Vaishno Devi Yatra 2023: नए साल पर वैष्णो देवी यात्रा के लिये नये दिशा-निर्देशा हुए जारी, जानें

 
Vaishno Devi Yatra 2023

Vaishno Devi Yatra 2023: (जम्मू/कटरा) माता वैष्णो देवी की यात्रा को लेकर नए साल और कोरोना के संभावित प्रसार से निपटने के लिये श्राइन बोर्ड और प्रशासन नये दिशा-निर्देशों को सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। माता वैष्णो देवी की यात्रा को नये साल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है। श्राइन बोर्ड ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए माता वैष्णो देवी मंदिर में कई उपाय किये है। 


500 से अधिक CCTV कैमरों से होगी निगरानी 


Vaishno Devi माता के भवन तक करीब 500 CCTV सीसीटीवी कमरों से श्रद्धालुओं पर नजर बनाई जायेगी। रास्ते में ज्यादा भीड़ होने पर बोर्ड के कर्मचारी श्रद्धालुओं को रोक देंगे और भीड़ कम होने पर श्रद्धालुओं  को जाने का मौका मिलेगा। तीर्थयात्रियों की भीड़ से बचने के लिए बोर्ड की प्रवर्तन टीमों को 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक चार दिनों के लिए भवन में तैनात किया जा रहा है।
 50,000 तीर्थयात्रियों कर पायेंगे माता के रोज दर्शन

यह टीमें सुनिश्चित करेंगी कि जिनके पास वैध ठहरने की पर्ची है उनको छोड़ कर अन्य श्रद्धालु दर्शन करने के तुरंत बाद आधार शिविर कटड़ा लौट आएं।  50,000 तीर्थयात्रियों की दैनिक सीमा से अधिक बढ़ने पर तीर्थयात्रियों को समायोजित करने के लिए श्राइन बोर्ड ने कटड़ा, अर्धकुंवारी, सांझीछत और मनोकामना क्षेत्र में से एक में चार होल्डिंग क्षेत्रों की पहचान की गई है।

इससे पहले श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने बताया था कि RFID आरएफआईडी आधारित यात्रा पंजीकरण कार्ड न केवल सुरक्षा बढ़ाने के लिए शुरू किए गए हैं, बल्कि तीर्थयात्रियों के बेहतर नियमन के लिए भवन के रास्ते में ट्रैक पर तीर्थयात्रियों की वास्तविक समय पर निगरानी सुनिश्चित होगी। किसी भी तीर्थयात्री को वैध आरएफआईडी कार्ड के बिना आग बढ़ने की अनुमति नहीं होगी। 


नये साल से यात्रा के दौरान मास्क अनिवार्य
कोरोना के के बारे में अधिकारी ने कहा कि सभी हितधारकों को यात्रियों से निपटने के दौरान मास्क पहनने की सलाह दी गई है। श्राइन बोर्ड ने अटका आरती और दर्शन कतार में शामिल होने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।

पिछले साल मची थी भगदड़
 पिछले साल एक जनवरी को मंदिर में पहली बार मची भगदड़ में 12 तीर्थयात्रियों की जान चली गई और 16 घायल हो गए थे।इस घटना ने 13 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर भीड़ नियंत्रण व तीर्थयात्रियों की ट्रैकिंग के लिए श्राइन बोर्ड को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआई) शुरू करने के लिए प्रेरित किया। श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि नए साल के आसपास भक्तों की भारी भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए मंदिर तैयार है।
 

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