पंजाब पुलिस के अधिकारियों के लिए सख्त आदेश जारी, अब नहीं कर सकेंगे यह काम

CM भगवंत सिंह मान की मीटिंग में यह मुद्दा उठा था कि पंजाब के बड़े पुलिस अधिकारी अपने चहेते स्टाफ पर ज्यादा मेहरबान होते है। अगर उन अधिकारियों का तबादला एक जगह से दूसरी जगह पर होता है, तो वह अपने उन चहेते रीडर, असिस्टैंट रीडर, स्टैनो, डी.एस.पी. या इंस्पैक्टर को अपनी नई पोस्टिंग के साथ ही दूसरे जिलों में ले जाते है, जबकि उन स्टाफ की मूल पोस्टिंग कहीं ओर होती है जोकि कई-कई वर्षो तक एक ही पुलिस अधिकारी के साथ रीडऱ या महत्वपूर्ण थानों या स्टाफ में तैनाती रहती है। 

 
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Photo Credit: facbook

लुधियाना : CM भगवंत सिंह मान की मीटिंग में यह मुद्दा उठा था कि पंजाब के बड़े पुलिस अधिकारी अपने चहेते स्टाफ पर ज्यादा मेहरबान होते है। अगर उन अधिकारियों का तबादला एक जगह से दूसरी जगह पर होता है, तो वह अपने उन चहेते रीडर, असिस्टैंट रीडर, स्टैनो, डी.एस.पी. या इंस्पैक्टर को अपनी नई पोस्टिंग के साथ ही दूसरे जिलों में ले जाते है, जबकि उन स्टाफ की मूल पोस्टिंग कहीं ओर होती है जोकि कई-कई वर्षो तक एक ही पुलिस अधिकारी के साथ रीडऱ या महत्वपूर्ण थानों या स्टाफ में तैनाती रहती है। 


अब पुलिस अधिकारी अपने चहेत स्टाफ को तबादले के बाद अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे। इस पर सख्ती दिखाते हुए डी.जी.पी. गौरव यादव ने आदेश जारी किए हैं, जिसमें सभी को अपनी मूल पोस्टिंग पर वापिस भेजने के लिए कहा गया है और दो दिनों के अंदर रिपोर्ट डी.जी.पी. ऑफिस भेजने के लिए कहा है। दरअसल, पिछले दिनों सी.एम. भगवंत सिंह मान की मीटिंग में यह मुद्दा उठा था कि पंजाब के बड़े पुलिस अधिकारी अपने चहेते स्टाफ पर ज्यादा मेहरबान होते है।

अगर उन अधिकारियों का तबादला एक जगह से दूसरी जगह पर होता है, तो वह अपने उन चहेते रीडर, असिस्टैंट रीडर, स्टैनो, डी.एस.पी. या इंस्पैक्टर को अपनी नई पोस्टिंग के साथ ही दूसरे जिलों में ले जाते है, जबकि उन स्टाफ की मूल पोस्टिंग कहीं ओर होती है जोकि कई-कई वर्षो तक एक ही पुलिस अधिकारी के साथ रीडऱ या महत्वपूर्ण थानों या स्टाफ में तैनाती रहती है। 

इस दौरान वह अपनी मनमानियां करते है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं जिसके बाद सी.एम. ने इस पर एक्शन लेने के लिए कहा था। ऐसी ही भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार सी.एम. और डी.जी.पी. ऑफिस पहुंच रही थी, इसलिए सोमवार को डी.जी.पी. गौरव यादव की तरफ से सभी ए.डी.जी.पी., आई.जी., डी.आई.जी., सी.पी., एस.एस.पी., कमांडैंट और अन्य अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं कि जिन भी अधिकारियों के साथ उनका चहेता स्टाफ दूसरे जिले में गया है, वह तुरंत उन्हे रिलिव कर अपनी असल पोस्टिंग पर भेज दें।

लुधियाना के कई उच्चाधिकारियों के साथ है चहेता स्टाफ

लुधियाना कमिश्नरेट में भी कई ऐसे उच्चाधिकारी हैं जिनके साथ उनके चहेते काम कर रहे हैं जिनमें कई डी.सी.पी., ए.डी.सी.पी. और ए.सी.पी. शामिल हैं। उनके साथ चहेता स्टाफ कई वर्षो से है। अगर अधिकारी दूसरे जिले में चला जाता है तो वह उनके संपर्क में रहते है। लुधियाना आने के तुरंत बाद वह उनके साथ ही अटैच हो जाते हैं।

रीडरों की भी होना चाहिए तबादला

महानगर में कई वर्षो से कुछ रीडर एक ही सीट पर टीके हुए है। पुलिस अधिकारी बदल जाते हैं मगर रीडर पुराने ही रहते है। ऐसे में उन रीडरों की इलाके में ऐसी सेटिंग हो जाती है कि एस.एच.ओ. को अधिकारी खुश करने से पहले रीडर साहब का खुश करना पड़ता है। पुलिस कमिश्नर को चाहिए कि अधिकारियों के साथ जुड़े हुए रीडऱों का भी तबादला होना चाहिए। उन्हें थाना-चौकियों में लगाकर उनकी जगह अन्य को देनी चाहिए। जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकती है।

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