STF ने पकड़े दो दलाल, UP पुलिस भर्ती परीक्षा पास कराने के मांग रहे थे 10 लाख

पुलिस भर्ती परीक्षा से एक दिन पहले शुक्रवार को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और हरीपर्वत पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक अलीगढ़ और दूसरा भरतपुर का रहने वाला है। पुलिस और एसटीएफ (UP STF) ने इनसे अभ्यर्थी बनकर संपर्क किया था। ठग 10-10 लाख रुपये में पास कराने का ठेका ले रहे थे।
 
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Jagruk Youth News, आगरा UP Police Constable Exam 2024: एसटीएफ आगरा यूनिट और हरीपर्वत पुलिस ने दो दलालों को गिरफ्तार किया है। आरोपी दस-दस लाख रुपए में परीक्षा पास कराने का ठेका ले रहे थे। एसटीएफ आरोपियों के मोबाइल का डाटा खंगाल रही है। इससे कि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने कितने लोगों से बातचीत की है। इनके पास से 47 हजार रुपए, 15 अंक तालिका, पुलिस भर्ती परीक्षा (UP Police Constable Exam) के छह प्रवेश पत्र, तीन मोबाइल और एक कार बरामद हुए हैं। पुलिस आरोपियों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी जुटा रही है।


बता दें, पुलिस भर्ती परीक्षा से एक दिन पहले शुक्रवार को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और हरीपर्वत पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक अलीगढ़ और दूसरा भरतपुर का रहने वाला है। पुलिस और एसटीएफ (UP STF) ने इनसे अभ्यर्थी बनकर संपर्क किया था। ठग 10-10 लाख रुपये में पास कराने का ठेका ले रहे थे। जांच में पता चला है कि उनकी कहीं कोई जुगाड़ नहीं थी, उनका उद्देश्य अभ्यर्थियों को उल्लू बनाकर रकम बनाना था। पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम करतार सिंह निवासी उद्योग नगर, (भरतपुर) हाल निवासी कृष्णा धाम कालोनी बिचपुरी और टिंकू कुमार निवासी नगला परता, इगलास (अलीगढ़) बताया। डीसीपी सूरज कुमार राय ने बताया कि पुलिस और एसटीएफ को खबर मिली थी कि अभ्यर्थियों को फोन करके जाल में फंसाया जा रहा है।


एसटीएफ ने अभ्यर्थी बन कर किया दलालों से संपर्क


सूचना के बाद एसटीएफ आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतेंद्र शर्मा, इंस्पेक्टर हरीपर्वत आलोक कुमार को सक्रिय किया गया। उन्होंने अभ्यर्थियों से नंबर लेकर ठगों से खुद अभ्यर्थी बनकर संपर्क किया। ठग इस जाल में फंस गए और शुक्रवार दोपहर पुलिस ने दीवानी चौराहे के पास बुलाकर कार में बैठे दो ठगों को दबोच लिया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनकी कोई जुगाड़ नहीं है। परीक्षा से पहले वह ठगी के लिए यह तरीका अपनाते थे। वह अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाते थे। उनसे 10 लाख रुपए में परीक्षा पास कराने का ठेका लेते थे। बतौर बुकिंग पेशगी में 25 हजार रुपए लेते थे। अभ्यर्थी के मूल प्रमाण पत्र अपने पास लेकर रख लेते थे। इनमें से 3-4 अभ्यर्थी खुद ही पास हो जाते, इनसे वह 10 लाख रुपए वसूल लेते। असफल होने वाले अभ्यर्थी की रकम नहीं लौटाते थे। मूल प्रमाण पत्र पास होने के चलते अभ्यर्थी शिकायत करने नहीं जाते थे।

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