जनता से जो वादे किये उन पर सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है: CM

Cm नायब सिंह सैनी ने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद पहले ही दिन 18 अक्तूबर से किडनी रोग से पीड़ित मरीजों के लिए मुफ्त डायलिसिस सेवा शुरू की गई। 29 अक्टूबर से 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत का लाभ देना शुरू किया गया।

 
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Photo Credit: DPR Haryana

मुख्यमंत्री  नायब सिंह सैनी ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि पिछली सरकार से मिले भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार और पर्ची - खर्ची जैसी समस्याओं का समाधान कर उन्होंने निष्पक्ष रूप से पूरे हरियाणा के विकास के लिए कार्य किया है। 


मुख्यमंत्री ने बताया कि 8 अक्टूबर से उन्होंने जनता से किए वादों पर काम शुरू कर दिया था। 11 अक्टूबर को कर्मचारियों की दुर्घटना बीमा राशि को 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया गया और ‘परमानेंट टर्म इंश्योरेंस’ को 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये किया। 


इसके बाद, 14 अक्टूबर को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 750 रुपये और सहायिकाओं के मानदेय में 400 रुपये मासिक की वृद्धि की गई। 17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण के पहले युवाओं के लिए 26,000 पदों पर भर्ती का परिणाम घोषित कर सरकारी नौकरियां दी गईं। 


 नायब सिंह सैनी ने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद पहले ही दिन 18 अक्तूबर से किडनी रोग से पीड़ित मरीजों के लिए मुफ्त डायलिसिस सेवा शुरू की गई। 29 अक्टूबर से 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत का लाभ देना शुरू किया गया।


मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए उर्वरक आपूर्ति पर जानकारी दी कि पिछले वर्ष 13 नवंबर तक 1,62,000 मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी, जबकि इस वर्ष 13 नवंबर तक यह खपत 1,77,000 मीट्रिक टन हो चुकी है। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर तक जिलों में अतिरिक्त 14,750 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध होगी। 


उन्होंने बताया कि वर्ष 2005-2014 के बीच किसानों को कुल 1158 करोड़ रुपये खराबे के मुआवजे के रूप में दिए गए थे, जबकि हमारी सरकार ने 2014 से अब तक किसानों को 14,860.29 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति व नुकसान की भरपाई के रूप में डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में प्रदान किए हैं।


जींद के निवासी रामभगत की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि रामभगत के नाम गांव भीखेवाला में कोई भूमि नहीं है, हालांकि उनके पिता के नाम पर 3 कनाल कृषि भूमि है। उनके पास 125 गज गैरमुमकिन जमीन है।


रामभगत ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल पंजीकरण भी नहीं कराया था। जिस दिन उन्होंने आत्महत्या की, उस दिन दनौदा पैक्स में 1224 बैग डीएपी उपलब्ध थी और उस दिन वहां 600 से ज्यादा बैग डीएपी की बिक्री भी हुई। एफआईआर में परिजनों ने बताया है कि वह कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान थे।

Published By: Dushyant Rajput

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