Arvind Kejriwal Bail Update:अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस लिये जमानत पर लगाई रोक !

Arvind Kejriwal Bail Update: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal has got a big shock today, because the Delhi High Court has put a stay on his bail. ED had challenged Kejriwal's bail in the High Court and his petition was heard by the bench of Justices Sudhir Kumar Jain and Ravindra Jadeja.

 
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Arvind Kejriwal Bail Update: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज बहुत बड़ा झटका लगा है, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत पर रोक लगा दी है। ED ने केजरीवाल की जमानत को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और उनकी याचिका पर जस्टिस सुधीर कुमार जैन और रविन्द्र जडेजा की बेंच ने सुनवाई की। बेंच ने दलीलें सुनने के बाद फिलहाल के लिए केजरीवाल की जमानत पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।

बीते दिन ही दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें रेगुलर जमानत दी थी। वहीं ED ने जमानत के खिलाफ याचिका दायर करने के लिए 48 घंटे का समय मांगा था, लेकिन दिन निकलते ही और हाईकोर्ट खुलते ही ED ने वकील के जरिए याचिका दायर करके केजरीवाल की जमानत को चुनौती दे दी। ED की याचिका पर सुनवाई जारी है और इस बीच हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। ED का कहना है कि निचली अदालत ने उनका पक्ष सुना तक नहीं।

 
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को ED ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बनाया है। वे एक अप्रैल से तिहाड़ जेल में हैं। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी। केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर किया और वापस जेल गए, लेकिन जेल जाने से पहले उन्होंने मेडिकल ग्राउंड पर 7 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई। वहीं केजरीवाल की रेगुलर बेल वाली याचिका पर सुनवाई जारी रही, जिसकी फैसला कल शाम आया और आज उस फैसले पर रोक भी लग गई।

ED की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू पेश हुए और ED का पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी है कि निचली अदालत ने उनका पक्ष नहीं सुना और न ही उन्हें पक्ष रखने का सही तरीके से मौका दिया गया, इसलिए केजरीवाल को जमानत देने वाले फैसले पर विचार किया जाए। वह घोटाले के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी हैं और अगर उन्हें जमानत मिली तो वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। केस के गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

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