मुरादाबाद में ट्रेन मैनेजर्स ने दिया धरना, NPS हटाओ, पुरानी पेंशन लाओ की मांग

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मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता -मुरादाबाद। रेलवे स्टेशन पर ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल (AIGC) की सेंट्रल कमेटी के बुलावे पर भारतीय रेलवे के गाड़ी प्रबंधक कैडर ट्रेन मैनेजर्स ने पूरे देश में अपनी बड़ी मांगों को लेकर एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन किया। यह धरना इतना जोरदार था कि हर तरफ बस एक ही नारा गूंज रहा – हमारी मांगें पूरी करो!

धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने जोर-शोर से कहा कि NPS या UPS को फौरन वापस लिया जाए और पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से लागू किया जाए। ट्रेन मैनेजर्स के लिए न्यायसंगत वेतन स्तर तय किया जाए। 01 जनवरी 2024 से रनिंग भत्ते में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए। सभी ट्रेन मैनेजर्स को MACP का फायदा दिया जाए। रेलवे बोर्ड का JPO 24-01-2025 तुरंत रद्द किया जाए। खाली पड़े पदों को फटाफट भरा जाए। रेलवे बोर्ड के संरक्षा निदेशालय की पुरानी ताकत को बहाल किया जाए।

गुड्स ट्रेन मैनेजर और सीनियर गुड्स ट्रेन मैनेजर के पदों की कैडर को 50:50 के अनुपात में फिर से स्ट्रक्चर किया जाए। भारतीय रेलवे में भर्ती न होने वाले सहायक ट्रेन मैनेजर के पद को फौरन हटाया जाए। सबसे खास बात यह रही कि पूरा धरना शांतिपूर्ण तरीके से हुआ और एक भी ट्रेन के संचालन में कोई रुकावट नहीं आई। ट्रेन मैनेजर्स ने साफ दिखा दिया कि वे अपनी मांगें मनवाने के लिए पूरी तरह एकजुट हैं, लेकिन रेल यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होने देंगे।

मुख्य अतिथि और आयोजकों ने भरी हुंकार

इस धरने में AIGC के पूर्व महासचिव आर एन दीक्षित जी मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे और सबको जोश भरा। कार्यक्रम की अध्यक्षता AIGC के जोनल संयुक्त सचिव वैभव मिश्रा ने की। धरने का पूरा आयोजन AIGC मुरादाबाद के मंडल सचिव जीसी शुक्ला ने बखूबी संभाला। मंडल के सारे ट्रेन मैनेजर साथी इसमें शामिल हुए और अपनी एकता का शानदार नजारा पेश किया।

धरने में मंडल सचिव जीसी शुक्ला, जोनल संयुक्त सचिव वैभव मिश्रा, पूर्व महासचिव आर एन दीक्षित, मंडल मीडिया प्रभारी इकरार खान, मंडल कोषाध्यक्ष दीपक कुमार, मंडल उपाध्यक्ष संदीप गिरी, ब्रांच सचिव प्रदीप कुमार शर्मा, अरविंद कुमार सेकंड और बाकी सभी गार्ड्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सबने एक स्वर में मांगें दोहराईं और रेलवे बोर्ड से फौरन एक्शन की गुहार लगाई।

ट्रेन मैनेजर्स का कहना है कि सालों से उनकी अनदेखी हो रही है। रनिंग अलाउंस बढ़ने से उनकी मेहनत का सही मेहनताना मिलेगा। MACP से प्रमोशन के रुके हुए फायदे मिलेंगे। खाली पद भरने से काम का बोझ कम होगा और संरक्षा निदेशालय की ताकत बढ़ने से रेलवे की सुरक्षा मजबूत होगी। सहायक ट्रेन मैनेजर का पद हटने से भर्ती प्रक्रिया साफ-सुथरी होगी। कुल मिलाकर, यह धरना सिर्फ मुरादाबाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे देश में ट्रेन मैनेजर्स की आवाज को बुलंद करने वाला साबित हुआ।

वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो आगे और बड़े आंदोलन होंगे। लेकिन इस बार भी शांतिपूर्ण तरीके से सबकुछ हुआ, जिससे रेलवे की छवि पर कोई असर नहीं पड़ा। यात्रियों ने भी धरने का समर्थन किया और कहा कि ट्रेन मैनेजर्स की मांगें जायज हैं। अब नजर इस बात पर है कि रेलवे बोर्ड कब इन मांगों पर मुहर लगाता है।

यह धरना मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर सुबह से शाम तक चला और हजारों की तादाद में ट्रेन मैनेजर्स जुटे। प्लेकार्ड्स, नारे और जोश से भरे भाषणों ने माहौल को गर्म रखा। AIGC के नेता लगातार रेल मंत्रालय से बात कर रहे हैं ताकि जल्द कोई हल निकले। ट्रेन मैनेजर्स का कहना है कि वे रेलवे की रीढ़ हैं और उनकी अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं।

पूर्व महासचिव आर एन दीक्षित ने कहा कि पुरानी पेंशन वापस लाना जरूरी है, वरना आने वाली पीढ़ी मुश्किल में पड़ेगी। जोनल सचिव वैभव मिश्रा ने रनिंग भत्ते की बढ़ोतरी पर जोर दिया। मंडल सचिव जीसी शुक्ला ने खाली पदों को भरने की मांग को सबसे अहम बताया। कुल मिलाकर, यह धरना सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि ट्रेन मैनेजर्स की एकजुटता का प्रतीक बन गया।

अब देखना यह है कि क्या रेलवे बोर्ड इन मांगों को गंभीरता से लेता है या फिर आंदोलन और तेज होता है। ट्रेन मैनेजर्स ने साफ कर दिया है कि वे हार नहीं मानेंगे।