संभल में बवाल के बाद वेस्ट यूपी में हाई अलर्ट, इंटरनेट-स्कूल-कॉलेज बंद
Jagruk Youth News Desk, Sambhal News : पूरे वेस्ट यूपी में हाई अलर्ट जारी किया गया है। संभल में अब भी इंटरनेट बंद है। सोमवार को तहसील क्षेत्र के स्कूलों को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है। संभल में कोर्ट के आदेश पर रविवार को कोर्ट कमिश्नर की टीम शाही जामा मस्जिद में दूसरी बार सर्वे को पहुंची तो बवाल हो गया था। सुबह करीब पौने नौ बजे उपद्रवियों ने पहले जामा मस्जिद के बाहर और फिर नखासा इलाके में पुलिस पर जमकर पथराव किया।
इस दौरान एसपी के पीआरओ, सीओ और कोतवाल समेत दर्जनभर पुलिसकर्मी घायल हो गए। उधर, बार-बार समझाने के बाद भी भीड़ के शांत न होने पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पहले आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर लाठीचार्ज कर दिया। करीब ढाई घंटे चली हिंसा के दौरान भीड़ में शामिल तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि गंभीर रूप से घायल एक और व्यक्ति ने देर रात दम तोड़ दिया।
कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एक और घायल की हालत गंभीर बनी है। पुलिस ने दो महिलाओं समेत 21 लोगों को हिरासत में लिया है। उधर, जामा मस्जिद के बाहर बवाल के दौरान ही पुलिस ने भारी सुरक्षा के बीच सर्वे टीम को जैसे-तैसे सुरक्षित बाहर निकाला।
रविवार को कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव के साथ वादी अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई पुलिस बल के साथ दोबारा सर्वे करने शाही जामा मस्जिद पहुंचे थे। करीब 7:30 बजे सर्वे शुरू हुआ। सर्वे के दौरान मस्जिद के पीछे गलियों व सड़कों पर मुस्लिम समाज के लोग जुटने लगे। माहौल को देखते हुए पहले एसपी केके विश्नोई और बाद में डीएम डॉ. पैंसिया मस्जिद से निकलकर पुलिस बल के साथ लोगों को समझाते रहे लेकिन लोग नहीं माने। इस बीच मस्जिद के पीछे गली में उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए जब पुलिस ने पहली लाठी भांजी तो ये हजारों की भीड़ के लिए चिंगारी साबित हुआ।
पहले पुलिस भागे लेकिन फिर पलटवार करते हुए लाठी चार्ज कर दिया। इसके बाद तो भीड़ और उग्र हो गई और दोनों ओर से पुलिस को घेरकर पथराव करने लगी। उन्होंने कई बार पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर किया। मौके का फायदा उठाकर उग्र भीड़ ने मस्जिद के पीछे खड़ी दो कारों, चार बाइकों में एक-एक कर आग लगा दी। आधा दर्जन से अधिक वाहनों को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया। हालात बिगड़ते देख मस्जिद से प्रशासन को उपद्रवियों को गोली मारने का आदेश देना पड़ा। इसके बाद उपद्रवियों ने भी फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग से भीड़ तितर-बितर हो गई। कार्रवाई के दौरान एक उपद्रवी की मौत हो गई। तब तक डीआईजी मुनिराज जी भी पहुंच गए। जिसके बाद डीआईजी, डीएम और एसपी ने गलियों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
जामा मस्जिद पर भीड़ काबू हुई तो नखासा में बिगड़े हालात
जामा मस्जिद पर हालात काबू में आने के बाद नगर पालिका ने पत्थरों को समेटना शुरू किया तो अचानक जुटी भीड़ ने नखासा चौराहे पर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस को देख उस पर पथराव शुरू कर दिया। वहां भी लोगों ने आगजनी करने का प्रयास किया। जिसके बाद मौके पर एसपी, डीआईजी ने भीड़ को नियंत्रित किया। इसी दौरान कमिश्नर आंजनेय कुमार भी पहुंच गए। हिंसा में घायल चार लोगों की मौत हो गई। एसपी केके विश्नोई के पीआरओ संजीव कुमार, सीओ अनुज चौधरी, डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू, सदर कोतवाल अनुज तोमर समेत दो दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए।
चारों मृतकों की हुई पहचान, एक की हालत गंभीर
पुलिस ने बवाल के बाद एक-एक कर 21 उपद्रवियों को पकड़कर कोतवाली भेजा। मरने वालों की पहचान कोट गर्वी निवासी नईम, सरायतरीन निवासी बिलाल और हयातनगर निवासी नुमान के रूप में हुई है। वहीं घायल अयान ने भी देर रात दम तोड़ दिया। गंभीर रूप से घायल कांस्टेबल आशीष वर्मा का मेरठ में उपचार चल रहा है।