Moradabad : किसानों की कमाई दोगुनी करने के लिए कृषि निर्यात पर फोकस

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मयंक त्रिगुण, ब्यूरो

मुरादाबाद। किसानों की आय बढ़ाने और विदेशों में उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादों की धूम मचाने के इरादे से मुरादाबाद में एक अहम बैठक हुई। मुख्य विकास अधिकारी मृणाली अविनाश जोशी की अध्यक्षता में बुधवार को जिला क्लस्टर सुविधा इकाई एवं जीआई समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कृषि निर्यात को तेजी देने, क्लस्टर बनाने और जीआई टैग वाले उत्पादों के पंजीकरण पर खुलकर चर्चा हुई। सबका मकसद एक ही – मुरादाबाद के किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाना।

उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 की पूरी डिटेल्स दी गईं

बैठक में ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक और सदस्य सचिव जिला क्लस्टर सुविधा इकाई आशीष कुमार गुप्ता ने उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के तहत मिलने वाले सभी अनुदानों और प्रोत्साहनों की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, नीति में हाल में किए गए नए संशोधनों के बारे में भी सभी सदस्यों को बताया गया। ये संशोधन किसानों और निर्यातकों के लिए काफी फायदेमंद हैं, क्योंकि इनसे क्लस्टर बनाने और निर्यात करने की प्रक्रिया आसान हो गई है।

मुरादाबाद के ये उत्पाद होंगे निर्यात की लिस्ट में

आशीष गुप्ता ने बताया कि कृषि निर्यात नीति के अनुलग्नक-1 (चतुर्थ संशोधन) के अनुसार मुरादाबाद जिले से आम, केला, अमरूद, बासमती चावल, मेंथा, ताजी हरी सब्जियां और आलू को चिन्हांकित उत्पादों की सूची में शामिल किया गया है। ये वो फसलें हैं जिनमें विदेशों में अच्छी डिमांड है।

उन्होंने आगे बताया कि अभी बासमती चावल के दो क्लस्टर तहसील स्तर पर सत्यापन की प्रक्रिया में चल रहे हैं। ये क्लस्टर बनने के बाद निर्यात में बड़ी छलांग लगेगी।

बासमती क्लस्टर को जल्दी पूरा करने के सख्त निर्देश

मुख्य विकास अधिकारी ने बासमती क्लस्टर की प्रगति जानने के लिए उपजिलाधिकारी बिलारी से फोन पर बात की और जल्द से जल्द सत्यापन पूरा करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। साथ ही, उद्यान विभाग से जुड़े उत्पादों जैसे फल-सब्जियों के लिए भी क्लस्टर बनाने की प्रक्रिया तेज करने को कहा। उद्यान विभाग के अफसरों को साफ निर्देश दिए गए कि इसमें कोई ढिलाई नहीं बर्दाश्त की जाएगी।

शहद को भी निर्यात लिस्ट में डालने का प्रस्ताव

बैठक में फैमिली फार्मर मुरादाबाद एफपीओ के निदेशक आरेंद्र बडगोती ने एक अच्छा सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद से शहद को भी अनुलग्नक-1 की सूची में शामिल किया जाए, ताकि शहद का क्लस्टर बन सके और इसका निर्यात बढ़ाया जा सके। ये सुझाव सबको पसंद आया। मुख्य विकास अधिकारी ने तुरंत सदस्य सचिव को निर्देश दिए कि शहद को सूची में शामिल करने का प्रस्ताव जिला क्लस्टर सुविधा इकाई के जरिए सरकार को भेजा जाए। अगर ये हो गया तो मुरादाबाद के शहद उत्पादकों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी।

नए जीआई उत्पादों का रजिस्ट्रेशन तेज करने पर जोर

मुख्य विकास अधिकारी ने सभी संबंधित विभागों से कहा कि जिले में संभावित नए जीआई उत्पादों के पंजीकरण के लिए प्रस्ताव जल्दी भेजें। साथ ही, पहले से रजिस्टर्ड जीआई उत्पाद बासमती चावल के लिए ज्यादा से ज्यादा अधिकृत उपयोगकर्ता बनाए जाएं। इससे स्थानीय किसानों और उत्पादकों को ब्रांड वैल्यू मिलेगी और विदेशी बाजार में उनकी पहचान मजबूत होगी।

निर्यात से जुड़े कोर्सेस में प्राइवेट संस्थानों को भी शामिल करने का फैसला

बैठक में सहायक कृषि विपणन अधिकारी मुरादाबाद मंडल राहुल यादव ने सुझाव दिया कि कृषि निर्यात, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी से जुड़े डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस के प्रोत्साहनों में सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट संस्थानों को भी शामिल किया जाए। मुख्य विकास अधिकारी को ये आइडिया बहुत अच्छा लगा और उन्होंने सहमति जताते हुए जरूरी कार्रवाई के निर्देश दे दिए। इससे युवाओं को ज्यादा मौके मिलेंगे और निर्यात के क्षेत्र में स्किल्ड लोग तैयार होंगे।

बैठक में ये लोग रहे मौजूद

इस महत्वपूर्ण बैठक में उप कृषि निदेशक, उपायुक्त उद्योग, जिला कृषि अधिकारी, सहायक निदेशक मत्स्य, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, उद्यान विभाग के कर्मचारी और समिति के तहत नामित एफपीओ, निर्यातक तथा अन्य सदस्य मौजूद रहे। सबने मिलकर कृषि निर्यात को नई ऊंचाई देने का संकल्प लिया।

ये बैठक मुरादाबाद के किसानों के लिए अच्छी खबर लेकर आई है। जल्द ही क्लस्टर बनने और नए प्रोत्साहनों से निर्यात बढ़ेगा, जिससे किसानों की जेब भर जाएगी।