Tigri Ganga Mela 2025 : तिगरी मेले में पहली बार बसाई गई टेंट सिटी, गंगा महाआरती से गूंजा हर-हर गंगे

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भूदेव भगलिया, वरिष्ठ संवाददाता

Tigri Ganga Mela 2025 : अमरोहा का ऐतिहासिक तिगरी गंगा मेला कुछ अलग ही रंग में रंगने वाला है। पहली बार मेले में कुंभ की तर्ज पर भव्य टेंट सिटी बसाई गई है, जो श्रद्धालुओं के लिए सबसे बड़ा आकर्षण बन गई है। गजरौला के तिगरीधाम में गंगा किनारे सेक्टर 5 में दस बीघे से ज्यादा जमीन पर ये टेंट सिटी तैयार की गई है। यहां तीन कैटेगरी के 100 से ज्यादा शिविर हैं, जो घर जैसी सभी सुविधाओं से लैस हैं। किचन, कुर्सियां, मेज, गद्देदार पलंग, हरियाली के लिए पेड़ और बच्चों के लिए पार्क जैसी व्यवस्था – सब कुछ है। नए-नए टेंट इतने चमकदार हैं कि दूर से ही नजर आ जाते हैं। श्रद्धालु यहां पहुंचकर सेल्फी लेने से खुद को रोक नहीं पाते। एसडीएम विभा श्रीवास्तव ने बताया कि ये टेंट सिटी पहली बार बनाई गई है और ये मेले को और भव्य बना रही है।

Tigri Ganga Mela 2025
Tigri Ganga Mela 2025

टेंट सिटी में ठहरना चाहते हैं तो बुकिंग शुरू हो चुकी है। एक शिविर के लिए करीब 50 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे, जिसमें सभी सुविधाएं शामिल हैं। कुछ जगहों पर 15 से 25 हजार तक का किराया भी बताया जा रहा है। बुकिंग के लिए संपर्क नंबर 9837787505 या 9719435623 पर कॉल करें। ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी जल्द शुरू हो सकती है। अगर आप परिवार या दोस्तों के साथ आ रहे हैं तो ये लग्जरी टेंट आपके लिए परफेक्ट हैं। गंगा स्नान के बाद आराम से रेस्ट करें और मेले का मजा लें। प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि इस बार 35 से 40 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे, इसलिए जल्दी बुकिंग कर लें वरना जगह नहीं मिलेगी।

Tigri Ganga Mela 2025

मेले की शुरुआत ही दिव्यता से हुई। देवोत्थान एकादशी पर हवन-यज्ञ और दुग्धाभिषेक के बाद बनारस घाट की तर्ज पर भव्य गंगा महाआरती की गई। मंत्रोच्चार और पीए सिस्टम से पूरी तिगरीधाम मां गंगा के जयकारों से गूंज उठी। हर-हर गंगे के नारे लगाते श्रद्धालु भावविभोर हो गए। मंडलायुक्त आञ्जनेय कुमार सिंह, डीआईजी मुनिराज, डीएम निधि गुप्ता वत्स और एसपी अमित कुमार आनंद जैसे बड़े अधिकारी मौजूद रहे। संतों ने भी आहुतियां डालीं। ये आरती इतनी खूबसूरत थी कि पूरा घाट रोशनी और भक्ति से नहा उठा। रात में ये नजारा और भी जादुई लगता है।

तिगरी मेले में बसाई गई तंबुओं की नगरी

गंगा की रेती पर तंबुओं की एक पूरी धार्मिक नगरी बस गई है। सेक्टर-1 में साधु-संतों के डेरे लगे हैं। जूना अखाड़ा, पंचदशानन आह्वान अखाड़ा, श्रीखड़ दर्शन साधु सेवा समिति और नागा साधुओं के शिविर मेले की शोभा बढ़ा रहे हैं। सुबह से जप-तप, हवन और कीर्तन का सिलसिला चलता है। संत कल्पवास कर रहे हैं और श्रद्धालु उनके दर्शन कर पुण्य कमा रहे हैं। डॉ. कर्णपुरी महाराज ने कहा कि मां गंगा हर साल बुलाती हैं और यहां आकर अध्यात्म का रंग चढ़ जाता है। नरोत्तम गिरी महाराज बोले कि सनातन की यही पहचान है। ये तंबुओं की नगरी मेले को असली आस्था का केंद्र बनाती है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

मेले में भक्ति के साथ मनोरंजन भी खूब है। उद्घाटन के दिन ब्लू बर्ड स्कूल धनौरा के बच्चों ने शानदार प्रस्तुति दी। फिर लखनऊ के नृत्यांजलि फाउंडेशन ने रामलीला मंचन और फोक डांस से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। तालियां बजती रहीं। हर शाम सांस्कृतिक संध्या होती है, जहां लोक नृत्य और रामायण के दृश्य जीवंत हो उठते हैं। टेंट सिटी में भी स्टेज बना है, जहां कार्यक्रम चलते हैं। चारों तरफ अच्छी लाइटिंग है, जो रात को और मजा देती है।

गंगा तिगरी मेला में रात्रि का भव्य नज़ारा

रात में तिगरी मेला किसी जादूई दुनिया सा लगता है। टेंट सिटी की लाइट्स, झूलों की रंग-बिरंगी रोशनी, गंगा घाट पर आरती की चमक और मौत का कुआं जैसे अट्रैक्शन – सब मिलकर कमाल का नजारा बनाते हैं। फेरिस व्हील से ऊपर से देखो तो पूरा मेला जगमगा रहा होता है। श्रद्धालु रात भर जागकर भजन-कीर्तन करते हैं। ठंडी हवा में गंगा किनारे घूमना और लाइट्स में सेल्फी लेना – ये अनुभव जीवनभर याद रहेगा। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, इसलिए बेफिक्र होकर मजा लें।