दिल्ली से एक लाख का इनामी हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार, नेताओं से लेकर पुलिस अधिकारियों से पटी है फेसबुक प्रोफाइल
कानपुर । कानपुर पुलिस को सफलता मिली है। कानपुर में अपना दल (एस) की बाइक रैली में पथराव कर कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला करने के आरोपी एक लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर अजय ठाकुर को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एक महीने से पुलिस के साथ आंखमिचौली खेल रहे अजय के दिल्ली से पंजाब के बीच में होने की सूचना थी। सटीक सूचना पर पुलिस ने बुधवार को उसे दिल्ली से धर दबोचा। उसके साथ दो अन्य लोगों को भी पकड़ा गया है।
घटना के बाद से लगातार पुलिस की पहुंच से दूर हो रहे अजय पर डीसीपी साउथ ने पहले 25 हजार और फिर एक लाख का इनाम घोषित किया था। हालांकि इनाम घोषित होने के बावजूद पुलिस को उसके बारे में ठोस सूचना नहीं मिल पा रही थी। पुलिस को यह तो पता था कि वह दिल्ली और पंजाब के बीच बार-बार ठिकाने बदल रहा है। अमृतसर में पुलिस उसके ठिकाने से महज सौ मीटर दूर ही थी, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही अजय ठाकुर फरार हो गया।
इसके बाद से वह दिल्ली और पंजाब के बीच अलग-अलग ठिकानों में रुक रहा था। इसी वजह से पुलिस की एक टीम दिल्ली में ही कैंप किए रही और सटीक सूचना मिलने का इंतजार करने लगी। मंगलवार रात को अजय रोजाना की तरह ही परिचितों से संपर्क कर रहा था। इसी दौरान ही पुलिस ने उसे सटीक सूचना के आधार पर सुबह दिल्ली के एक होटल से धर दबोचा।
नेताओं से लेकर पुलिस अधिकारियों से पटी है फेसबुक प्रोफाइल
अजय ठाकुर के रसूख का अंदाजा उसकी प्रोफाइल को देखकर लगाया जा सकता है। विधायकों, मंत्रियों और सत्तारूढ़ दल से जुड़े तमाम नेताओं के साथ उसकी फोटो फेसबुक प्रोफाइल पटी पड़ी है। इन्हीं फोटो के जरिये वह सामाजिक रूप से अपने रसूख को दिखाकर विरोधियों को दबाने की कोशिश करता था।
हिरासत में लेकर की जा रही है पूछताछ
टीम उसे लेकर बुधवार रात कानपुर पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार खुद इस गिरफ्तारी के संबंध में प्रेसवार्ता कर संबोधित कर सकते हैं। इसी वजह से पुलिस इस कार्रवाई पर आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से बच रही है। डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार ने कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
आठ नामजद में सिर्फ दो को ही पकड़ पाई थी पुलिस
जानलेवा हमले के जिस मामले में अजय ठाकुर व उसके सात साथियों अर्पित ठाकुर, शिवांश ठाकुर, अभय भदौरिया, आकाश द्विवेदी, टोबो शिकारी, साहिल सोनकर उर्फ शेरा और गौतम मोंगा को नामजद कर फरारी के समय 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। सिर्फ अंश सिसोदिया उर्फ शिवांश ठाकुर और शिवम सोनकर उर्फ टोबो शिकारी ही पुलिस की पकड़ में आ सके थे। उन्हें कानपुर से ही 18 फरवरी को पुलिस ने पकड़ा, लेकिन इसके अलावा अजय से लेकर अन्य किसी भी आरोपी तक पुलिस पहुंचने में नाकाम रही थी।
अजय के दबदबे से पलटते रहे वादी और गवाह
अजय के खिलाफ भले ही इतने केस दर्ज हो गए कि पुलिस ने उसे हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया लेकिन अधिकांश मामलों में उसके खिलाफ केस दर्ज कराने से लेकर मामले के गवाह तक पलट गए। अपना दल एस के जिस महासचिव ने अजय पर केस दर्ज कराया, उसका ही एक हलफनामा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें कहा कि अजय ठाकुर को हमला करते हुए उसने नहीं देखा। उसे किसी ने बताया था कि अजय ने रैली में हमला किया है।
खबर एजेंसी