Punjab News : चंडीगढ़ के PGI में मरीजों को मिलेंगी नई सुविधा

पी.जी.आई. ओ.पी. डी. में सालाना 30 लाख मरीज आते हैं। मरीजों के सामने सबसे बड़ी समस्या संबंधित मंजिलों में पहुंचने, फीस काऊंटर और लैबोरेट्री की जानकारी न होने को लेकर आती है। अमेरिका में कॉलेजों के छात्र खाली समय में अस्पतालों में मरीजों की मदद करते हैं, जहां मरीजों का सबसे ज्यादा दबाव रहता है।

 
PGI Chandigarh

चंडीगढ़: PGI के प्रस्ताव पर कॉलेजों के एन. एस. एस. वॉलंटियर ज्यादा दबाव वाली जगह पर मरीजों की मदद के लिए आगे आए हैं। प्रोजैक्ट सारथी के तहत सोमवार से सैक्टर-10 के गवर्नमेंट पॉलीटैक्नीक कॉलेज फॉर वूमन की एन. एस. एस. कार्यकर्ताओं ने ये जिम्मा संभाल लिया है। पी.जी.आई. ओ.पी. डी. में सालाना 30 लाख मरीज आते हैं। मरीजों के सामने सबसे बड़ी समस्या संबंधित मंजिलों में पहुंचने, फीस काऊंटर और लैबोरेट्री की जानकारी न होने को लेकर आती है। अमेरिका में कॉलेजों के छात्र खाली समय में अस्पतालों में मरीजों की मदद करते हैं, जहां मरीजों का सबसे ज्यादा दबाव रहता है।

छात्रों की सुविधा के लिए बनाया जाएगा Roaster


डिप्टी डायरैक्टर पंकज राय बताते हैं कि कॉलेजों से मिलने वाले छात्र बेहद मददगार साबित होंगे। हमारा लक्ष्य कमसे कम एक हजार छात्रों का पूल बनाने का है। इसके बाद कॉलेजों की सुविधा के मुताबिक एक रोस्टर बनाया जाएगा। कॉलेज के छात्र जब खाली समय में 10 या 15 दिन के बैच में आने को तैयार होंगे, उस अनुसार रोस्टर बनाया जाएगा। ये रोस्टर शिक्षण संस्थानों के साथ सांझा किया जाएगा। रोस्टर मुताबिक कॉलेज तय समय पर छात्रों को भेज सकेंगे। पी.जी. आई. के प्रोजेक्ट सारथी में आने वाले कार्यकर्ता अपने एन. एस. एस और एन. सी. सी के प्रोजेक्ट के तौर पर ये मदद करेंगे।

मैडीकल सुपरिटेंडेंट और हैड हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन प्रो. विपिन कौशल ने प्रोजेक्ट में मदद के लिए आए बच्चों के प्रयासों की सराहना की। आने वाले दिनों में एन.जी.ओ., एक्स सर्विसमेन और सीनियर सिटीजन को भी जोड़ा जाएगा। अभी भी कई एन.जी.ओ. मदद के लिए काम करती है।

डिप्टी डायरेक्टर प्रो. विवेक लाल ने बताया कि डिप्टी डायरैक्टर पंकज ने अमेरिकी अस्पतालों के प्रयोग को पी.जी.आई. में आजमाने का प्रस्ताव दिया था। शहर के शिक्षण संस्थानों के साथ विचार साझा किया तो उन्होंने छात्र भेजने का भरोसादिया। फिर कॉलेजों से पैनल मांगा। डायरेक्टर हायर एजुकेशन ने भी पी.जी.आई. की मदद की।

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