Vaishno Devi Landslide : वैष्णो देवी के रास्ते पर भूस्खलन क्या हुआ आई वजह सामने, श्राइन बोर्ड पर फूटा गुस्सा, उठाए सवाल

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Vaishno Devi Landslide : 26 अगस्त 2025 को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी मंदिर के रास्ते पर एक भयानक भूस्खलन ने तीर्थयात्रियों के बीच दहशत फैला दी। इस हादसे में 34 से अधिक लोगों की जान चली गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह घटना कटरा से मंदिर तक 12 किलोमीटर की चढ़ाई के बीच अधक्वारी में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुई। भारी बारिश के कारण हुए इस भूस्खलन ने न केवल तीर्थयात्रा को रोक दिया, बल्कि प्रशासन और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड पर कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए। इस लेख में हम इस हादसे की वजह, श्राइन बोर्ड की प्रतिक्रिया, और उठ रहे सवालों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

26 अगस्त 2025 को दोपहर करीब 3 बजे, जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी तीर्थ मार्ग पर एक बड़ा भूस्खलन हुआ। यह हादसा अधक्वारी में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ, जो कटरा से मंदिर तक के 12 किलोमीटर के रास्ते का मध्य बिंदु है। भारी बारिश के कारण पहाड़ी से पत्थर, मलबा और बोल्डर नीचे की ओर गिरे, जिससे कई तीर्थयात्री इसकी चपेट में आ गए।

  • मृत्यु और घायल: अधिकारियों के अनुसार, इस हादसे में 34 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए।

  • स्थान: हादसा अधक्वारी के पास हुआ, जो तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

  • यात्रा पर प्रभाव: भूस्खलन के बाद वैष्णो देवी यात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

Vaishno Devi Landslide : भूस्खलन की वजह

इस भूस्खलन की मुख्य वजह भारी और लगातार बारिश थी, जिसने जम्मू क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से कहर बरपाया था। मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की थी, फिर भी यात्रा को समय पर रोकने में देरी हुई। कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

  • अत्यधिक बारिश: जम्मू में 24 घंटे में 629.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले रिकॉर्ड (342 मिमी) से कहीं अधिक थी।

  • भूवैज्ञानिक कमजोरी: वैष्णो देवी मंदिर त्रिकूट पर्वत पर स्थित है, जो भूवैज्ञानिक रूप से कमजोर क्षेत्र है। भारी बारिश ने इस क्षेत्र को और अस्थिर कर दिया।

  • पेड़ों की कटाई: स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अधक्वारी के पास पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और नए रास्तों का निर्माण इस हादसे का एक कारण हो सकता है।

Vaishno Devi Landslide : श्राइन बोर्ड की प्रतिक्रिया

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने हादसे के तुरंत बाद कार्रवाई शुरू की। बोर्ड ने राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के साथ-साथ पीड़ितों की मदद के लिए कई कदम उठाए।

  • बचाव कार्य: एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और स्थानीय स्वयंसेवकों ने बचाव कार्यों में हिस्सा लिया।

  • मृतकों के शवों की व्यवस्था: श्राइन बोर्ड ने मृतकों के शवों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ली।

  • घायलों का इलाज: घायल तीर्थयात्रियों को श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें सर्वोत्तम उपचार प्रदान किया जा रहा है।

Vaishno Devi Landslide : उठ रहे सवाल

इस हादसे ने प्रशासन और श्राइन बोर्ड की तैयारियों पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस पार्टी ने इस बात पर नाराजगी जताई कि मौसम की चेतावनियों के बावजूद यात्रा को समय पर क्यों नहीं रोका गया।

  • मौसम चेतावनी की अनदेखी: मौसम विभाग ने भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी पहले ही जारी कर दी थी, फिर भी यात्रा को 1:30 बजे तक जारी रखा गया।

  • प्रशासन की लापरवाही: एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसे “आपराधिक लापरवाही” करार दिया, क्योंकि अमरनाथ यात्रा को मौसम की चेतावनी के आधार पर रोका गया था, लेकिन वैष्णो देवी यात्रा को नहीं।

  • श्राइन बोर्ड की जवाबदेही: कटरा और पड़ेर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट और श्राइन बोर्ड पर 129 तीर्थयात्रियों की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है।

Vaishno Devi Landslide : प्रशासन की कार्रवाई

हादसे के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की गई।

  • आर्थिक सहायता: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मृतकों के परिजनों को 6 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने राज्य के मृतकों के लिए 4 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया।

  • बचाव और पुनर्वास: उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालने और बिजली, स्वास्थ्य, पानी, राशन और टेलीकॉम जैसी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने का निर्देश दिया।

  • यातायात और रेल सेवाएं: भूस्खलन और बाढ़ के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग और कटरा से रेल सेवाएं बंद कर दी गईं।

Vaishno Devi Landslide : भविष्य के लिए सबक

वैष्णो देवी भूस्खलन ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या भारत के तीर्थस्थलों पर आपदा प्रबंधन की पर्याप्त व्यवस्था है। कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:

  • मौसम चेतावनियों का पालन: मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेते हुए यात्रा को समय पर रोकने की आवश्यकता है।

  • बुनियादी ढांचे का विकास: तीर्थ मार्गों को भूवैज्ञानिक रूप से मजबूत करने और पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने की जरूरत है।

  • आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण: स्थानीय प्रशासन और श्राइन बोर्ड को आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर प्रशिक्षण और संसाधनों की आवश्यकता है।

  • जागरूकता अभियान: तीर्थयात्रियों को मानसून के दौरान यात्रा करने के जोखिमों के बारे में जागरूक करना जरूरी है।

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