Amroha में 10 कीटनाशकों की बिक्री पर लगाई रोक
Jagruk Youth News, 8 october 2024-Amroha News , अमरोहा। मंडल में बासमती धान का उत्पादन करीब नौ लाख टन होता है। किसान अधिकांश मात्रा में उत्पादित बासमती धान बेच देते है। अधोहस्ताक्षर द्वारा यह भी बताया गया कि अमेरिका व अन्य यूरोपीय देश में बासमती चावल की काफी मांग रही है।
धान की फसल में लगने वाले कीटनाशक जो धान के लिये घातक थे उन पर सरकार ने रोक लगा दी है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी बबलू कुमार जनपद के धान उत्पादक किसान भाईयों को परामर्श देते है कि अमरोहा समेत 30 जनपदों में उत्पादित बासमती चावल के निर्यात में बाधक बने 10 कीटनाशकों की बिक्री और इस्तेमाल उत्तर प्रदेश शासन कृषि अनुभाग-2 ने 60 दिन के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इन कीटनाशकों के मिश्रण यानी साल्ट से बने अन्य कीटनाशक का भी उपयोग नहीं हो सकेगा।
मंडल के अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर एवं सम्भल जिलों में मुख्य रूप से सुगंधित यानी बासमती धान की खेती बहुत बड़े क्षेत्रफल पर की जाती है। मंडल में बासमती धान का उत्पादन करीब नौ लाख टन होता है। किसान अधिकांश मात्रा में उत्पादित बासमती धान बेच देते है। अधोहस्ताक्षर द्वारा यह भी बताया गया कि अमेरिका व अन्य यूरोपीय देश में बासमती चावल की काफी मांग रही है। करीब तीन साल पहले निर्यात में कमी आई। जांच में पता चला कि धान की फसल में आखिरी समय में इस्तेमाल कीटनाशकों का असर चावलों पर रह जाता है। बासमती चावल के निर्यात व खपत में बाधा न आए, इसलिए यह 10 कीटनाशकों के इस्तेमाल
पर प्रतिबंध लिया गया है।
अतः इन कीटनाशकों की बिक्री फिलहाल प्रतिबंधित की जाती है जो इस प्रकार है- ट्राईसाईक्लाजोल, क्लोरपाईरीफास, इमिडाक्लोप्रिड, प्रोपिकोनाजोल, बुप्रोफेजिन, एसिफेट, थायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफास, हेक्साकोनाजोल एवं कार्बेन्डाजिम का धान की फसल में इस्तेमाल 60 दिन के लिए प्रतिबंध किया जाता है।
Written By Rohit Kumar journalist