सरकार गरीब बच्चों की पढ़ाई में करेंगी मदद, जानें
Medhavi Chhatra Yojana: विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थियों के सामने आर्थिक बाधाएं नहीं आएंगी। इसके लिए शिक्षा विभाग जल्द ही मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना का शुभारंभ किया है।
इस योजना के तहत पात्र हिमाचली विद्यार्थियों को मात्र एक प्रतिशत की ब्याज दर पर शिक्षा ऋण प्रदान किया जाता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को गुणात्मक और रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने के लिए कार्य कर रही है।
इस योजना से प्रदेश के पात्र विद्यार्थी धन के अभाव में उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे। यह पहल सभी वर्गों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
4 लाख से कम वार्षिक आय वाले लोगों को मिलेगा लाभसीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। जिन परिवारों की वार्षिक आय चार लाख रुपये से कम है, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, जिसके तहत ट्यूशन फीस, आवास, किताबें और अन्य संबंधित खर्च शामिल होंगे।
योजना के लिए छात्र किसी भी अनुसूचित बैंक से 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। किसी भी प्रकार की देरी से बचने के लिए सरकार द्वारा जिला स्तर पर डीसी की देखरेख में एक कोष स्थापित किया जाएगा और तत्काल वित्तीय आवश्यकता होने पर पहली किस्त जारी की जाएगी।
योजना के तहत व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रमों जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, नर्सिंग, फार्मेसी, कानून आदि में डिप्लोमा और डिग्री करने के इच्छुक छात्रों के साथ-साथ आईटीआई, पॉलिटेक्निक और पीएचडी करने वाले छात्र लाभ उठा सकते हैं।
इसके लिए विद्यार्थियों को पिछली कक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे तथा पाठ्यक्रम में प्रवेश के समय विद्यार्थी की आयु 28 वर्ष से कम होनी चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन तथा विद्यार्थियों की शंकाओं के समाधान के लिए शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।