सावन के अंतिम सोमवार पर बन रहे ये 4 शुभ योग, ऐसे करें शिवजी की पूजा सभी मनोकामना होंगी पूरी

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सावन का अंतिम सोमवार 2025: सावन मास का अंतिम सोमवार, जो इस वर्ष 4 अगस्त 2025 को पड़ रहा है, भगवान शिव की भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है। इस दिन चार शुभ योग—सर्वार्थ सिद्धि योग, इंद्र योग, ब्रह्म योग और रवि योग—का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। यह लेख आपको सावन के अंतिम सोमवार की महत्ता, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, और इससे जुड़े उपायों के बारे में विस्तार से बताएगा। आइए, जानते हैं कि कैसे आप इस पवित्र दिन पर भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस माह में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को शिव भक्त विशेष पूजा-अर्चना और व्रत के माध्यम से भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। सावन का अंतिम सोमवार विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह पूरे महीने की भक्ति का समापन होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर शिवजी जीवन की सभी कठिनाइयों को दूर करते हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।

इस वर्ष, 4 अगस्त 2025 को पड़ने वाला सावन का अंतिम सोमवार और भी खास है, क्योंकि इस दिन चार शुभ योगों का संयोग बन रहा है। ये योग इस दिन की आध्यात्मिक शक्ति को कई गुना बढ़ा देते हैं। जो भक्त पूरे सावन मास में व्रत और पूजा करते हैं, उनके लिए यह दिन उनकी भक्ति की पूर्णता का प्रतीक होता है।

4 शुभ योग और उनका महत्व

इस वर्ष सावन के अंतिम सोमवार पर चार शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन को और भी शक्तिशाली और फलदायी बनाते हैं। आइए, इन योगों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

1. सर्वार्थ सिद्धि योग

सर्वार्थ सिद्धि योग एक अत्यंत शुभ योग है, जो सभी कार्यों में सफलता प्रदान करता है। इस दिन यह योग सुबह 5:44 बजे से रात 9:12 बजे तक रहेगा। इस योग में की गई पूजा और नए कार्यों की शुरुआत अत्यंत फलदायी मानी जाती है।

2. इंद्र योग

इंद्र योग शक्ति, समृद्धि और नेतृत्व का प्रतीक है। यह योग भक्तों को आत्मविश्वास और जीवन में स्थिरता प्रदान करता है। इस दिन शिव पूजा करने से भक्तों को भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

3. ब्रह्म योग

ब्रह्म योग आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस योग में की गई पूजा भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है।

4. रवि योग

रवि योग पूरे दिन प्रभावी रहेगा और यह सूर्य की ऊर्जा से संबंधित है। यह योग स्वास्थ्य, ऊर्जा और सकारात्मकता को बढ़ाता है। इस योग में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

इन चार योगों का संयोग इस दिन को दुर्लभ और अत्यंत शुभ बनाता है। भक्तों के लिए यह दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सुनहरा अवसर है।

शिव पूजा की सही विधि

सावन के अंतिम सोमवार पर शिव पूजा का विशेष महत्व है। नीचे दी गई विधि से आप भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं:

पूजा की तैयारी

  • स्नान और शुद्धता: सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4:20 AM से 5:02 AM) में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। हल्के रंग के वस्त्र, विशेष रूप से सफेद या हरा, शुभ माने जाते हैं।

  • पूजा सामग्री: गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, बेलपत्र, धतूरा, भांग, आक के फूल, चंदन, अक्षत, फल, मिठाई, रुद्राक्ष, और दीपक तैयार करें।

पूजा विधि

  1. संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल लेकर व्रत और पूजा का संकल्प लें।

  2. स्थापना: एक चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।

  3. अभिषेक: शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद, और शुद्ध जल से अभिषेक करें। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग, और आक के फूल अर्पित करें।

  4. शृंगार: माता पार्वती को सोलह शृंगार की सामग्री चढ़ाएं। शिवजी को चंदन, अक्षत, और रुद्राक्ष अर्पित करें।

  5. दीप-धूप: घी का दीपक और धूप जलाएं। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए पूजा करें।

  6. आरती और भोग: शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें। सफेद मिठाई, हलवा, या फल का भोग लगाएं।

  7. प्रार्थना: अंत में भगवान शिव से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना करें।

पूजा के बाद

  • प्रसाद वितरण करें और जरूरतमंदों को दान दें। दान में सफेद वस्त्र, चावल, या दूध देना शुभ माना जाता है।

  • दिन में एक बार फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें।

शुभ मुहूर्त और पूजा का समय

4 अगस्त 2025 को सावन का अंतिम सोमवार कई शुभ मुहूर्तों से युक्त है। ये मुहूर्त पूजा के लिए सर्वोत्तम समय हैं:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:20 AM से 5:02 AM

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 PM से 12:54 PM

  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:41 PM से 3:35 PM

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:44 AM से रात 9:12 PM

  • अमृत काल: मध्यरात्रि 1:47 AM से 3:32 AM (4-5 अगस्त)

  • निशिता मुहूर्त: रात 12:06 AM से 12:48 AM

ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि इस समय आध्यात्मिक ऊर्जा अपने चरम पर होती है।

विशेष उपाय और मंत्र

सावन के अंतिम सोमवार पर कुछ विशेष उपाय और मंत्र जाप करने से भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है:

विशेष उपाय

  1. रुद्राक्ष अर्पण: शिवलिंग पर रुद्राक्ष या रुद्राक्ष की माला अर्पित करें। यह भगवान शिव के आंसुओं का प्रतीक है और इसे चढ़ाने से आर्थिक उन्नति और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

  2. जलाभिषेक: शिवलिंग पर गंगाजल या दूध से जलाभिषेक करें। यह सभी पापों का नाश करता है।

  3. महामृत्युंजय मंत्र जाप: इस मंत्र का 108 बार जाप करें:
    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
    यह मंत्र स्वास्थ्य, दीर्घायु, और अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए अत्यंत प्रभावी है।

  4. शिव आरती: पूजा के अंत में “जय शिव ओंकारा” आरती करें। यह भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।

अतिरिक्त टिप्स

  • पूजा के दौरान शुद्धता और श्रद्धा का विशेष ध्यान रखें।

  • मंदिर में जाकर शिवलिंग का अभिषेक करें या घर पर ही छोटा शिवलिंग स्थापित करें।

  • इस दिन मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन से बचें।

सावन का अंतिम सोमवार, 4 अगस्त 2025, भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक दुर्लभ अवसर है। सर्वार्थ सिद्धि, इंद्र, ब्रह्म, और रवि योग का संयोग इस दिन को और भी शुभ बनाता है। विधि-विधान से पूजा, जलाभिषेक, और मंत्र जाप के साथ आप अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। इस पवित्र दिन का लाभ उठाएं और भोलेनाथ के आशीर्वाद से अपने जीवन को नई दिशा दें।