Weather News Update-देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सोमवार को भारी बर्फबारी ने कमर तोड़ दी। केदारनाथ में पारा माइनस 17 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया, तो बद्रीनाथ में माइनस 14 डिग्री। चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में मौसम ने तांडव मचा दिया। ऊंचे पहाड़ों पर बर्फ की चादर बिछ गई, जबकि मैदानी इलाकों में हल्की धुंध ने सुबह की शुरुआत धुंधली कर दी। क्या ये सर्दी का पहला बड़ा झटका है? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
क्या हुआ? बर्फबारी और ठंड ने तोड़ा रिकॉर्ड
पहाड़ों में भारी बर्फबारी शुरू हो गई, जिससे तापमान में तेज गिरावट आ गई। केदारनाथ धाम के आसपास की चोटियां पूरी तरह सफेद हो चुकी हैं, और झरने तक जमने लगे हैं। चमोली जिले की नीति घाटी और द्रोणागिरी पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर जारी है। इसी तरह उत्तरकाशी के गंगोत्री क्षेत्र और पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी गांवों में भी बर्फ की मोटी परत जम गई। मैदानी इलाकों जैसे देहरादून, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में हल्की धुंध छाई रही, लेकिन रात का पारा सामान्य से नीचे रहा। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि 3200 मीटर से ऊपर के इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। ये सब दिसंबर की शुरुआत से बढ़ रही सर्दी का नतीजा है, जो अब चरम पर पहुंच गई है।
कब और कहां? सोमवार दोपहर से शुरू हुआ तूफान
ये सब सोमवार दोपहर से शुरू हुआ। चमोली में सुबह से ही बर्फबारी जारी थी, जो दोपहर तक तेज हो गई। आज रात से ठंड और बढ़ने की संभावना है, और कल से पाला गिरना शुरू हो जाएगा। मंगलवार को चमोली में बादल छाए रहेंगे, साथ ही बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। प्रभावित इलाकों में चमोली का बद्रीनाथ क्षेत्र सबसे ज्यादा मारा गया, जहां नीति घाटी की ऊंची चोटियां बर्फ से लकदक हैं। उत्तरकाशी में गंगोत्री धाम के रास्ते पर बर्फ जमा हो गई, तो पिथौरागढ़ के हिमालयी गांवों में रातें अब कांपने वाली हो गईं। अल्मोड़ा में भी बादल छाए रहे, जबकि देहरादून में आंशिक बादल और साफ आसमान का मिश्रण देखा गया। ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार में सुबह की धुंध ने विजिबिलिटी कम कर दी।
क्यों? मौसम का प्राकृतिक खेल या कुछ और?
मौसम विभाग के मुताबिक, ये सब पर्वतीय ठंड के बढ़ने और मौसम बदलाव का नतीजा है। दिसंबर की शुरुआत से ही तापमान गिर रहा था, लेकिन सोमवार को पश्चिमी विक्षोभ ने बर्फबारी को हवा दी। ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड का असर ज्यादा पड़ता है, क्योंकि वहां हवा ठंडी और शुष्क रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये प्राकृतिक चक्र है, लेकिन जलवायु परिवर्तन से सर्दियां अनियमित हो रही हैं। फिलहाल कोई बड़ा कारण नहीं बताया गया, लेकिन अलर्ट से साफ है कि आने वाले दिनों में ठंड और कसावट लाएगी।
कैसे? प्रभाव और लोगों की जद्दोजहद
बर्फबारी ने पहाड़ी इलाकों में हाहाकार मचा दिया। सड़कों पर फिसलन बढ़ गई, जिससे यात्रा जोखिम भरी हो गई। केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे तीर्थस्थलों पर तीर्थयात्रियों को सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है। स्थानीय लोग अलाव जलाकर रातें काट रहे हैं, और बाजारों में गर्म कपड़ों, हीटरों और ऊनी सामानों की होड़ लग गई। चमोली के निवासियों ने बताया कि झरने जमने से पानी की दिक्कत हो रही है। पर्यटन पर भी असर पड़ा है – ऊंचे इलाकों में घूमने वालों को रोक लग सकती है। मैदानी क्षेत्रों में ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की कि फिसलन वाली सड़कों पर वाहन धीरे चलाएं।
तापमान का हाल: आंकड़ों में सर्दी का अंदाजा
रविवार के आंकड़े देखें तो देहरादून में अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा था, लेकिन न्यूनतम 7.9 डिग्री। पंतनगर में अधिकतम 23.4, न्यूनतम 5.2 डिग्री। मुक्तेश्वर में अधिकतम 19.7 (सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा), न्यूनतम 6.9 डिग्री। नई टिहरी में अधिकतम 19.5, न्यूनतम 6.2 डिग्री। सोमवार को देहरादून में अधिकतम 25 डिग्री और न्यूनतम 8 डिग्री रहने का अनुमान है। लेकिन पहाड़ों पर हालात अलग हैं – केदारनाथ का माइनस 17 और बद्रीनाथ का माइनस 14 डिग्री लोगों को घरों में कैद कर रहा है।
सलाह और आगे का प्लान: कैसे बचें इस कड़ाके की ठंड से?
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून ने साफ कहा है कि ऊंचाई वाले इलाकों में सावधानी बरतें। यात्रियों को फिसलन से बचने के लिए चेन लगाकर गाड़ी चलाने की नसीहत दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने राहत सामग्री बांटनी शुरू कर दी है। पर्यटकों से अपील है कि मौसम साफ होने तक इंतजार करें। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी, इसलिए गर्म कपड़ों का स्टॉक रखें। ये सर्दी उत्तराखंड को यादगार बनाने वाली है, लेकिन सतर्क रहना ही बेहतर। क्या आप भी पहाड़ों की यात्रा प्लान कर रहे हैं? तो पहले मौसम चेक करें!