Exit Poll 2024: इतने बार फेल हुए हैं एग्जिट पोल, जानिए

Lok Sabha Elections Exit Poll 2024: Everyone's eyes are on the results of the exit poll. Although the experts have been sharing their predictions on social media since morning, but exit polls will be shown on TV channels only after the Election Commission releases the voting percentage.

 
Exit Poll 2024

Lok Sabha Elections Exit Poll 2024 : सबकी नजर एग्जिट पोल के नतीजों पर टिकी है. वैसे तो सोशल मीडिया पर सुबह से ही यूर्जस अपने अनुमान बता रहे हैं, लेकिन टीवी चैनल्स पर एग्जिट पोल चुनाव आयोग जैसे ही वोटिंग फीसदी जारी कर देगा, उसके बाद ही एग्जिट पोल दिखाने लगेंगे.


एग्जिट पोल बस अनुमान लगा सकते हैं


इन  एग्जिट पोल के जरिए आप नतीजों का थोड़ा अनुमान लगा लेते हैं, हालांकि, एग्जिट पोल के आंकड़े कभी सही तो कभी गलत साबित होते रहे हैं. आप बस ये अनुमान लगा लेते हैं कि कौन सी पार्टी जीत रही है. किसको कितनी सीटें मिल रही हैं. कई बार एग्जिट पोल के नतीजे और मतगणना रिजल्ट काफी हद तक एक जैसे होते हैं. वहीं कभी-कभी दोनों में बड़ा अंतर या फिर बिल्कुल विपरीत ही निकल जाते हैं.  यही वजह है कि एग्जिट पोल पर कई लोग पूरी तरह से विश्वास नहीं कर पाते. 

अगर आप एग्जिट पोल के नतीजों का इंतजार कितने बेसब्री से कर रहे हैं तो आपको हम बता दें कि एक नहीं कई बार एग्जिट पोल की भविष्यवाणियां वास्तविक चुनाव नतीजों से बिल्कुल अलग थीं. देखें वह ‌लिस्ट, जब एग्जिट पोल की भविष्यवाणियां गलत साबित हुईं:-

2004 लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल, बीजेपी की हार


साल 2004 की बात है, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जीत से उत्साहित होकर "इंडिया शाइनिंग" के नारे के साथ जल्द चुनाव कराने का आह्वान किया था. एग्जिट पोल ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 240 से 275 सीटों की बढ़त दी, लेकिन वास्तविक परिणाम चौंकाने वाले थे: एनडीए को केवल 187 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने अनुमानों के विपरीत 216 सीटें जीतीं. 

2014 लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल


साल 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस इस तरह हारेगी किसी को उम्मीद नहीं थी,  एग्जिट पोल ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन बहुमत नहीं मिलेगा, ऐसा बताया था. अधिकांश एग्जिट पोल ने एनडीए की सीटों को 261 से 289 के बीच अनुमानित किया था, फिर भी वास्तविक परिणाम उम्मीदों से अधिक थे. एनडीए ने 336 सीटें हासिल कीं, जिसमें अकेले बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार किया, जबकि कांग्रेस को केवल 44 सीटों के साथ ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा था.


2015 बिहार विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल


2015 बिहार विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिली थी, जिसमें मतदाताओं ने खूब वोट किया था. एग्जिट पोल ने स्पष्ट बहुमत न मिलने के साथ कड़ी टक्कर का संकेत दिया था. हालांकि, वास्तविक नतीजों में राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन की निर्णायक जीत दिखाई गई, जिसमें राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. यह परिणाम एग्जिट पोल की तरफ से बताए गए आंकड़े से काफी अलग था.

2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल


2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी (आप) को बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की थी, सभी एग्जिट पोल आप पार्टी को अधिकतम 50 सीटें दे रहे थे, लेकिन जब चुनाव परिणाम आया तो हर किसी को यकीन ही नहीं हुआ,  आप ने 70 में से 67 सीटें जीतीं. ये उदाहरण एग्जिट पोल की अप्रत्याशितता को उजागर करते हैं. जैसा कि पूरा देश चुनाव के परिणाम का इंतजार कर रहा है, ये ऐतिहासिक उदाहरण हमें सचेत करते हैं कि एग्जिट पोल के आधार पर हम चर्चा तो कर सकते हैं, असली परिणाम काफी अलग होते हैं और हो सकते हैं. 

 

2017 यूपी विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल


नोटबंदी के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की थी, जिसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी थी. इन पूर्वानुमानों के विपरीत भाजपा ने 325 सीटों पर जीत दर्ज की, जो एग्जिट पोल के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें काफी कम सीटों का अनुमान लगाया गया था. 

2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल


एग्जिट पोल का सबसे बड़ा उलटफेर छत्तीसगढ़ में हुआ, साल 2023 में हर कोई आदमी यही कहते हुए दिख रहा था कि बीजेपी तो नहीं आएगी, लेकिन लेकिन हुआ उल्टा.  एग्जिट पोल ने तो आदिवासी राज्य में कांग्रेस की आसान जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन भाजपा ने 50 से अधिक सीटें हासिल कीं. मध्य प्रदेश में, भाजपा की निर्णायक जीत का पूर्वानुमान केवल इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया, टुडेज चाणक्य और इंडिया टीवी-सीएनएक्स ने लगाया था. भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया, कांग्रेस 2018 में भाजपा के रमन सिंह के 15 साल के शासन को समाप्त करने के बाद सत्ता में आई थी.

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