CM ने पार्षदों की पावर बढ़ाने और बैठक भत्ते की शुरूआत की घोषणा की

वार्ड कमेटी में सचिव की नियुक्ति नहीं होती या किसी कारण सचिव बैठक से अनुपस्थित हो तो ऐसी स्थिति में पार्षद के पास किसी भी स्नातक व्यक्ति से बैठक की कार्यवाही बनवाने के लिए 1000 रुपए प्रति बैठक का पारिश्रमिक देने का अधिकार भी होगा।
 
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चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के पार्षदों की पावर बढ़ाने और बैठक भत्ते की शुरुआत करने की घोषणा करते हुए कहा कि वार्ड कमेटी गठित होने तक कमेटी की फुल पावर अब सम्बंधित वार्ड के पार्षद के पास होगी ताकि विकास कार्यों को और गति प्रदान की जा सके।


साथ ही, जब तक वार्ड कमेटी में सचिव की नियुक्ति नहीं होती या किसी कारण सचिव बैठक से अनुपस्थित हो तो ऐसी स्थिति में पार्षद के पास किसी भी स्नातक व्यक्ति से बैठक की कार्यवाही बनवाने के लिए 1000 रुपए प्रति बैठक का पारिश्रमिक देने का अधिकार भी होगा।


इसके अतिरिक्त, वार्ड कमेटी की प्रत्येक तिमाही बैठक के लिए पार्षद  को बतौर चेयरमैन बैठक भत्ता भी दिया जायेगा।  मुख्यमंत्री आज हिसार में आयोजित राज्य स्तरीय शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के सम्मेलन में प्रदेशभर से आये जन प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री  सुभाष सुधा के नेतृत्व में नगर निकाय प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी करने के लिए एक समिति गठित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह समिति सभी से विचार विमर्श कर जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी।


नायब सिंह सैनी ने घोषणा करते हुए कहा कि अब से तिमाही बैठक में शामिल होने के लिए नगर पालिका के पार्षद को 1600 रुपए की बैठक भत्ता राशि मिलेगी। इसी प्रकार, नगर परिषद के पार्षद  को 2400 रुपए तथा नगर निगम के पार्षद को 3000 रुपए की भत्ता राशि प्रदान की जाएगी।


इसके अतिरिक्त, 15  अगस्त और 26  जनवरी के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री के आगमन पर नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के पार्षदों की क्रमशः 30000, 20000 और 10000 रुपए की राशि कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रदान की जाएगी।

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