नई सरकार चलना मोदी के लिए होगा मुश्किल, ये है मुख्य वजह !

BJP will form the BJP led NDA government but the kingmakers will be Nitish Kumar and Chandrababu Naidu. What this means is that now BJP will have to follow the coalition dharma and accept the demands of the allies.

 
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नई दिल्ली : BJP बीजेपी के नेतृत्‍व वाली एनडीए सरकार तो बनेगी लेकिन किंगमेकर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू होंगे. कहने का मतलब ये है कि अब बीजेपी को गठबंधन धर्म का पालन करना पड़ेगा और सहयोगी दलों की मांगों को मानना पड़ेगा. 


इसका असर ये होगा कि बीजेपी के कई महत्‍वपूर्ण फैसलों और सुधारों की राह पर ब्रेक लग सकता है. उसका कारण ये है कि नायडू और नीतीश के साथ बीजेपी के अतीत में रिश्‍ते उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं.  इन सूरतेहाल में आइए जानते हैं कि ऐसे कौन से 4 अहम बीजेपी के फैसले हैं जिनकी आगे की राह मुश्किल हो सकती है:


वन नेशन-वन इलेक्‍शन


पीएम नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी का ये महत्‍वाकांक्षी अभियान है. सरकार ने पूर्व राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्‍व में इसके लिए एक कमेटी भी गठित की थी. नायडू की पार्टी टीडीपी इसके पक्ष में नहीं रही है लेकिन नीतीश कुमार ने एक देश-एक चुनाव का समर्थन किया था. विपक्ष इसके खिलाफ रहा है और अब और मजबूती के साथ अपना मुखालफत करेगा. 


परिसीमन का सवाल


बीजेपी ने 2029 तक महिला आरक्षण देने का वादा किया है. यह परिसीमन लागू होने के बाद ही संभव होगा. परिसीमन का सबसे ज्‍यादा असर दक्षिण में होगा इसलिए वहां की पार्टियां इसके विरोध में है. लिहाजा इसके असर को देखते हुए टीडीपी भी इसके खिलाफ है.


यूनिफॉर्म सिविल कोड


 भाजपा इसको लागू करने के पक्ष में है. तीसरी बार अपने दम पर बहुमत पाने की स्थिति में पूरे देश में इसको लागू करने की तैयारी थी. उत्‍तराखंड में तो इससे संबंधित बिल को विधानसभा में पेश भी किया गया. अब सहयोगी दलों के विरोध के कारण बीजेपी इसको अपनी प्राथमिकता सूची से हटाने पर मजबूर हो सकती है.

विनिवेश और विशेष राज्‍य


नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पब्लिक सेक्‍टर की कंपनियों में विनिवेश का विरोध करती रही है. लिहाजा बीजेपी को उसकी मांग के सामने झुकना पड़ सकता है. इसके साथ ही जेडीयू बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की बात कहती रही है. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी भी यही मांग करती रही है. उसने तो आंध्र प्रदेश के विशेष राज्‍य के मुद्दे पर ही 2018 में बीजेपी का साथ छोड़ दिया था.

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