Amroha News : कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी है तो किसानों को MSP गारंटी क्यों नहीं : नरेश चौधरी

Amroha News : अमरोहा/गजरौला। देश के सरकारी कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी मिल सकती है तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी क्यों नहीं मिल सकती है।
 
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Amroha News : अमरोहा/गजरौला। देश के सरकारी कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी मिल सकती है तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी क्यों नहीं मिल सकती है। रविवार को भारतीय किसान यूनियन (संयुक्त मोर्चा) संगठन से जुड़े प्रदेश भर के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की एक किसान पंचायत को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने कहा कि यदि देश के केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी मिल सकती है तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)की गारंटी क्यों नहीं मिल सकती है।

किसान नेता नरेश चौधरी ने देश के कृषि विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह सरकारी कर्मचारियों ने बाज़ार से जुड़ी पेंशन को अस्वीकार कर दिया तो देशभर के किसान भी यही कह रहे हैं कि बाज़ार से जुड़ी कृषि कीमतों से उनको घाटा होता है? उन्होंने आगे कहा कि अगर बाज़ार आधारित पेंशन, कर्मचारियों को स्वीकार नहीं तो फिर किसानों को नुकसान देने की तुक क्या है। उन्होंने पंचायत में बताया कि केंद्र सरकार ने शनिवार को सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस ) लागू करने की घोषणा कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी देने वाली योजना का निर्णय लिया गया है। वहीं दूसरी ओर विडंबना देखिए जिस कृषि प्रधान देश भारत में कृषि का बजट मात्र तीन फीसदी हो तो इस तरह कृषि विकसित भारत का ग्रोथ इंजन कैसे बनेगा? सरकार यदि किसानों की दशा में सुधार करना चाहती है तो उनके जीवन यापन के मुद्दे पर ध्यान देना होगा। ताकि खेती से होने वाली आमदनी का लाभ समाज के अन्य लोगों तक पहुंचे।

नरेश चौधरी ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि ऐसी संवैधानिक संस्था बनाई जानी चाहिए जो खेती से होने वाली आमदनी बढ़ाने के तरीके बताए। और इसकी शुरुआत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनन बाध्यता बना कर की जा सकती है।पिछले कुछ सालों में ग़रीबी मिटाने की बात तो की गई लेकिन खेती पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

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