केजरीवाल सरकार का ऐक्शन, सेवा विभाग के सचिव को बदलने का आदेश

 
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New delhi: केजरीवाल सरकार ने पहला बड़ी कार्रवाई की है। सेवा (सर्विसेज) विभाग मिलते ही प्रभारी मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उसके सचिव आशीष मोरे को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री की ओर से कार्रवाई के संकेत देने के बाद सभी को अधिकारियों पर कार्रवाई की आशंका थी, लेकिन इतनी जल्दी होगी ये किसी को उम्मीद नहीं थी। सचिवालयों के हर मंजिल पर यही चर्चा है अब अगला नंबर किसका। सबकी नजरें वित्त विभाग पर है, जिसके अधिकारियों के सरकार के साथ लंबे समय से कई मुद्दों पर मतभेद चल रहे है। 

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा था कि लोगों के काम में बाधा डालने वाले अधिकारियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, प्रदर्शन के आधार पर अधिकारियों का बड़ा फेरबदल होगा। सीएम केजरीवाल ने आगे कहा था कि बहुत जल्दी दिल्ली में प्रशासनिक बदलाव देखने को मिलेगा। अधिकारियों के कामकाज के आधार पर उनके ट्रांसफर या बदलाव किए जाएंगे। जो खराब जो काम नहीं करना चाहते हैं, काम रुकवाना चाहते हैं। उन्हें हटाया जाएगा उन्हें बदला जाएगा। लेकिन जो अधिकारी ईमानदारी और पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। उन्हें बड़े पदों पर लाया जायेगा।


बता दें कि गुरुवार को आम आदमी पार्टी की सरकार को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा प्रशासकीय नियंत्रण है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने कहा कि नौकरशाहों पर एक निर्वाचित सरकार का नियंत्रण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली का 'विशेष प्रकार का' दर्जा है और उन्होंने न्यायाधीश अशोक भूषण के 2019 के उस फैसले से सहमति नहीं जतायी कि दिल्ली सरकार के पास सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं है।
     
कोर्ट ने कहा कि केंद्र की शक्ति का कोई और विस्तार संवैधानिक योजना के प्रतिकूल होगा...दिल्ली अन्य राज्यों की तरह ही है और उसकी भी एक चुनी हुई सरकार की व्यवस्था है। संविधान पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल रहे। 

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