आज़मगढ़ जिले से एक बेहद चौंकाने वाली और दर्दनाक खबर सामने आई है। ज़िला समाज कल्याण अधिकारी आशीष कुमार सिंह ने आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। बुधवार शाम तक अपने परिवार के साथ सामान्य दिन बिताने वाले अफसर ने गुरुवार सुबह अचानक ऐसा कदम उठाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार 42 वर्षीय आशीष कुमार सिंह मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के पूरे केशवराय मोहल्ले के रहने वाले थे। वह वर्तमान में अमरोहा जिले में समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात थे। बीते दिनों छुट्टियों पर घर आए आशीष की सामान्य दिनचर्या जारी थी। लेकिन 11 सितंबर की सुबह हालात अचानक इस कदर बिगड़े कि चंद मिनटों में खुशहाल परिवार की दुनिया उजड़ गई।
सुबह का घटनाक्रम
गुरुवार सुबह आशीष ऑफिस जाने की तैयारी कर रहे थे। परिवार का कहना है कि उसी दौरान उनकी पत्नी से फोन पर किसी बात को लेकर बहस हो गई। यह झगड़ा कुछ देर तक चलता रहा और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। बताया जाता है कि बातचीत खत्म होते ही वह सीधे अपने कमरे में चले गए। अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। कुछ ही देर बाद जब परिवार के लोगों ने उन्हें आवाज दी, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
बड़ी मुश्किल से दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर का नज़ारा देखकर सबके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। आशीष पंखे से लटकते हुए मिले। आनन-फानन में पुलिस को सूचित किया गया। नगर कोतवाली की टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का ही प्रतीत होता है। फिलहाल, सटीक वजह जानने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और परिवार से पूछताछ का इंतजार है। अधिकारियों ने बताया कि घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेज दी गई है।
स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ का कहना है कि आशीष अफसर बेहद सीधे-साधे और परिवार से जुड़े रहने वाले इंसान थे। उनके इस कदम ने सभी को हैरान कर दिया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
परिवार के ऊपर यह घटना किसी वज्रपात से कम नहीं। कुछ दिन पहले तक जो इंसान पूरे घर की जिम्मेदारी संभाल रहा था, वही अब सबको अकेला छोड़ चला गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों की भारी भीड़ घर में जुटी हुई है।
पत्नी के साथ हुई बहस को लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि आखिर झगड़े का कारण क्या था।
समाज कल्याण विभाग में स्तब्धता
आशीष कुमार सिंह की मृत्यु की खबर मिलते ही अमरोहा समाज कल्याण विभाग में भी मातम छा गया। इनकी तैनाती अमरोहा में भी रही थी। सहकर्मी और वरिष्ठ अधिकारी स्तब्ध हैं। जिनसे रोज बातचीत होती थी, अचानक उनका इस तरह चले जाना सभी को भीतर तक झकझोर गया है।
विभागीय अधिकारियों ने कहा कि आशीष अपने काम को लेकर हमेशा संवेदनशील रहते थे और लोगों की मदद करने के लिए तत्पर रहते थे। उनके असमय निधन से विभाग को अपूरणीय क्षति हुई है।
मनोवैज्ञानिक पहलू
विशेषज्ञ मानते हैं कि पारिवारिक कलह और मानसिक दबाव कई बार इंसान को ऐसे हालात में धकेल देता है, जब वह जीवन को समाप्त करने जैसा कठोर कदम उठा लेता है। समाज में आत्महत्या के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है।
पुलिस ने घटना पर अफसोस जताते हुए लोगों से अपील की है कि अगर कोई तनाव में हो, तो परिवार और दोस्तों से बातचीत करें तथा परामर्श लें। छोटी-सी असहमति को बड़ी त्रासदी में बदलने से रोका जा सकता है।
नतीजा
आज़मगढ़ के इस दर्दनाक मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे अधिकारी, जो आम जनता के दुख-सुख बांटते हैं, खुद अपने मानसिक तनावों को किसी से साझा करने से कतराते हैं? आशीष सिंह की आकस्मिक मृत्यु ने परिवार, सहयोगियों और पूरे समाज को गहरे संकट और सोच में डाल दिया है।