Hit And Run Law 2024 : नया हिट एंड रन कानून से ड्राइवरों को क्यों हो रही परेशानी, जानिए

Hit And Run Law 2024 :  नई दिल्ली : नए 'हिट एंड रन' कानून का देश के कई राज्यों में जमकर विरोध हो रहा है. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार के ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स इस कानून के खिलाफ चक्काजाम कर रहे हैं. गौरतलब है कि, केंद्र सरकार द्वारा इंडियन पीनल कोड, 2023 में संशोधन कर 'हिट एंड रन' मामले में नया प्रावधान किया है, जिसके तहत एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर पर 10 साल की सजा और 7 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है.

 
Hit And Run Law

Hit And Run Law 2024 :  नई दिल्ली : नए 'हिट एंड रन' कानून का देश के कई राज्यों में जमकर विरोध हो रहा है. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार के ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स इस कानून के खिलाफ चक्काजाम कर रहे हैं. गौरतलब है कि, केंद्र सरकार द्वारा इंडियन पीनल कोड, 2023 में संशोधन कर 'हिट एंड रन' मामले में नया प्रावधान किया है, जिसके तहत एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर पर 10 साल की सजा और 7 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है.

गौरतलब है कि, 'हिट एंड रन' कानून में आए संशोधन के बाद, देशभर के कई हिस्सों में ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं. इसे लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भारी विरोध दर्ज किया है. AIMTC का कहना है कि, प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं. एक तो पहले से ही 25-30 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है, जो इस कानून के बाद और बढ़ रही है. 

देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान देने वाले रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों की परेशानी की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है, जिसके चलते अब भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं.  इसके चलते हमारा परिवहन उद्योग खतरे में है. 

क्या है संशोधन?

दरअसल संशोधन से पहले, हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज कार्रवाई की जाती थी, जिसमें दो साल की सजा का प्रावधान था. वहीं किसी विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती थी, मगर अब सरकार द्वारा पुराने कानून में संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद अगर आरोपी मौका-ए-वारदात से फरार हो जाता है और पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा काटनी पड़ेगी, साथ ही मोटा जुर्माना भी चुकाना पड़ेगा.

AIMTC एआईएमटीसी ने क्या कहा?


एआईएमटीसी का कहना है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। इसके कारण मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती और ड्राइवर को दोषी करार दिया जाता है। दुर्घटनास्थल से भागने की किसी ड्राइवर की मंशा नहीं होती है, लेकिन आसपास जमा भीड़ से बचने के लिए ऐसा करना पड़ता है।

एआईएमटीसी मध्य प्रदेश शाखा के प्रमुख राकेश तिवारी ने कहा, "हमने राष्ट्रीय स्तर के निकाय को अपना समर्थन दिया है। देश में लगभग 95 लाख ट्रकों में से राज्य में लगभग 5 लाख ट्रक हैं जो करोड़ों लोगों के लिए रोजगार पैदा करते हैं। इस तरह का एकतरफा और बिना सोचे-समझे प्रावधान उन्हें हतोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि एआईएमटीसी अगले एक सप्ताह में देशभर में नए प्रावधान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अपनी आगे की रणनीति तय करेगी।


ड्राइवरों को क्यों हो रही परेशानी?


'हिट एंड रन' के नए कानून में में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। एआईएमटीसी के अनुसार, कानून में संशोधन से पहले स्टेक होल्डर्स से सुझाव नहीं लिए गए, प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं। अमृतलाल मदान ने बताया कि देशभर में पहले से ही 25-30 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है,तरह के कानून से ड्राइवरों की और कमी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की परेशानी की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों का है।


 

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