जोया में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद हंगामा, अस्पताल सील ​​​​​​​

जच्चा-बच्चा की मौत की जानकारी मिलने पर एसडीएम सदर सुधीर कुमार, सीएमओ डॉ. एसपी सिंह और नोडल अधिकारी डॉ. शरद कुमार मौके पर पहुंच गए। नोडल अधिकारी ने जांच की तो सामने आया कि इकरा हॉस्पिटल नवीनीकरण नहीं हुआ है।
 
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Photo Credit: jagruk youth news

Jagruk Youth News, 9 october 2024-Amroha News , जोया में एक निजी अस्पताल में डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा  की मौत हो गई। परिजनों हंगामा किया। सूचना पाकर मौके पर पहुचं पुलिस व एसडीएम और सीएमओ ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सीज कर दिया। वहीं दो की मौत होने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। हंगामा होते देखे अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ मौके से फरार हो गया।

हालांकि, मामले में समझौता होने के बाद परिजनों ने बिना कानूनी कार्रवाई के शवों को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। शहनाज डिडौली कोतवाली क्षेत्र के कालखेड़ा उर्फ कलालखेड़ा के रहने वाले कासिम की पत्नी थी। 13 साल पहले शादी के बाद शहनाज के पास एक बेटा व दो बेटियां हैं।

चौथे बच्चे की डिलीवरी के लिए परिजनों ने सात अक्तूबर को शहनाज को जोया के संभल चौराहा स्थित इकरा हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां मंगलवार शाम ऑपरेशन से शहनाज ने बेटे को जन्म दिया। लेकिन, कुछ देर बाद नवजात की मौत हो गई।


इसके बाद शहनाज की भी तबीयत बिगड़ गई। परिजनों के मुताबिक मंगलवार देर रात स्टाफ ने शहनाज को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन महिला को हाईवे स्थित एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां उसकी की मौत हो गई।

अस्पताल के डॉक्टरों ने ठीक तरह से ऑपरेशन नहीं होने की बात बताई। यह सुनकर परिजनों का गुस्सा भड़क गया और शहनाज के शव को लेकर उसी अस्पताल में पहुंचे, जहां डिलीवरी कराई गई थी। अस्पताल में शव रखकर परिजन हंगामा करने लगे।

ऑपरेशन करने वाले स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस बीच ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर और हॉस्पिटल संचालक भाग निकला। हंगामा की सूचना पर डिडौली पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की।

उधर, जच्चा-बच्चा की मौत की जानकारी मिलने पर एसडीएम सदर सुधीर कुमार, सीएमओ डॉ. एसपी सिंह और नोडल अधिकारी डॉ. शरद कुमार मौके पर पहुंच गए। नोडल अधिकारी ने जांच की तो सामने आया कि इकरा हॉस्पिटल नवीनीकरण नहीं हुआ है।

इस पर नोडल ने एसडीएम और सीएमओ की मौजूदगी में अस्पताल को सील कर दिया। अस्पताल संचालक को नोटिस देकर जवाब मांगा है। सीएमओ डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि अस्पताल संचालक की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।


इकरा हॉस्पिटल 20 अप्रैल 2024 तक के लिए रजिस्टर्ड था। इसके बाद हॉस्पिटल संचालक में नवीनीकरण के लिए आवेदन किया। अस्पताल के पॉल्यूशन की अवधि 19 अक्तूबर 2024 को समाप्त हो रही थी। जबकि, बायो वेस्ट प्रमाणपत्र की अवधि 31 अगस्त 2024 को समाप्त हो गई थी। फायर की NOC एनओसी नहीं थी। जिसके चलते विभाग की ओर से इसका नवीनीकरण नहीं किया गया था। बावजूद इसके अवैध रूप से हॉस्पिटल में ऑपरेशन से डिलीवरी की जा रही थीं।


मुबारक हुसैन संवाददाता जोया

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