौजूदा परियोजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए प्रेम सागर कहते हैं, "भोजपुरी भाष से मुझे बेहद लगाव है और ऐसे में मैंने सबसे पहले अपनी मातृभाषा में ही फ़िल्म बनाने का फ़ैसला लिया. इस वक्त मेरी दो फ़िल्मों की शूटिंग पूरी हो चुकी है और उनके पोस्ट प्रोडक्शन का काम चल रहा है. जल्द ही दोनों फ़िल्में सिनेमाघरों में रिलीज़ होंगी. एक फ़िल्म का नाम है 'प्यार ना माने हार' तो वहीं दूसरी फ़िल्म का नाम है 'ऐ मोहब्बत'. दोनों ही फ़िल्में लव स्टोरी मगर इनमें प्यार की भावनाओं को अलग तरह से पेश किया गया है. "

ग़ौरतलब है कि प्रेम सागर महज़ फ़िल्मों के लेखन और निर्देशन से ही नहीं जुड़ गये हैं, बल्कि अब उन्होंने फ़िल्मों के निर्माण के क्षेत्र में भी क़दम रख दिया है. इसकी वजह बताते हुए प्रेम सागर कहते हैं, "अक्सर ऐसा होता है कि फ़िल्म निर्माता एक लेखक और निर्देशक की सोच व रचनाशीलता को ठीक से समझ नहीं पाता है. ऐसे में बड़े स्तर पर उनकी रचनात्मकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और लेखक-निर्देशक की सोच पूरी‌ तरह से पर्दे पर उभरकर नहीं‌ आ पाती है. ऐसे में मैंने‌ सोचा कि‌‌ क्यों ना मैं ख़ुद ही फ़िल्मों का भी निर्माण भी शुरू करूं ताकि अपनी सोच के अनुसार फ़िल्में बना सकूं."

भोजपुरी फ़िल्मों को पिछले कुछ समय से अश्लीलता के साथ जोड़ा जाता रहा है. जब इस विषय में प्रेम सागर से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है. भोजपुरी फ़िल्मों को अश्लीलता से जोड़ना पूरी तरह से ग़लत है. मुझे लगता है कि देश की अन्य भाषाओं‌ में इससे ज़्यादा अश्लील फ़िल्में बनती हैं. भोजपुरी भाषा बहुत ही प्यारी और फ़िल्म‌ इंडस्ट्री साफ़-सुथरी है. कुछेक लोग ग़लत कर रहे हैं, ये मैं मान सकता हूं लेकिन सभी लोग ग़लत कर‌ रहे हैं, मैं ये मानने के लिए तैयार नहीं हूं. जल्द ही भोजपुरी सिनेमा का परिदृश्य भी बदलेगा."

भोजपुरी लोक गायन, लेखन और फ़िल्म‌ निर्माण और निर्देशन को अपना सर्वस्व देनेवाले प्रेम सागर का मानना‌ है कि भोजपुरी फ़िल्मों का भविष्य बहुत ही बढ़िया है और भोजपुरी फ़िल्म‌ इंडस्ट्री में भी हिंदी और अन्य क्षेत्रीय फ़िल्म इंडस्ट्री ‌के‌ समकक्ष खड़े होने का दमखम‌ है. वे कहते हैं‌ कि भोजपुरी फ़िल्म‌ इंडस्ट्री में काम‌ कर‌ रहे हैं उनके तमाम साथी बहुत मेहनत से उम्दा किस्म के सिनेमा‌ बनाने‌ के लिए‌ प्रयासरत हैं.

गुलज़ार की तरह गीत-संगीत में पारंगत होने और उन्हीं की तरह फ़िल्म लेखन और निर्देशन कर उन्हीं की राह पर‌ चलने के बारे में प्रेम सागर कहते हैं, "गुलज़ार हमेशा से‌ मेरे आदर्श रहे हैं और मुझे हमेशा से ही उनसे प्रेम मिली है. वैसे तो‌ मैं उनके‌ सामने कुछ भी नहीं हूं. ये लोगों का प्रेम है कि लोग मेरी तुलना गुलज़ार से करने लगे हैं. ऐसे में मैं बस इतना कर सकना चाहूंगा कि मैं उनसे की जानेवाली तुलना‌ को अपने काम‌ से जस्टिफ़ाई कर सकूं."

अपनी आगे के प्रोजेक्ट्स के बारे में प्रेम सागर कहते हैं कि वे कुछ और बेहतरीन किस्म की फ़िल्मों को लेकर काम कर रहे हैं जो जल्द ही फ़्लोर पर जाएंगी, लेकिन फ़िलहाल वे इसके बारे में ज़्यादा कुछ बता नहीं पाएंगे. प्रेम कहते हैं, मेरी एक फ़िल्म की पृष्ठभूमि बनारस होगी और पूरी फ़िल्म‌ की शूटिंग वहीं पर की जाएगी.

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