मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
मुरादाबाद, 06 नवंबर 2025 सर्दी की दस्तक देते ही मुरादाबाद शहर की आबोहवा अचानक खराब हो गई है। तापमान गिरने के साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI ने अलार्म बजा दिया है। पूरे उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद नवें नंबर पर पहुंच गया है, मतलब हवा की हालत बेहद खराब हो चुकी है। शहर के छह मॉनिटरिंग स्टेशनों में काशीराम नगर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित निकली। लोग सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे हैं और सुबह-शाम धुंध की चादर छा जा रही है। नवंबर की शुरुआत से ही ये समस्या बढ़ने लगी है और अगर यही रहा तो आने वाले दिन और मुश्किल हो सकते हैं।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डीके गुप्ता ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ हवा की रफ्तार धीमी पड़ जाती है, जिससे प्रदूषक तत्व हवा में फंस जाते हैं और AQI का स्तर बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि ठंड बढ़ने पर ये समस्या आम है, लेकिन इस बार जल्दी शुरू हो गई। शहरवासी परेशान हैं क्योंकि बाहर निकलते ही आंखों में जलन और गले में खराश शुरू हो जाती है। बच्चों और बुजुर्गों को तो घर में रहने की सलाह दी जा रही है।
काशीराम नगर में हवा सबसे खराब, छह स्टेशनों का हाल
शहर में कुल छह जगहों पर वायु गुणवत्ता की निगरानी हो रही है और इनमें काशीराम नगर टॉप पर है प्रदूषण के मामले में। बाकी स्टेशनों पर भी हालत ठीक नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर शुरू होते ही AQI में उछाल आया है। पहले जहां हवा मध्यम श्रेणी में थी, अब वो खराब कैटेगरी में पहुंच गई है। लोग मास्क लगाकर बाहर निकल रहे हैं, लेकिन धूल और धुएं का मिश्रण सांस को और जहरीला बना रहा है।
मौसम बदलाव का असर, हवा की स्पीड कम होने से AQI बढ़ा
डीके गुप्ता ने आगे समझाया कि जब तापमान गिरता है तो हवा की गति कम हो जाती है। इससे वाहनों का धुआं, निर्माण कार्यों की धूल और आसपास के खेतों से उठने वाला धुआं हवा में घुला रहता है। नवंबर की पहली तारीख से ही ये सिलसिला शुरू हो गया। बोर्ड के अधिकारी कह रहे हैं कि अगर हवा चली तो राहत मिलेगी, वरना AQI और ऊपर चढ़ सकता है। शहर में ट्रैफिक ज्यादा होने से भी प्रदूषण बढ़ रहा है। सुबह और शाम को तो विजिबिलिटी भी कम हो जा रही है।
नगर निगम की मदद से सड़कों पर पानी छिड़काव, क्या मिलेगी राहत?
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि हालात सुधारने के लिए नगर निगम से मदद ली जा रही है। जल्द ही मुख्य सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू होगा ताकि धूल काबू में आए। इसके अलावा लोगों से अपील की जा रही है कि वाहन कम चलाएं, पटाखे न जलाएं और कूड़ा न जलाएं। लेकिन अभी तक कोई बड़ा प्लान नहीं बना है। शहरवासी उम्मीद कर रहे हैं कि ये कदम जल्द असर दिखाएंगे, वरना सर्दी में सांस की बीमारियां बढ़ जाएंगी।
मुरादाबाद पहले से ही इंडस्ट्रियल शहर है और यहां की हवा में फैक्टरियों का धुआं भी घुलता है। ठंड में ये सब मिलकर AQI को खराब कर रहे हैं। डॉक्टर बता रहे हैं कि अस्थमा और सांस के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। स्कूलों में बच्चों को बाहर खेलने से रोका जा रहा है। कुल मिलाकर, शहर की हवा सुधारने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। नगर निगम और प्रदूषण बोर्ड की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। अगर आप मुरादाबाद में हैं तो मास्क जरूर लगाएं और घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। आने वाले दिनों में अगर बारिश हुई तो राहत मिल सकती है, वरना ये समस्या और लंबी खिंच सकती है। प्रदूषण बोर्ड ने वादा किया है कि सड़कों पर पानी छिड़काव से धूल कम होगी और AQI में गिरावट आएगी। शहरवासियों की नजर अब इसी पर टिकी है कि कब से ये काम शुरू होगा और कितना फर्क पड़ेगा।