सुरंग में बचाव अभियान पूरा, एक-एक कर निकाले सभी मजदूर

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation : उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में बचाव अभियान पूरा हो गया है और अब मजदूरों को बाहर निकाला जा रहा है. मजदूरों के परिजनों को भी बुला लिया गया है, मेडिकल टीम और एंबुलेंस मौके मौजूद हैं. सुरंग से बाहर निकालने के बाद मजदूरों को सीधे अस्पताल ले जाया गया. पाइप के जरिए मजदूरों को सुरंग से बाहर लाया गया.  स्ट्रेचर और गद्दे सुरंग के अंदर भेजे गए हैं. इसके साथ सभी तरह की मेडिकल सुविधाएं पहले से मौजूद हैं. एक हेलीकाप्टर भी घटनास्थल पर है. 
 
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में बचाव अभियान पूरा हो गया है और अब मजदूरों को बाहर निकाला जा रहा है. मजदूरों के परिजनों को भी बुला लिया गया है, मेडिकल टीम और एंबुलेंस मौके मौजूद हैं. सुरंग से बाहर निकालने के बाद मजदूरों को सीधे अस्पताल ले जाया गया. पाइप के जरिए मजदूरों को सुरंग से बाहर लाया गया.  स्ट्रेचर और गद्दे सुरंग के अंदर भेजे गए हैं. इसके साथ सभी तरह की मेडिकल सुविधाएं पहले से मौजूद हैं. एक हेलीकाप्टर भी घटनास्थल पर है. 

12 नवंबर से सुरंग में फंसे मजदूर

 12 नवंबर को दिवाली वाले दिन सुबह करीब पांच बजकर 30 मिनट पर उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में भूस्खलन हो गया. जिस वक्त टनल में भूस्खलन हुआ उस समय वहां करीब 50 मजदूर काम कर रहे थे. इनमें से कुछ वक्त रहते बाहर निकल आए और 41 मजदूर सुरंग में ही फंस गए. बता दें कि इस सुरंग में मजदूर दो शिफ्ट में काम कर रहे थे. पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से रात आठ बजे तक काम करती थी, वहीं दूसरी शिफ्ट रात आठ से सुबह 8 तक सिलक्यारा टनल में काम करती थी. जो मजदूर सुरंग में फंस गए वह रात की शिफ्ट में काम कर रहे थे. कुछ घंटे बाद वह काम खत्म कर दिवाली मनाने के लिए जाने वाले थे, लेकिन ये अनहोनी हो गई और मजदूर टनल के अंदर फंस गए.


17 दिन से ऐसे बची है मजदूरों की जान

सुरंग में फंसे मजदूर सुरक्षित हैं. उन्हें लगातार पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है. इसी वजह से मजदूर जीवित बचे हैं. शुरूआती कुछ दिनों तक मजदूरों को सिर्फ ड्राइफ्रूट्स और चना ही खाने के लिए भेजा गया था. लेकिन बाद में उनके लिए दलिया और कुछ लिक्विड फूड भी भेजा जाने लगा. इसके अलावा मजदूरों को खाने के लिए पका हुआ भोजन और फल भी सिलक्यारा सुरंग में भेजा जा रहा है. सुरंग के अंदर 2 किलोमीटर के खंड में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंक्रीट का भी किया गया. क्योंकि सुरंग का यह खंड बचाव अभियान का केंद्र बिंदु है.
बचाव दल के इंजीनियर चंद्रन कहते हैं कि उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग से एक व्यक्ति को बचाया गया है. 

सीएम पुष्कर सिंह धामी घटनास्थल पर पहुंचेसिल्कयारा सुरंग बचाव स्थल पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य अधिकारी पहुंचे. सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए ऑपरेशन आखिरी पड़ाव पर पहुंचा.18:39 (IST)Facebook Twitter Whats app Linked Inउत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा सुरंग बचाव स्थल से रवाना.

हम 58 मीटर पर हैं और दूसरी तरफ ड्रिलिंग जारी: अता हसनैन एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) के अनुसार, हम 58 मीटर पर हैं और दूसरी तरफ ड्रिलिंग और खुदाई की आवाजे सुनाई दे रही हैं. यह ऑपरेशन का आखिरी मील है. एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ हैं. यह उनके प्रयासों का नतीजा है कि बीते 24 घंटों में 10 मीटर की दूरी हासिल की गई है.
मलबे को काट दिया गया था पूरी रात काम जारी था: हसनैनएनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन का कहना है कि हम सफलता के बेहद करीब हैं लेकिन अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं. मैनुअल काम जारी है और हम 58 मीटर तक पहुंच चुके हैं. मलबे को काट दिया गया था पूरी रात काम जारी था. हमारे चूहे खनिक, विशेषज्ञ और सेना के इंजीनियर इसे 58 मीटर तक ले जाने में सफल रहे। पाइप को बरमा मशीन  की सहायता से धकेल दिया गया है.


स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 बेड की व्यवस्था की गईबचाव अभियान के चलते सुरंग के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की है. फंसे मजदूरों को निकालने के बाद यहीं पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी. किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 बेड की व्यवस्था की गई है. यहां पर डॉक्टरों व विशेषज्ञों की टीम तैनात की  गई है.
 
 

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