मुरादाबाद में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जहां तेज रफ्तार डीसीएम ने स्कूटी पर सवार एक दंपती को कुचल दिया। इस भयानक टक्कर में पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पति गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने डीसीएम चालक को तुरंत हिरासत में ले लिया है। यह हादसा पाकबड़ा इलाके में डींगरपुर रोड पर हाशमपुर चौराहे के पास शाम करीब चार बजे हुआ। ऐसे हादसे सड़क सुरक्षा पर फिर से सवाल खड़े कर रहे हैं।
हादसे की पूरी कहानी
अमरोहा जिले के देहात थाना क्षेत्र के पृथ्वीपुर कलां गांव के रहने वाले ध्यान सिंह (45) एक किसान हैं। वह अपनी पत्नी प्रवेश देवी (45) के साथ पाकबड़ा थाना क्षेत्र के रतनपुर कलां गांव में रहने वाली अपनी बेटी सोनम से मिलने गए थे। शुक्रवार की दोपहर को वे बेटी के घर से खुशी-खुशी निकले और स्कूटी पर सवार होकर घर लौट रहे थे। रास्ते में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जैसे ही वे हाशमपुर चौराहे के पास पहुंचे, पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार डीसीएम ने उनकी स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि स्कूटी के परखच्चे उड़ गए। प्रवेश देवी मौके पर ही गिर पड़ीं और उनकी सांसें थम गईं। ध्यान सिंह बुरी तरह घायल होकर सड़क पर गिर पड़े। आसपास के लोग दौड़े-भागे आए और मदद की, लेकिन प्रवेश देवी को बचाया नहीं जा सका। यह दृश्य देखने वालों की रूह कांप गई।
घटना की सूचना मिलते ही पाकबड़ा पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तुरंत घायल ध्यान सिंह को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि उनके शरीर में कई जगह फ्रैक्चर हैं और वे आईसीयू में हैं। प्रवेश देवी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने डीसीएम को जब्त कर लिया और चालक को हिरासत में ले लिया। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि चालक के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने और मौत का कारण बनने के आरोप में एफआईआर दर्ज की जा रही है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि डीसीएम की स्पीड कितनी थी और क्या चालक ने कोई गलती की।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
प्रवेश देवी और ध्यान सिंह का परिवार अब टूट चुका है। प्रवेश देवी की दो बेटियां और एक बेटा हैं। बेटी सोनम, जहां वे मिलने गए थे, वह भी सदमे में है। घर में कोहराम मचा हुआ है। पड़ोसी बताते हैं कि ध्यान सिंह एक मेहनती किसान हैं, जो परिवार की जी-तोड़ कमाई से गुजारा चलाते हैं। प्रवेश देवी घर संभालती थीं और बच्चों की देखभाल करती थीं। अचानक हुई इस मौत ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। रतनपुर कलां और पृथ्वीपुर कलां के लोग परिवार के साथ खड़े हैं, लेकिन इस दुख की भरपाई कैसे होगी? ऐसे हादसे अक्सर गरीब परिवारों को तबाह कर देते हैं, जहां एक सदस्य की मौत पूरे घर की कमर तोड़ देती है।
यह हादसा सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि सड़क पर बढ़ते खतरे की याद दिलाता है। मुरादाबाद जैसे इलाकों में ट्रैफिक बहुत व्यस्त रहता है। डींगरपुर रोड पर अक्सर तेज रफ्तार वाहन दौड़ते हैं, और चौराहों पर सिग्नल या स्पीड ब्रेकर की कमी है। स्थानीय लोग शिकायत करते हैं कि यहां हादसे रोज की बात हो गई है। पिछले कुछ महीनों में ही कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जहां ट्रकों ने बाइक या स्कूटी सवारों को कुचला है। क्या प्रशासन अब जागेगा? क्या सड़क सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे?
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया, जो सराहनीय है। चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। क्या वह नशे में था? या फोन पर बात कर रहा था? ये सवाल जांच में सामने आएंगे। एसपी सिटी ने कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाती है, ताकि दूसरे चालक सबक लें। लेकिन सवाल यह है कि सिर्फ गिरफ्तारी से क्या होगा? सड़कों पर कैमरे लगाने, स्पीड लिमिट चेक करने और जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। मुरादाबाद पुलिस ने हाल ही में ट्रैफिक नियमों पर अभियान चलाया था, लेकिन क्या वह काफी है?
यह हादसा हमें सोचने पर मजबूर करता है कि सड़क पर सफर कितना जोखिम भरा हो गया है। परिवार वाले जब घर से निकलते हैं, तो क्या पता लौटेंगे या नहीं? ध्यान सिंह अब अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। उनकी पत्नी की मौत ने घर की रौनक छीन ली। बेटियां और बेटा मां के बिना कैसे बड़ा होंगे? समाज को भी आगे आना चाहिए। ऐसे परिवारों की मदद के लिए क्या कोई फंड या सहायता है? सरकार को भी सोचना चाहिए कि सड़क हादसों के शिकार परिवारों को मुआवजा और सपोर्ट मिले।
सड़क सुरक्षा पर एक नजर
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे एक बड़ी समस्या हैं। हर साल हजारों लोग मारे जाते हैं। मुरादाबाद जैसे जिलों में ट्रकों और भारी वाहनों की वजह से खतरा ज्यादा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि हेलमेट पहनना, स्पीड कंट्रोल और ट्रैफिक नियमों का पालन जरूरी है। लेकिन क्या हम सब अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं? इस हादसे से सबक लेकर हमें सतर्क रहना चाहिए। अगर चालक थोड़ा सावधान होता, तो शायद यह परिवार बिखरता नहीं। अब न्याय की उम्मीद है, कि चालक को सजा मिले और परिवार को इंसाफ।
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