Tigri Ganga Mela 2022: जाने इस बार कब लगेगा तिगरी गंगा मेला, प्रशासन ने तैयारियों की शुरू

 
Tigri Ganga Mela 2022

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तिगरीधाम।  भूदेव भगलिया


Tigri Ganga Mela 2022:यूपी के अमरोहा जनपद के गजरौला थाना क्षेत्र में लगने वाले तिगरीधाम गंगा मेला उत्तर भारत के ऐतिहासिक मेला है। इस मेले का आयोजन दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा से सप्ताह भर पहले से शुरू होता है। गंगा तट जगमग दिखाईं देगी। इस वक्त विरान तलहटी पर आस्था का संगम दिखाईं देगा। मेला स्थल को कई सेक्टरों में बांटा जाता है।  मेले को भव्य बनाने के लिए जिला प्रशासन करता है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जाते है। अबतक के इतिहास में बीते साल कोविड की वजह से मेले का आयोजन नहीं हुआ था। 

इस बार 8 नवम्बर 2022 होगी कार्तिक पूर्णिमा 


इस साल 4 नवंबर 2022 को देवठान से मेले की शुरूआत होती है। लेकिन श्रद्धालु 1 नवंबर से जाने शुरू हो जाते है। प्रशासन ने मेले की तैयारियों की रूपरेखा तैयार कर ली। मेले की तैयारियों के लिये पुलिस प्रशासन के साथ सभी विभागों को निर्देश दे दिये गये। इस बार जिलाधिकारी ने भव्य और किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हो उसके लिये पहले से अलर्ट कर दिया है। 

मेले का इतिहास


जानकारों की मानें तो सही जानकारी नहीं मिलती है। मेले का इतिहास श्रवण कुमार से मिलता है। रामप्रकाश शर्मा बताते है कि रामायण काल से पहले से तिगरीधाम में लोग मेले का आयोजन हो रहा है। उन्होने बताया कि श्रवण कुमार अपने माता-पिता को लेकर गंगाकिनारे आये थे। जब लोगों को उनके आने की सूचना मिली तो आसपास के लोगों ने कई दिनों तक गंगा किनारे पर तंबु लगाकर श्रवण कुमार के दर्शन किये थे।  इसके बाद से हर साल दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा को गंगामेले का आयोजन किया जा रहा है। 

लाख श्रद्धालु पहुंचते है तिगरीधाम


कार्तिक पूर्णिमा पर तिगरी धाम पर लगने वाला गंगा मेला उत्तर भारत का प्राचीन और ऐतिहासिक मेला है। तिगरी गंगा मेले में जिले के साथ ही आसपास जिलों के 15 से 20 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। गंगा किनारे श्रद्धालु डेरा लगाकर मेले में रहते हैं। मेला आस्था का बड़ा संगम कहलाता है। तिगरी गंगा मेले को राज्य स्तर का दर्जा भी मिल चुका है।  इस साल 2 से 12 नवंबर 2022 तक मेला रहेगा। हजारों बीघा जमीन में तंबुओं की नगरी बसेगी। कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य 8 नवंबर की सुबह होगा।


दिवंगत आत्माओं के लिये करते है दीपदान

 महाभारत काल से चली आ रही दीपदान का आज फिर देखने को मिला। चौदस की रात्रि में हजारोें लोगों ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए गंगा में दीपदान किया। इस बार दीपदान 7 नंवबर 2022 को होगा । इस दौरान अपने सगे संबंधी व परिजनों से बिछड़ों को याद कर उनके आंसू छलक उठे। इस परंपरा के निर्वहन के वक्त गंगा घाट ऐसा प्रतीत हुआ जैसे मानों आकाश से तारे धरती पर उतर आए हों।

ऐसा माना जाता है महाभारत युद्ध में मारे गए हजारों सैनिक और असंख्य योद्धाओं की आत्म शांति के लिए भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों की मौजूदगी में सर्वप्रथम दीपदान किया था। बुधवार को हजारों की संख्या में लोगों ने गंगा घाटों पर पहुंचकर दीपदान किया। जिनके परिवार के सदस्य उनके बीच अब नहीं रहे। दीपदान उन्हीं दिवंगत आत्मों की शांति के लिए संबंधित परिवार के लोग करते हैं। सूर्यास्त होते ही दीपदान का सिलसिला शुरू हो गया। देररात तक दीपदान जारी रहा।

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