महंत बालकनाथ बन सकते है राजस्थान के CM मिला ये जबाव देखे Video

Balaknath News : भाजपा की तरफ से राजस्थान का सीएम किसे बनाया जाएगा, इसे लेकर मंथन जारी है। सीएम के लिए कई नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं। इन नामों में एक नाम जो सबसे ज्यादा चर्चा में है वो है बाबा बालकनाथ का। बालकनाथ राजस्थान चुनाव में भाजपा का चर्चित चेहरा रहा है। अब इसे लेकर लोग कह रहे हैं कि उन्हें ही सीएम बनाया जा सकता है। इस बीच उन्हें दिल्ली भी बुलाया गया है, जिससे कयासों को और हवा मिली है।
 
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नई दिल्ली। भाजपा की तरफ से राजस्थान का सीएम किसे बनाया जाएगा, इसे लेकर मंथन जारी है। सीएम के लिए कई नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं। इन नामों में एक नाम जो सबसे ज्यादा चर्चा में है वो है बाबा बालकनाथ का। बालकनाथ राजस्थान चुनाव में भाजपा का चर्चित चेहरा रहा है। अब इसे लेकर लोग कह रहे हैं कि उन्हें ही सीएम बनाया जा सकता है। इस बीच उन्हें दिल्ली भी बुलाया गया है, जिससे कयासों को और हवा मिली है।

बालकनाथ ने दिया जवाब-अरे भाई, कुछ नहीं

वहीं, सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरीऔर राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल महंत बालकनाथ की मुलाकात हुई। दोनों संसद परिसर में हल्का-फुल्का पल साझा करते नजर आए। इसका एक  वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि महंत बालकनाथ सदन से बाहर निकल रहे हैं और तभी वहीं पर मौजूद अधीर रंजन चौधरी महंत बालकनाथ की ओर इशारा करते हुए कहते हैं, श्श् नया सीएम बन रहे हैं ना..श्श् इसपर एक मीडियाकर्मी महंत बालकनाथ से पूछता है, श्श्सर राजस्थान के नए सीएम बनते ही पहला काम क्या करेंगे.श्श् इस पर महंत बालकनाथ मुस्कुराते हुए कहते हैं, श्श्अरे भाई.. कुछ नहीं।श्श् 


जीतने वाले सांसदं को देना होगा इस्तीफा

महंथ बालकनाथ ने कहा, श्श्हम सेवा के लिये तैयार हैं और सनातन ही मेरा जीवन है।श्श् बता दें कि सांसद महंत बालकनाथ को बीजेपी ने राजस्थान में तिजारा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने इस सीट से जीत दर्ज की है। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने कहा है कि जिस सांसद ने राजस्थान में विधानसभा का चुनाव लड़ा है, वो अब विधायक ही रहेंगे, उन्हें सांसदी से इस्तीफा देना होगा। नियम की बात करें तो ,विधानसभा चुनाव जीतने वाले सांसदों को अगले 14 दिनों में विधानसभा और संसद सदस्यता में से एक का चुनाव करना होगा, नहीं तो ये नेता अपनी संसद सदस्यता खो देंगे। बता दें कि राजस्थान में बीजेपी ने अपने सात सांसदों को टिकट दिया था, इनमें से चार ने चुनाव जीत लिया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ और महंत बालकनाथ में क्या हैं समानताएं? जो बनाए जा सकते हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री

जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं। बीजेपी ने इन चुनावों में कांग्रेस को जबरदस्त मात दी है। जहां कांग्रेस रिवाज बदलने की बात कह रही थी वहीं बीजेपी ने राज ही बदल दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि नए सीएम के शपथ लेने तक वह कामकाज संभालेंगे। अब प्रदेश की जनता को नए सीएम का इंतजार है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी आलाकमान ने सीएम का नाम तय भी कर लिया है। हालांकि अभी इसका ऐलान नहीं किया गया है।

इस बीच चर्चाओं के बाजार गर्म हैं कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश वाला दांव राजस्थान में भी खेल सकती है। माना जा रहा है कि बीजेपी राजस्थान के सीएम के लिए महंत बालकनाथ के नाम का ऐलान कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो महंत बालकनाथ प्रदेश के 26वें सीएम बन जाएंगे। बता दें कि उनके समर्थक और बीजेपी के कार्यकर्ता बालकनाथ को राजस्थान का योगी भी कहते हैं और इन दोनों नेताओं के बीच में काफी समानताएं भी हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दोनों नेताओं के बीच में क्या समानताएं हैं?


दोनों नेता रह चुके हैं लोकसभा सांसद 


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रह चुके हैं। वहीं महंत बालकनाथ अभी अलवर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के सांसद भी हैं। बता दें कि योगी आदित्यनाथ साल 1998 से 2017 तक लोकसभा सांसद रहे हैं। वहीं महंत बालकनाथ साल 2019 से अलवर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। इसके अलावा दोनों संतों के गुरु भी लोकसभा सांसद रह चुके हैं। सीएम योगी के गुरु महंत अवैधनाथ साल 1970 में और इसके बाद 1989 से 1996 तक गोरखपुर से सांसद रहे थे। इसके साथ ही बालकनाथ के गुरु महंत चांदनाथ भी 2014 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।

दोनों ही नाथ पंथ से जुड़े और मठों के पीठाधीश्वर 

इसके अलावा इन दोनों संतों के बीच नाथ पंथ की भी समानता है। दोनों ही नेता नाथ संप्रदाय से आते हैं। इसके साथ ही दोनों संत अपने-अपने मठों के प्रमुख भी हैं। जहां योगी आदित्यनाथ को  12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहां का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया। वहीं महंत चांदनाथ ने 29 जुलाई, 2016, को बालकनाथ को उनके उत्तराधिकारी के रूप में घोषित किया था। इस समारोह खुद में योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे। महंत चांदनाथ का निधन 17 सितंबर 2018 को हुआ था। इसके बाद से ही बालकनाथ  बाबा मस्तनाथ मठ के पीठाधीश्वर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

सीएम योगी और बालकनाथ में क्या हैं समानताएं? 

इसके अलावा अलवर की तिजारा सीट से विधायक चुने गए महंत बालकनाथ बाबा मस्तनाथ मठ से जनप्रतिनिधि बनने वाले तीसरे महंत हैं। बालकनाथ से पहले बाबा मस्तनाथ मठ के महंत श्रयोनाथ विधायक रहे चुके हैं और बाबा बालकनाथ के गुरु महंत चांदनाथ ने 2004 के उपचुनाव में जीतकर विधायक बने तह और वह 2014 में लवर से सांसद भी रहे थे। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ भी गोरखनाथ मंदिर से राजनीति में आने वाले तीसरे पीठाधीश्वर हैं। सीएम योगी से पहले महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवैधनाथ गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे चुके थे।  

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